गाज़ियाबाद

गाजियाबाद में 24 घंटे में 11 नए मामले, फिर से खुलवाए गए बंद पड़े कोरोना वार्ड

संवाददाता

गाजियाबाद। एनसीआर में कोरोना फिर से पैर पसारने लगा है। गाजियाबाद में बीते 24 घंटे के अंदर कोरोना के 11 नए केस मिले हैं। गाजियाबाद, नोएडा और मेरठ में अभी तक कोरोना के एक्टिव केस 69 हो गए हैं। इसके मद्देनजर महीनों से बंद पड़े कोरोना वार्ड खोल दिए गए हैं। हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि पेनिक होने की जरूरत नहीं है। जो मरीज कोरोना पॉजिटिव आ रहे हैं, वे किसी अन्य गंभीर बीमारी या गैस्ट्रोएन्टराइटिस से पीड़ित हैं। मौसम में बदलाव से वायरल का सीजन भी चल रहा है।

दो दिन में गाजियाबाद में मिले 16 केस

गाजियाबाद स्वास्थ्य विभाग के हेल्थ बुलेटिन के अनुसार, 24 मार्च की सुबह 8 बजे तक बीते 24 घंटे में कोरोना के 11 नए केस आए हैं। इससे पहले 23 मार्च को 5 और 22 मार्च को 15 नए केस आए थे। गाजियाबाद में अब कुल एक्टिव मामले 36 हो गए हैं। इसमें 4 मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं और बाकी होम आइसोलेटेड हैं। पूरे मार्च महीने में अब तक 42 केस सामने आए हैं।

गाजियाबाद में सीएमओ भवतोष शंखधर ने अस्पतालों का दौरा किया और चिकित्सा व्यवस्थाएं बेहतर करने के लिए कहा। - Dainik Bhaskar
गाजियाबाद में सीएमओ भवतोष शंखधर ने अस्पतालों का दौरा किया और चिकित्सा व्यवस्थाएं बेहतर करने के लिए कहा।

नोएडा में भी कई दिन से आ रहे कोरोना मरीज

गाजियाबाद से सटे नोएडा में गुरुवार को कोरोना के 5 केस आए थे। इस प्रकार यहां भी एक्टिव केस 30 हो गए हैं। 5 मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं और बाकी होम आइसोलेशन में हैं। नोएडा में रोजाना करीब 500 लोगों की कोरोना जांच हो रही है। मेरठ में भी कोरोना के 3 केस आए हैं।

डॉक्टर बोले- पेनिक होने की जरूरत नहीं

गाजियाबाद में स्वास्थ्य विभाग के जिला सर्विलांस अधिकारी डॉक्टर आरके गुप्ता ने बताया, सरकारी अस्पताल में कोरोना वार्ड खुलवा दिया गया है। यहां फिलहाल चार मरीज भर्ती हैं। वे डॉक्टरों के गहन अध्ययन में उपचार ले रहे हैं। अन्य सभी अस्पतालों को भी अहतियातन निर्देशित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि जिन कोरोना मरीजों को भर्ती होने की आवश्यकता हुई, उन्हें पहले से कोई अन्य गंभीर बीमारी थी। या फिर वे गैस्ट्रोएन्टराइटिस से पीड़ित थे। इस स्थिति में आंतों में जलन और सूजन की समस्या हो जाती है। पाचनतंत्र पर बैक्टीरिया का प्रभाव पड़ने पर ये बीमारी होती है। इसमें दस्त और उल्टी का होना सामान्य होता है। गरमी का मौसम आते ही गैस्ट्रोएन्टराइटिस बीमारी जीवाणुओं को पनपने के लिए उपयुक्त माहौल देती है। ऐसे में लोगों को कोरोना से पेनिक होने की जरूरत नहीं है। हांलाकि चिकित्‍सकों का ये भी मानना है कि कोरोना महामारी अब खात्‍मे के कगार पर है। ऐसी अवस्‍था में वायरस के कमजोर हो चुके वैरीएंट खत्‍म होंने से पहले वातावरण में फैलते हैं।

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