नई दिल्ली: उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के मामले में पुलिस जांच चल रही है, लेकिन इस घटना के बाद से इलाके से एक समुदाय के लोग पलायन करने के लिए मजबूर हो रहे हैं. दंगों के लगभग 4 महीने गुजरने के बाद भी यहां पर एक समुदाय के लोग खुद को बेकसूर बता रहे हैं. बताया जा रहा है कि आसपास के दूसरे खास वर्ग के लोगों की धमकियों व उनके दहशत के कारण लोग परिवार सहित अन्य स्थान पर जाने की कोशिश में जुट गए हैं.
मकानों के बाहर लगे पोस्टर
बताया गया कि दंगों के आरोप में पकड़े गए लोगों में एक सुमदाय के लोग हैं. उनके परिवारों का आरोप है कि उन्हें आए दिन धमकियां मिलती रहती हैं. इस कारण समुदाय के कई लोगों ने अपने घरों के बाहर ‘यह मकान बिकाऊ है’ के पोस्टर भी लगा दिए हैं.
नौबत यह है कि ये लोग अब खुलकर बात करने से भी कतरा रहे हैं और पुलिस से भी इस मामले में शिकायत करने से डर रहे हैं. उनका कहना है कि पुलिस ने पहले उनकी बात नहीं सुनी तो अब पुलिस के पास जाकर क्या फायदा, पुलिस कुछ नहीं करेगी.
बता दें कि 24 फरवरी को उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए सांप्रदायिक दंगों में दर्जनों लोगों को जान गंवानी पड़ी थी. जिसके बाद भारी संख्या में लोगों को संपत्ति का नुकसान भी हुआ था. आरोप है कि इस मामले में एक समुदाय के 16 लोगों को जेल भेज दिया गया. जो घटना के वक्त मौके पर नहीं थे या अपने घरों में थे या फिर खुद पुलिस को सूचित कर उनके साथ अन्य लोगों की मदद कर रहे थे.
इन इलाकों में दहशत का माहौल
मौजपुर, मोहनपुरी, मधुबन मोहल्ला इलाके में रहने वाले कई परिवार दहशत में हैं. ऐसे में कई लोगों ने अपने घरों के बाहर ‘यह मकान बिकाऊ है’ के पोस्टर भी लगा दिए हैं और यहां से पलायन करना चाहते हैं. मधुबन मोहल्ले में रहने वाले महेश ने कहा है कि पिछले 4 माह से उनके बेटे को बेकसूर होने के बावजूद जेल में डाला है.
उनके बेटे ने खुद पुलिस को फोन करके घटना की जानकारी दी थी. अब आसपास के एक खास समुदाय की तरफ से भी धमकियां मिल रही हैं. यहां नहीं रहने देंगे. घोंडा में उनकी दुकान को भी दंगाइयों ने नुकसान पहुंचाया था.
आर्थिक तंगी की मार
मोहनपुरी, मौजपुर के चौहान परिवार के सामने भी समस्या बनी हुई है. परिवार की महिला पूजा ने डरते हुए कहा कि उनके पति और जेठ को पुलिस ने बंद कर दिया और निर्दोष होने के कारण भी अभी तक नहीं छोड़ा है. वह बाहर नहीं आ सकते हैं. उन्होंने कहा कि आर्थिक तंगी लगातार बढ़ रही है, उधार मांग कर गुजारा हो रहा है. मौजपुर में नूर ए इलाही रोड के समीप रहने वाले कृष्ण वीर का परिवार भी दहशत में है.