संवाददाता
गाजियाबाद । ट्रोनिका सिटी से 17 फरवरी को लापता हुए राजेश गर्ग मामले में पुलिस ने शुक्रवार को सनसनीखेज खुलासा किया है। पुलिस के अनुसार, राजेश की पत्नी ने अपने किराएदार प्रेमी के संग मिलकर उसकी शामली में हत्या कर दी। शव की पहचान न हो इसलिए उसका गला काटकर बागपत की कृष्णा नदी में फेंक दिया। शामली पुलिस पहले ही अज्ञात शव का अंतिम संस्कार कर चुकी है, जबकि गर्दन का कुछ पता नहीं है। पुलिस ने दोनों हत्यारोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
ट्रोनिका थाना क्षेत्र से 17 फरवरी को लापता हुआ था युवक
डीसीपी रूरल रवि कुमार ने बताया, ट्रोनिका थाना क्षेत्र के सुधीर एन्क्लेव निवासी लाल देवी उर्फ बबीता ने 21 फरवरी को थाने पर आकर अपने पति राजेश गर्ग के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई। बबीता ने बताया, राजेश 17 फरवरी 2023 की रात एक शादी में गए थे और फिर वापस नहीं लौटे।
सौतेली बेटी ने जताया था मां पर शक
पुलिस ने उस वक्त कई जगह खोजबीन की, लेकिन राजेश का कुछ पता नहीं चला था। अब राजेश की बेटी दीपिका अग्रवाल 19 अप्रैल 2023 को थाने पर पहुंची। दीपिका ने अपनी सौतेली मां लाल देवी उर्फ बबीता और किराएदार अक्षय मलिक पर पिता की हत्या करने का शक जताया।
इस आधार पर जब पुलिस ने अक्षय को कस्टडी में लिया और कड़ाई से पूछताछ की तो उसने सारा जुर्म कुबूल कर लिया। जिसके बाद पुलिस ने लाल देवी उर्फ बबीता को भी गिरफ्तार कर लिया है।
संपत्ति के विवाद में रची हत्या की साजिश
पूछताछ में लाल देवी उर्फ बबीता ने बताया, अक्षय मलिक उसके मकान में करीब 2 साल से किराए पर रहता था। एक साल पहले दोनों में अवैध संबंध बन गए। जिस मकान में वे रहते थे, वो 25 गज का था। राजेश 74 गज का एक और प्लॉट खरीदना चाहते थे। बबीता की डिमांड थी कि ये दोनों प्रॉपर्टी उसके नाम की जाए।
जबकि राजेश दोनों प्रॉपर्टी पहली पत्नी की बेटी दीपिका के नाम करने जा रहा था। बता दें कि बबीता, राजेश की दूसरी पत्नी है। इसे लेकर अक्सर दोनों में विवाद होता था। पति राजेश को रास्ते से हटाने के लिए बबीता ने अक्षय संग प्लानिंग बनाई। तय हुआ कि राजेश को मारने के बाद दोनों पति-पत्नी के रूप में साथ रहेंगे और पूरी प्रॉपर्टी पर काबिज हो जाएंगे।
35 वर्षीय अक्षय मलिक मूल रूप से शामली में बाबरी थाना क्षेत्र के गांव भिक्की का रहने वाला है। फरवरी-23 में अक्षय के भांजे आदेश मलिक को चोट लग गई। वो शामली के हॉस्पिटल में भर्ती था। उसे देखने के बहाने अक्षय मलिक, राजेश और बबीता एक साथ चले गए।
17 फरवरी की रात शामली से लौटते वक्त अक्षय ने हाथ तापने के लिए गांव बहावड़ी के पास बाइक रोकी। इसी दौरान अक्षय ने राजेश के सिर में ईंट दे मारी। उसकी मौके पर मौत हो गई। इसके बाद अक्षय-बबीता ने राजेश के मुंह पर पन्नी लपेट दी। गले में रस्सी डालकर शव को खींचकर गन्ने के खेत में फेंक दिया और वापस गांव भिक्की में पहुंच गए।
18 फरवरी की रात को अक्षय फिर से गन्ना काटने वाली दराती लेकर घटनास्थल पर पहुंचा। उसने दराती से राजेश की गर्दन अलग कर दी। गर्दन को पन्नी में रखकर बड़ौत (बागपत) में पुराने पुल से कृष्णा नदी में फेंक दिया। इसके बाद दोनों गाजियाबाद आ गए। किसी को शक न हो, इसलिए बबीता ने खुद मिसिंग रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
पुलिस ने बताया कि राजेश का शव अगले ही दिन शामली पुलिस को बरामद हो गया था। गर्दन नहीं होने से पहचान नहीं हो पाई। इसलिए 72 घंटे बाद शामली पुलिस ने अज्ञात में शव का अंतिम संस्कार कर दिया था। चूंकि अब वारदात को दो महीने बीत चुके हैं, इसलिए नदी में गर्दन का मिलना मुश्किल है। पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त दराती, ईंट और बाइक बरामद कर ली है।