संवाददाता
नोएडा। भारतीय जनता पार्टी के एक पुराने तथा कद्दावर नेता के बेटे पर हुए जानलेवा हमले व बदसलूकी को लेकर नोएडा के भाजपा कार्यकर्ता चुप्पी साधे बैठे हैं। ताज्जुब तो इस बात का है कि एफआईआर दर्ज होने के बाद भी वह ढोंगी व अपराधी बाबा खुलेआम घूम रहा है। नोएडा के चंद भाजपा तथा विपक्षी दलों के नेताओं में यह प्रकरण चर्चा का विषय बना हुआ है।
लोगों का कहना है कि कानपुर देहात स्थित संतोष सिंह भदौरिया उर्फ करौली सरकार बाबा ने अपने पाले हुए गुंडों से डाक्टर सिद्धार्थ चौधरी पर लाठी, डंडों तथा सरियों से हमला कराकर बुरी तरह घायल कर दिया था। उनके सिर पर 10 टांके भी आए थे। डा. सिद्धार्थ ने कानपुर में एफआईआर भी करवाई, लेकिन पुलिस ने जानलेवा हमले के बावजूद गंभीर धाराओं में मामला दर्ज नहीं किया। वहीं अब पुलिस पाखंडी व हमलावर बाबा को गिरफ्तार भी नहीं कर रही है।
भाजपा के पुराने नेता हैं डा. सिद्धार्थ के पिता
आपको बता दें कि डा. सिद्धार्थ चौधरी के पिता डा. वी.एस. चौधरी भाजपा के पुराने नेता के साथ-साथ सेक्टर-27 स्थित विनायक हॉस्पीटल के सीएमडी भी हैं तथा उनका बेटा डा. सिद्धार्थ चौधरी अस्पताल का डायरेक्टर है। वर्तमान में डा. वी.एस. चौधरी भाजपा चिकित्सा प्रकोष्ठ के प्रदेश सहसंयोजक हैं। इसके अलावा टी बोर्ड इंडिया के सदस्य भी हैं। इसके पूर्व वे भाजपा के नोएडा महानगर के जिलाध्यक्ष भी रह चुके हैं। कानपुर में जब उनके बेटे पर कातिलाना हमला हुआ था तब डा. बीएस चौधरी भी अपने बेटे के साथ थे।
अपने ही नेता के पुत्र के हमलावर पर चुप हैं भाजपाई
भाजपा के अलावा अन्य दलों के कार्यकर्ता पूछ रहे हैं कि जब पार्टी अपने ही नेता के पुत्र पर जानलेवा हमला करने वाले पर कार्यवाही नहीं कर पा रही है तो आम आदमी की क्या स्थिति होगी। यह आलम तब है जब बुल्डोजर बाबा के रूप में चर्चित प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ अपराध को लेकर जीरो टॉलरेंस का दावा कर रहे हैं।
सांसद और विधायक भी चुप्पी साधे हुए
इस प्रकरण में न तो नोएडा महानगर व जिले के भाजपा नेता कुछ बोल रहे हैं। वहीं सांसद व विधायक जैसे जनप्रतिनिधि भी इस गंभीर प्रकरण पर चुप्पी साधे बैठे हैं। इसको लेकर विपक्षी दलों के नेता चुटकी लेने से भी बाज नहीं आ रहे हैं।
क्या था घटनाक्रम
बता दें कि कानपुर के बिधनू में लवकुश आश्रम के एक स्वयंभू आध्यात्मिक चिकित्सक संतोष सिंह भदौरिया उर्फ करौली सरकार बाबा और उनके सेवादारों ने नोएडा सेक्टर-48 के रहने वाले डा. सिद्धार्थ चौधरी को बंधक बनाकर मारपीट की थी। इस घटना का वीडियों वायरल हो गया था। जिसके बाद डा. सिद्धार्थ की शिकायत पर विधनु थाने में बाबा करौली व उनके सर्मथकों के खिलाफ डॉक्टर सिद्धार्थ को बंधक बनाने और मारपीट करने के आरोप में आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
डा. सिद्धार्थ का आरोप है कि बाबा के यू ट्यूब पर ‘चमत्कारो से भरे वीडियों से प्रभावित होकर वह भी 22 फरवरी, 2023 को अपने पिता वीएस चौधरी, मां रेणु चौधरी और पत्नी प्रियंका के साथ बिधनू स्थित उनके आश्रम पहुंचे थे। प्राथमिकी में सिद्धार्थ ने कहा कि आश्रम पहुंचने के बाद सेवादारों द्वारा बताई गई प्रक्रिया के अनुसार 2,600 रुपये की पर्ची बनाई गई। इसके बाद शाम चार बजे सभी को बाबा के सामने ले जाया गया। बाबा ने मंत्र पढ़ना शुरू किया और सिद्धार्थ से पूछा कि क्या वह बेहतर महसूस कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने कहा नहीं।
बाबा ने इसे अपना अपमान समझा और बाद में उनके निर्देश पर, उनके सेवादारों और बाउंसरों ने उन्हें एक कमरे में बंद कर दिया और उनकी बुरी तरह पिटाई की। सिद्धार्थ ने कहा, “जब मेरे पिता मुझे बचाने आए तो उन्हें धक्का देकर कमरे से बाहर कर दिया। इसके बाद बाबा के गुर्गों ने मुझे बेरहमी से लात-घूंसों से पीटा और लोहे की रॉड से भी हमला किया, जिससे मेरे नाक और सिर में चोटें आईं। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद से 22 फरवरी, 2023 को डॉक्टर और बाबा की बातचीत का एक वीडियो भी वायरल हुआ है। वीडियो में डॉक्टर को विनम्रता से बाबा से अपनी चमत्कारी शक्तियां दिखाने के लिए कहते हुए देखा जा सकता है। बाद में, बाबा ने कुछ मंत्रों का जाप किया और सिद्धार्थ के अनुरोध पर ऐसा बार-बार किया। जब सिद्धार्थ ने जवाब दिया कि उन्हें कोई असर महसूस नहीं हो रहा है, तो बाबा आग बबूला हो गए। इसके बाद सिद्धार्थ को उनके सेवादारों और बाउंसरों ने मारा पीटा