जोधपुर । राजस्थान के जोधपुर जिले में एक ही परिवार के 11 लोगों की मौत को लेकर शुरुआती जानकारी सामने आई है. जिससे लगता है कि 38 साल की लक्ष्मी ने सबको जहर का इंजेक्शन देकर मारा है. लक्ष्मी 75 वर्षीय बुधाराम की बेटी थी. ये सभी पाकिस्तान से आए हुए हिंदू शरणार्थी थे. पुलिस को शव के पास से जहर की शीशियां और इंजेक्शन मिले हैं. पुलिस ने अभी तक की जांच में पाया है कि मरने वाले सभी लोगों को चूहे मारने की दवा का इंजेक्शन दिया गया है. मौके से अल्प्राजोलम टेबलेट भी मिले थे. जो नींद की दवाई के तौर पर इस्तेमाल की जाती है.
पुलिस को शक है कि लक्ष्मी ने ही परिवार के सभी सदस्यों को इंजेक्शन दिया. क्योंकि वह इंजेक्शन देना जानती थी. उसने पाकिस्तान से नर्सिंग का कोर्स किया था. शक गहराने की एक वजह यह भी है कि मरने वाले सभी 10 सदस्यों के हाथ में सूई दी गई है, जबकि लक्ष्मी के पैर में. इससे लगता है कि लक्ष्मी ने पहले परिवार के सदस्यों को हाथ में इंजेक्शन दिया और बाद में अपने पैर में इंजेक्शन लगा लिया. 38 साल की लक्ष्मी की शादी जोधपुर में ही हुई थी, मगर वह ससुराल नहीं जाती थी.
प्रारंभिक जांच में पता चला है कि परिवार वालों के खाने में नींद की गोलियां डाली गई थी और सभी के हाथ में जहर का इंजेक्शन. परिवार का बारहवां सदस्य केवल राम इसलिए बच गया क्योंकि वह खाना खाकर नील गाय भगाते हुए खेत में ही सो गया था. सुबह जब वह घर लौटा तो सबको मृत पाया.
राम और उसके भाई रवि की शादी जोधपुर में एक ही परिवार में हुई थी. इनकी 4 बहनें थी दो पाकिस्तान से नर्सिंग का कोर्स करके आई थीं. बाकी दो का रिश्ता भी जोधपुर के उसी परिवार में हुआ था जिस परिवार में भाइयों का रिश्ता हुआ था. एक बहन पास में ही शादी करके रह रही थी. पारिवारिक क्लेश काफी दिनों से चल रहा था इसी वजह से बुधाराम का एक बेटा वापस पाकिस्तान लौट गया.
दिसंबर 2015 में दोनों ही परिवार पाकिस्तान से आये थे. मृतक का परिवार भी और जोधपुर में रहने वाला परिवार भी. इन्हें भारत की नागरिकता नहीं मिली थी, हालांकि इनका आधार कार्ड बन गया था.
फिलहाल राज्य सरकार ने तय किया है कि सभी 11 लोगों की मौत का पोस्टमार्टम मेडिकल बोर्ड से जोधपुर में कराया जाएगा. मौत भले ही पारिवारिक क्लेश की वजह से हुई है मगर परिवारों के बीच झगड़े की वजह गरीबी है. कुछ दिनों से दोनों परिवार जादू-टोना, टोटका और तांत्रिकों के चक्कर में भी फंसा हुआ था.