भगवान परशुराम को क्षत्रिय विरोधी घोषित करना सनातन को मिटाने के षड़यंत्र का हिस्सा-महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी
संवाददाता
गाजियाबाद। आज शिवशक्ति धाम डासना में भगवान परशुराम जी का जन्मोत्सव बहुत धूमधाम के साथ मनाया गया जिसमें बहुत बड़ी संख्या में परशुरामवंशीय ब्राह्मणों ने भाग लिया। आज से ही शिवशक्ति धाम डासना में सात दिवसीय माँ बगलामुखी महोत्सव भी आरम्भ हुआ जो माँ बगलामुखी जयंती पर विशाल भण्डारे के साथ पूर्ण होगा।
माँ बगलामुखी महोत्सव के मुख्य यजमान अखिल भारतीय ब्रह्मर्षि महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री प्रवीण त्यागी ने सपत्नीक आज भगवान परशुराम जी की पूजा के उपरान्त भगवान परशुराम जी द्वारा स्थापित शिवलिंग पर विधिविधान के साथ रुद्राभिषेक किया और माँ बगलामुखी महायज्ञ में आहुति समर्पित की।
श्रीपरशुराम जन्मोत्सव पर डासना क्षेत्र के ब्राह्मणों ने अपने हर विवाद और मतभेदों को दरकिनार करके एक साथ महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी के आह्वान पर शिवशक्ति धाम डासना में भगवान परशुराम जी की विधिवत पूजा करके विशाल भंडारे का आयोजन किया जिसमें प्रदीप शर्मा, नारायण पण्डित जी,नितिन शर्मा ने मुख्य भूमिका का निर्वहन किया।
इस अवसर पर शिवशक्ति धाम डासना के पीठाधीश्वर व श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी ने भगवान परशुराम जी के विषय के बताया कि भगवान परशुराम जी ने अन्याय और अत्याचार को समाप्त करने के लिये शस्त्र संधान किया।उन्हें क्षत्रिय विरोधी घोषित करना सनातन के विरुद्ध षडयंत्र का एक हिस्सा है।सत्य तो ये है कि भगवान परशुराम जी केवल उन दुष्टों से लडे थे जिन्होने उनके निर्दोष पिता का अपमान और हत्या की थी।आज प्रत्येक सनातनी को उनका चरित्र अपनाने की आवश्यकता है। आज के महोत्सव में त्यागियों की सभी संस्थाओं के मुख्य कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।