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लोनी विधायक ने लेटर बम से दी धमकी-मावी की पुत्रवधू और कसाना की पत्‍नी को टिकट दिया तो अंजाम….

देखना हाेगा विधायक की धमकी का पार्टी हाईकमान पर कितना हाेगा असर

संवाददाता

गाजियाबाद । गाजियाबाद में भाजपा के टिकटों को लेकर जबरदस्त घमासान मचा है। इस बीच लोनी क्षेत्र से BJP विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने लेटर बम फोड़ दिया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेता उनके धुर विरोधी योगेंद्र मावी की पुत्रवधु या अनिल कसाना की पत्नी को टिकट देने की तैयारी में हैं। योगेंद्र मावी फिलहाल भाजपा OBC मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं तो अनिल कसाना पूर्व ब्लॉक प्रमुख हैं। हालांकि विधायक का आरोप है कि ये दोनों ही रालोद विधायक मदन भैया के करीबी हैं। ऐसा इसलिए किया जा रहा है, ताकि रालोद प्रत्याशी रंजीता धामा चुनाव जीत जाए। विधायक ने इस मामले में राष्ट्रीय अध्यक्ष समेत सभी वरिष्ठ नेताओं को चिट्ठी भेजी है। लोनी विधायक की चिटठी के बाद चेयरमैन पद का चुनाव लड़ाया जाए बीजेपी के लिए यह तय करना आसान नहीं होगा।

ये है विधायक नंदकिशोर गुर्जर का लेटर पढ़िए…

विधायक नंद किशोर ने पार्टी को अब तक दो लेटर लिखकर चेतावनी दी है


‘योगेंद्र मावी बसपा में रहते हुए मुनकाद अली के नजदीकी थे। योगेंद्र इसका फायदा उठाकर महिलाओं से दिल्ली के उद्योगपतियों के खिलाफ मुकदमे कराते थे। इसके बाद मुकदमे खत्म कराने के नाम पर पैसा वसूलते थे। योगेंद्र के भाई रवि मावी और कुख्यात गैंगस्टर बदन सिंह बद्दो को पूर्व में दिल्ली पुलिस ने अरेस्ट किया था। बाद में ये सपा और फिर भाजपा में शामिल हो गए।
2015 में मैं भाजपा का गाजियाबाद जिलाध्यक्ष था। तब बागपत की चांदीनगर पुलिस ने तीन बदमाश पकड़े थे। खुलासा हुआ था कि उन तीनों बदमाशों को योगेंद्र मावी और मनोज धामा ने मेरी हत्या कराने के लिए 30 लाख रुपए दिए थे। 2017 और 2022 के विधानसभा चुनाव में योगेंद्र मावी ने मेरा विरोध किया और मदन भैया (रालोद विधायक) का प्रचार किया था।
अब योगेंद्र मावी अपनी पुत्रवधु चारू को लोनी नगर पालिका परिषद से चेयरमैन का चुनाव लड़ाना चाहते हैं। जबकि चारू भाजपा की सक्रिय सदस्य तक नहीं हैं। तमाम विरोध के बावजूद कुछ बड़े नेताओं के द्वारा कोर कमेटी सदस्यों पर चारू का नाम पैनल में भेजने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। भाजपा में प्रदेश मंत्री बसंत त्यागी की पत्नी ममता त्यागी गाजियाबाद की जिला पंचायत अध्यक्ष हैं। इन्हें चुनाव लड़ाने के लिए योगेंद्र मावी ने तब 2 करोड़ रुपए दिए थे। मेरे पास इसके पुख्ता सुबूत हैं। इसलिए बसंत त्यागी चाहते हैं कि योगेंद्र मावी को टिकट मिले।
मैं योगेंद्र मावी की पुत्रवधु रूचि और अनिल कसाना की पत्नी को प्रत्याशी बनाने का विरोध करता हूं। मैंने कोर कमेटी में इन दोनों नामों पर आपत्ति जता दी है। कुल 26 कार्यकर्ता टिकट मांग रहे हैं। अगर उनमें से किसी को भी टिकट मिलता है तो मैं समर्थन करुंगा और चुनाव जिताउंगा।’

विधायक की निवर्तमान चेयरमैन से भी है मुकदमेबाजी

लोनी नगर पालिका की निवर्तमान चेयरमैन एवं रालोद प्रत्याशी रंजीता धामा पूर्व में भाजपा में थीं, लेकिन उनका लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर से विवाद हो गया। इसमें मुकदमेबाजी हुई और रंजीता के पति जेल भी गए। इसके बाद रंजीता धामा ने रालोद ज्वाइन कर ली। अब रालोद विधायक मदन भैया ने रंजीता धामा को पार्टी से चेयरमैन का टिकट दिला दिया है।

अनिल कसाना व याेगेन्द्र मावी

लोनी नगर पालिका क्षेत्र में दो दर्जन से  ज्यादा लोगों ने भारतीय जनता पार्टी में चेयरमैन पद की दावेदारी ठोकी हुई है । ऐसी स्थिति में भाजपा के नेता यह तय नहीं कर सके की पैनल में किसका नाम शामिल किया जाए व किसका छोड़ा जाए। इसके साथ ही भाजपा के लिए सबसे बड़ी परेशानी का सबब अब लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर बने हुए हैं। नंदकिशोर ने पार्टी को खुली चेतावनी दी है कि यदि योगेंद्र मावी की पुत्रवधू या अनिल कसाना की पत्‍नी का टिकट हुआ तो वह किसी भी हद तक जाने को तैयार है।  उसके खिलाफ चुनाव ही नहीं लगाएंगे बल्कि खुलकर विरोध भी करेंगे। यही कारण है कि भाजपा ने लोनी नगर पालिका चेयरमैन पद के लिए योगेंद्र मावी की पुत्र वधू भाजपा नेता अनिल कसाना की पत्नी का टिकट हुआ तो वे किसी भी हद तक जाने को तैयार है। हालांकि चयन समिति ने 10 नामों का पैनल बनाकर लखनऊ भेज दिया है। अब लखनऊ से चेयरमैन का नाम घोषित होंने के बाद ही साफ होगा कि पार्टी हाईकमान पर विधायक नंद किशोर गुर्जर की धमकी का कितना असर हुआ है।

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