नई दिल्ली। मरीजों की बढ़ती संख्या के बावजूद दिल्ली में कोरोना की स्थिति बेकाबू नहीं है। आइसीएमआर के महानिदेशक डॉक्टर बलराम भार्गव के अनुसार प्रतिबंधों के हटने और इससे लोगों की आवाजाही बढ़ने के कारण कोरोना के मामलों का बढ़ना सामान्य बात है।
पूरे देश में कोरोना से मरने वाले में महिलाओं की तुलना में पुरुष दोगुना से भी ज्यादा
उन्होंने कहा कि दिल्ली में लोगों के लिए अब और अधिक ऐतिहात बरतने की जरूरत है। वहीं पूरे देश में कोरोना से मरने वालों में पुरूषों की संख्या महिलाओं की तुलना में दोगुने भी ज्यादा है।
सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन हो तो आने वाले दिनों में कमी आ सकती है
दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों के बारे में पूछे जाने पर डॉक्टर बलराम भार्गव ने कहा कि स्थिति जून की तरह बेकाबू नहीं हुई है। उस समय हर दिन चार हजार से अधिक केस आ रहे थे और अब एक हजार से 1400 से बीच आ रहे हैं, जो बहुत ज्यादा नहीं है। उनके अनुसार यदि लोग सोशल डिस्टेंसिंग के निर्देशों का कड़ाई से पालन करें, तो इसमें आने वाले दिनों में कमी आ सकती है।
कोरोना का कहर पुरुषों पर पड़ा ज्यादा भारी: स्वास्थ्य मंत्रालय
मौत के पैमाने पर कोरोना का कहर पुरुषों पर ज्यादा भारी पड़ा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार कोरोना के कारण मरने वालों में 69 फीसद पुरुष और 31 फीसद महिलाएं हैं। उम्र के हिसाब से देखें, तो स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है और जनसंख्या में कम अनुपात के बावजूद 60 साल से अधिक उम्र के लोग की संख्या कोरोना के कारण मरने वालों में सबसे अधिक है। कोरोना के कारण मरने वालों में इस उम्र वर्ग के लोगों का अनुपात 51 फीसद है। उम्र के घटने के साथ-साथ कोरोना के कारण मरने का खतरा भी कम देखा गया है।
गंभीर मरीजों के अनुपात में कोई अहम बदलाव नहीं
इसी तरह कोरोना के कारण गंभीर स्थिति में पहुंचने वाले मरीजों के अनुपात में भी कोई अहम बदलाव नहीं देखने को मिला है। कोरोना के कुल एक्टिव मरीजों में 0.29 फीसद को वेंटीलेटर सपोर्ट पर, 1.92 फीसद को आइसीयू में और 2.70 फीसद को आक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है।