संवाददाता
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम ने नागर गिरोह के शार्प शूटर आशीष वर्मा को गिरफ्तार किया है। दिल्ली के लक्ष्मीनगर में रहने वाले आशीष को शकरपुर में दर्ज हत्या व हत्या के प्रयास के मामलों में भगोड़ा घोषित किया गया था।
स्पेशल सीपी क्राइम ब्रांच रविन्द्र यादव ने बताया कि इंटरस्टेट सेल में तैनात हवलदार हरेंद्र मलिक को आशीष वर्मा नाम के एक वांटेड अपराधी के बारे में पुख्ता सूचना मिली थी कि वह भारत दर्शन पार्क, पंजाबी बाग, दिल्ली में सुरक्षा गार्ड के रूप में कार्यरत है। इस सूचना पर एसीपी रमेश चंदर लांबा की निगरानी में निरीक्षक मनमीत मलिक के नेतृत्व में उप निरीक्षक सुनील पंवार, हवलदार सोनू तोमर, हरेंद्र मलिक और सिपाही आशीष की टीम गठित की गई । टीम ने पंजाबी बाग, दिल्ली में छापेमारी की और वांछित अभियुक्त आशीष वर्मा को गिरफ्तार किया, जो वहां सुरक्षा गार्ड के रूप में काम करता पाया गया।
पूछताछ के दौरान आरोपी आशीष वर्मा ने थाना लक्ष्मी नगर में आर्म्स एक्ट के तहत हत्या के मामले में अपनी संलिप्तता का खुलासा किया, जिसमें इसके गिरोह के सदस्यों ने मयूर चौहान की बेरहमी से हत्या कर दी, जो कि प्रतिद्वंद्वी छैनू गैंग का सदस्य था।
आरोपी ने एक हत्या के प्रयास में भी अपनी संलिप्तता कबूल की, जिसका केस आर्म्स एक्ट के तहत थाना शकरपुर, दिल्ली में दर्ज किया गया था। इस वारदात में उन्होंने एक खूंखार गैंगस्टर और प्रतिद्वंद्वी गिरोह के सरगना सुंदर भाटी को निशाना बनाने की कोशिश की थी, लेकिन वह उस दिन किसी तरह बच निकला। आरोपी आशीष वर्मा दोनों ही मामलों में वांटेड अपराधी था।
आशीष वर्मा ने बताया कि उसके अलावा उसके 11 अन्य सह आरोपी सुमित चंदेला, अंकित लोहिया, कार्तिक, नीतीश भारद्वाज, विपिन नागर, राहुल गुप्ता, जसवीर उर्फ जस्सा, चिराग, मुदित चौहान, हर्ष लोहिया उर्फ हर्षा गुर्जर व हार्दिक को उपरोक्त दोनों मामलों में पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि 3 अन्य आरोपी नवीन खटाना, खचेदू जाट और गौरव राजपूत अभी भी फरार हैं। आरोपी आशीष वर्मा ने यह भी बताया कि पिछले एक साल से वह नियमित रूप से अपना ठिकाना बदल रहा था और घटना के बाद कभी भी अपने घर नहीं गया। अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए आमतौर पर वह रैन-बसेरो में या फुटपाथ पर रात गुजारता था।
बता दें कि दिल्ली एनसीआर में सक्रिय कुछ क्षेत्रीय और अंतरराज्यीय गिरोह अपहरण, फायरिंग, जबरन वसूली, हमला और हत्या जैसे अपराधों में लिप्त पाए गए हैं। ये गिरोह अपने वर्चस्व के लिए अन्य गिरोहों से भी रंजिश रखते हैं। नासिर गिरोह, छैनू गिरोह, नागर गिरोह और सुंदर भाटी गिरोह ऐसे ही गिरोह हैं।
नागर गिरोह का संचालन विपिन नागर करता है, जो प्रतिद्वंद्वी गैंगस्टर सुंदर भाटी के सदस्य मयूर चौहान की हत्या के मामले में जेल में है। विपिन नागर एक अन्य गिरोह – रणदीप भाटी गिरोह से जुड़ा था, लेकिन एक हत्या के मामले में रणदीप भाटी की गिरफ्तारी के बाद, विपिन नागर ने नागर गिरोह नाम से अपना अलग गिरोह बना लिया। क्षेत्र में अपना प्रभुत्व जमाने के लिए विपिन नागर की छेंनू गैंग के इरफान पहलवान और नोनू गैंग के मयूर चौहान से रंजिश हो गई थी। उनके बीच फायरिंग की घटनाएं आम थीं।
साल 2021 में मयूर चौहान ने विपिन नागर के घर पर फायरिंग की थी, जिसमें उसके बड़े भाई और दिल्ली पुलिस के पीएसओ घायल हो गए थे तभी से विपिन नागर अपने गिरोह के सदस्यों के साथ प्रतिद्वंद्वी मयूर चौहान की तलाश में था। मयूर चौहान ने सुंदर भाटी गैंग में शरण ली और उनसे विपिन नागर को खत्म करने में मदद करने के लिए कहा। वर्ष 2021 में सुंदर भाटी ने विपिन नागर को बंधक बनाकर बेरहमी से पीटा और उसे मरा हुआ समझकर छोड़ दिया, लेकिन विपिन नागर बच गया और उसके बाद उसने सुंदर भाटी और मयूर चौहान से बदला लेने के लिए अपने गिरोह को मजबूत करना शुरू कर दिया।
2 फरवरी 2022 को विपिन नागर ने अपने गिरोह के साथ एक विवाह समारोह में सुंदर भाटी पर हमला किया, लेकिन गलत सूचना के कारण गलत व्यक्ति को निशाना बना लिया और सुंदर भाटी वहां से भागने में सफल रहा। इसके बाद उसी दिन बदला लेने के लिए उसने दिल्ली के लक्ष्मी नगर में मयूर चौहान पर हमला किया और उसे मार डाला। आरोपी आशीष वर्मा दोनों ही वारदातों में शामिल था।