संवाददाता
नई दिल्ली। दिल्ली की आउटर नार्थ जिला पुलिस के साइबर सेल ने जामताडा से संचालित हो रहे पैन इंडिया कस्टमर केयर नंबर घोटाले का पर्दाफाश जामतारा से 05 स्कैमर्स और पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद से एक प्री-एक्टिवेटेड सिम कार्ड आपूर्तिकर्ता को गिरफ्तार करके किया है। इन्होंने करीब 2500 से अधिक लोगों से करोड़ों रुपये ठगे थे ।
पकड़े गए जालसाज कस्टमर केयर फ्रॉड के जरिए गूगल अपने नंबर पोस्ट करते थे। इस गैग को प्री-एक्टिवेटेड सिम कार्ड सप्लाई करने वाले जिस शख्स को मुर्शिदाबाद से पकडा गया है वह लगभग 01 वर्ष की अवधि में जामताड़ा में बैठे जालसाजों को 12,500 सिम कार्ड सप्लाईकर चुका है। पकडे गए जालसाज गूगल प्लेटफॉर्म पर अपने मोबाइल नंबरों को सभी प्रतिष्ठित बैंकों, फ्लिपकार्ट, मिसो और अमेज़ॅन के कस्टमर केयर नंबर के रूप में पोस्ट कर देते थे।
आउटर नार्थ डीसीपी रवि कुमारसिंह ने बताया कि वर्तमान में दुबई में रहने वाली शिकायतकर्ता अपनी बेटी को दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में मिलने के लिए दिल्ली आए थे । वह अपनी बेटी की बैंक पासबुक को अपडेट करवाना चाहते थे और गूगल पर कस्टमर केयर नंबर की तलाश कर रहे थे। उन्होंने उस नंबर यानी 9339099957 पर कॉल किया। उक्त फोन नंबर पर कॉल करने वाले व्यक्ति ने पेशेवर तरीके से बात की और शिकायतकर्ता को व्हाट्सएप के माध्यम से लिंक भेजकर प्ले स्टोर से आगे की सहायता के लिए “एसबीआई एनीडेस्क” एप्लिकेशन डाउनलोड करने के लिए राजी कर लिया । एसबीआई कस्टमर केयर कार्मिक के रूप में प्रस्तुत कर उन्होंने अपनी लोकेशन शेयर करने को कहा और बताया कि अब डिजिटल इंडिया में सब कुछ ऑनलाइन है। फिर जालसाज ने उनसे अपनी नेट बैंकिंग खोलने को कहा। उस व्यक्ति ने एक व्यक्ति को वरिष्ठ अधिकारी बताकर कॉल फॉरवर्ड किया और मोबाइल फोन की रिमोट एक्सैस हासिल की और एसबीआई बैंक खाते से क्रमशः 9,50000/- रुपये और 50,000 रुपये के दो अनधिकृत लेनदेन कर लिए।
इसके बाद पीडित मदद के लिए साइबर क्राइम थाना बवाना पहुंचे। साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन बवाना की एक टीम ने तेजी से प्रतिक्रिया दी और तुरंत एनसीआरपी पोर्टल पर शिकायत दर्ज होने के बाद और सघन मनी ट्रेल कर तुरंत एसबीआई, गूगल, फ्लिपकार्ट और नोडल को मेल लिखना शुरू कर दिया और पैसे को ब्लॉक करने के लिए फोन कॉल करके सतर्क कर दिया । इस संबंध में एक प्राथमिकी संख्या 16/23 धारा 420 आईपीसी भी दर्ज की गई थी और जांच शुरू की गई थी।
मामले का खुलासा करने के लिए एसएचओ साइबर क्राइम/आउटर नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट इंस्पेक्टर रमण कुमार सिंह ने इंस्पेक्टर देवेंद्र, एसआई जगदीप नारा, हवलदार संदीप, विनोद कुमार, रमन, अनिल और कांस्टेबल विकास की टीम गठित की। जिनका सुपरविजन एसीपी ऑपरेशन यश पाल सिंह की देखरेख में किया गया ।
जांच के दौरान कथित फोन नंबरों का कॉल डिटेल रिकॉर्ड मांगे गए, पैसे की लेन-देन और एसबीआई बैंक और बिल डेस्क से रिकॉर्ड में लिए गए विवरण। विश्लेषण करने पर यह पाया गया कि इन व्यक्तियों ने अपने स्थानों को छिपाने के लिए Google वेबपेज ग्राहक फ़ोन नंबरों को बार-बार बदलने के साथ-साथ कॉल फ़ॉरवर्डिंग पद्धति का उपयोग किया। फोन नंबर और IMEI का व्यापक परिप्रेक्ष्य में विश्लेषण किया गया और यह देखा गया कि ये व्यक्ति पैन इंडिया आधार पर संगठित और पेशेवर तरीके से ऑनलाइन साइबर धोखाधड़ी कर रहे हैं।
