गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में कोरोना के बढ़ते मामलों के बाद प्रशासन ने होटल एलाइट और होटल तरु-इन को कोविड केयर सेंटर के रूप में संचालित करने का फैसला किया है। इसके बारे में गाजियाबाद के डीएम की तरफ से प्रस्ताव अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य को भेजा गया था। अपर मुख्य सचिव ने इन दोनों होटल के 95 कमरों में कोविड केयर L1+ सुविधा संचालित किए जाने की अनुमति दे दी है, जिसमें भर्ती होने वाले कोरोना संक्रमित (लक्षण रहित) मरीजों को अपने खर्चे पर ही इन होटल में रखा जाएगा। मरीज को जो पैसे चुकाने होंगे उनमें रहने और खाने के खर्चे भी शामिल किए गए हैं।
इन कोविड-19 सेंटर में L 1 + की चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी, इसके एवज में रोजाना डॉक्टर्स की एक टीम 8 घंटे की 3 शिफ्ट में इस सेंटर्स पर तैनात रहेंगे। इसमें एक एम.बी.बी.एस., एक आयुष डॉक्टर्स, दो नर्सिंग स्टाफ और एक फार्मासिस्ट मौजूद रहेंगे। यहां पर भर्ती होने वाले मरीजों को एकमुश्त 2000 रुपये की अदायगी करनी पड़ेगी, जोकि चिकित्सा सेवाओं के खर्च के रूप में स्वास्थ्य विभाग को देना होगा। साथ ही अपने इलाज के लिए सहमति पत्र भी मरीजों को साइन करने होंगे।
डॉक्टर्स की टीम जो इन सेंटर्स पर तैनात होगी, उनको पास के ही किसी होटल में ठहरने की व्यवस्था की जाएगी। सीएमओ द्वारा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि अस्पताल में आने वाले मरीजों को ऐम्बुलेंस की सेवाएं मुहैया कराई जा सके। साथ ही कम से कम 6 ऑक्सीजन सिलेंडर भी इस सेंटर्पस पर उपलब्ध होंगे। गाजियाबाद के डीएम अजय शंकर पाण्डेय ने बताया कि कई सक्षम लोगों द्वारा होटल आइसोलेशन की मांग उठी थी, जिसके बाद उन्होंने पेड सर्विसेज के हिसाब से होटल कोविड केयर सेण्टर के संचालित के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा गया था। जिस पर अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य ने सहमति प्रदान की है, शनिवार से ये सुविधाए शुरू कर दी गई हैं। जो भी इच्छुक व्यक्ति यहां आना चाहेगा उसे होटल के कमरो में रख उसका इलाज किया जाएगा।
कोरोना संक्रमित (लक्षण रहित ) मरीज को कितना करना होगा खर्च?
अपर मुख्य सचिव द्वारा डीएम को भेजे गए पत्र के मुताबिक, जो भी कोरोना संक्रमित मरीज होटल इलाइट और तरु इन में इलाज कराएंगे उनके सिंगल रूम ऑक्युपेंसी पर रोजाना 1500 खर्च करने होंगे जबकि कमरे में दो लोगों के रहने का खर्च दो हजार प्रतिदिन होगा। ये खर्च खुद मरीज को वहन करने होंगे। इसमें कमरे के किराए से लेकर खाने-पीने का खर्च भी शामिल किया गया है। यह स्पष्ट किया गया है की होटल की साफ-सफाई का खर्चा होटल को उठाना होगा और अगर कोई मरीज तबीयत बिगड़ने पर कोविड L2 या फिर कोविड L-3 अस्पताल में शिफ्ट किया जाता है तो फिर होटल को उसका जमा कराई गई, अतिरिक्त धनराशि को मरीज को वापस करना होगा।
इन लोगों को नही मिल सकेगी होटल की चिकित्सा सुविधा
होटल के चिकित्सा सुविधा सेंटर्स में 65 साल से अधिक उम्र के व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों को भर्ती नहीं किया जाएगा, इसमें वे मरीज भी शामिल हैं, जोकि कोरोना संक्रमित होने के बावजूद किसी अन्य गंभीर बीमारी से भी ग्रसित हैं। उन्हें भी इस सेंटर में ठहरने की अनुमति नहीं होगी।
जारी आदेश में यह भी साफ किया गया है कि अगर किसी मरीज की तबीयत बिगड़ती है तो उसे तत्काल कोविड के L-2 और L-3 हॉस्पिटल में ट्रांसफर किया जाएगा। होटल के कोविड केयर सेण्टर में कोरोना के संक्रमण का खतरा अधिक है इसलिए सेंटर पर वे सभी कोरोना प्रोटोकॉल फॉलो किए जाएंगे, जोकि सुरक्षा के नजरिए से डॉक्टर्स की टीम और होटल के स्टाफ के लिए जरूरी हैं, जिसमें पीपीई किट, मास्क और सैनिटाइजर भी शामिल किए गए है।