पुलिस टीम ने तकनीकी सुराग के आधार पर झारखंड पुलिस की एक टीम के साथ ग्राम नवाडीह, नया टोला थाना- कर्मतार जिला जामताड़ा, झारखंड में छापा मारा जहां करमाटार में एक सुनसान जगह से कॉल करते हुए 5 लोगों को पकड़ा। उनकी पहचान
- 1-निजामुद्दीन अंसारी @ निजाम निवासी गांव नवाडीह पीओ शीतलपुर पीएस करमाटार जामताड़ा झारखंड उम्र 23 साल
2. अफरोज आलम निवासी गांव नवाडीह पीओ शीतलपुर थाना करमाटार जामताड़ा जारखंड उम्र 23 साल
3. मो आमिर अंसारी निवासी गांव भितरा पीओ शीतलपुर थाना करमाटार जामताड़ा जारखंड उम्र 22 साल।
4. सरफराज अंसारी निवासी गांव नवाडीह पीओ शीतलपुर थाने करमाटार जामताड़ा जारखंड उम्र 22 साल
5. अफरोज अंसारी निवासी गांव नवाडीह पीओ शीतलपुर थाने करमाटार जामताड़ा जारखंड उम्र 22 साल के रूप में हुई।
उनके पास से अपराध मे प्रयुक्त 25 मोबाइल फोन जिनमें आपत्तिजनक डेटा और फर्जी सिम कार्ड थे बरामद हुये । इसके बाद सभी पांच आरोपियों को कानून की उचित प्रक्रिया के अनुसार गिरफ्तार कर लिया गया।
जांच के दौरान पता चला है कि जामताड़ा साइबर बदमाशों को सिम कार्ड रेजीनगर मुर्शिदाबाद से एक्टिवेशन के बाद सप्लाई किए जाते थे और एक ही मोबाइल फोन में एक दिन में 300 से ज्यादा सिम एक्टिवेट किए जाते थे। इसके बाद एक आरोपी निजामुद्दीन उर्फ निजाम को लेकर एक टीम को मुर्शिदाबाद भेजा गया।
तकनीकी सुराग और निगरानी पर आगे की जांच के दौरान हेरोपारा नटुनपारा झिकरा मुर्शिदाबाद पश्चिम बंगाल से नसीम मालित्य निवासी ग्राम हेरोपारा नटुनपारा झिकरा मुर्शिदाबाद पश्चिम बंगाल उम्र 31 वर्ष को कथित मोबाइल IMEI 866021045801858 और 866021045801866 के साथ पकड़ा गया जिसमें फोन नं (9339099957)चालू किया गया था । इसके अलावा, उसके घर से 9 मोबाइल फोन (Apple, Android और फीचर फोन सहित) बरामद किए गए। इसके अलावा उसके घर से 21761 सिम कार्ड भी बरामद किए गए । साइबर धोखाधड़ी में इन नंबरों के उपयोग का पता लगाने के लिए इन सिम कार्डों के आईएमएसआई नंबर से पता लगाया जा रहा है।
डीसीपी ले बताया कि ये साइबर अपराधी एक आपराधिक साजिश के तहत REGI NAGAR, मुर्शिदाबाद से पूर्व-सक्रिय सिम कार्ड आपूर्तिकर्ता के घातक संयोजन के तहत एक बहुत ही गुप्त तरीके से काम कर रहे थे। ताकि साइबर ट्रेल के दौरान खुद को एजेंसियों की नजरों से बचा सकें, क्योंकि सिम सब्सक्राइबर को कभी पता नहीं चलता था कि उसका सिम जामताड़ा के साइबर ठग इस्तेमाल कर रहे हैं।
वे उपरोक्त तरीके से प्राप्त नंबर को लगभग सभी बैंकों, फ्लिपकार्ट, मिसो और अमेज़ॅन के कस्टमर केयर नंबर के रूप में पोस्ट करते थे और एक बार जब कोई व्यक्ति इन बैंकों या ऑनलाइन शॉपिंग साइटों के कस्टमर केयर नंबर खोजता है, तो दूसरी तरफ का व्यक्ति खुद को इस तरह से प्रदर्शित करता था की वह उस बैंक या ऑनलाइन शॉपिंग साइट के कस्टमर केयर अधिकारी है और उन्हें पहले बैंक का नाम यानी SBI-ANY DESK जोड़कर शेयरिंग / मिररिंग ऐप डाउनलोड करवाते थे और एक बार ऐप इंस्टॉल हो जाने के बाद वे तुरंत पैसे निकाल लेते थे। एक जालसाज एक समय में कॉल करने के लिए 03-04 स्मार्ट मोबाइल फोन रखता था और गांव नवादीह, करमातार, जामतारा में एक दूरस्थ स्थान का चयन करता था जहां पर पुलिस की पहुंच मुश्किल होती है और वे उस जगह की ओर किसी बाहरी व्यक्ति की आवाजाही को देखकर आसानी से भाग सकते थे ।