दिल्ली। डायबिटीज के रोगियों को कोरोना संक्रमण का अधिक खतरा है। क्योंकि इन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने के कारण कोरोना बहुत जल्दी इन्हें अपनी चपेट में ले लेता है। ऐसी जानकारी कोरोना संक्रमण के शुरुआती दौर से ही हेल्थ एक्सपर्ट्स द्वारा दी जा रही है। हाल ही की गई एक रिसर्च में यह बात सामने आई है कि कोरोना पॉजिटिव डायबिटिक मरीजों में मरनेवाले लोगों का आंकड़ा 42 प्रतिशत से अधिक है। लेकिन इन लोगों को बचाया जा सकता था…
हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि जो लोग डायबिटीज से ग्रसित हैं और अगर उन्हें कोरोना हो जाता है तो अब तक ऐसे करीब 42 प्रतिशत लोगों की मौत हुई है। लेकिन इनकी मृत्यु का कारण कोरोना नहीं बल्कि इनकी शुगर का स्तर बढ़ना रहा। वेस्टर्न केप हेल्थ (Western Cape Health) के शोधकर्ताओं का कहना है कि कोरोना संक्रमण बढ़ने के बाद से हॉस्पिटल्स में भर्ती हुए ज्यादातर डायबिटिक मरीजों का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया है।
ये आंकड़े भले ही विदेश के हैं लेकिन अपने देश में भी स्थिति बहुत अच्छी होने की अपेक्षा नहीं की जा सकती है। क्योंकि हमारा देश तो पूरी दुनिया में डायबिटीज की राजधानी है। जी हां, जितने शुगर के मरीज हमारे देश में हैं, उतने और किसी देश में नहीं हैं। यह बात जरूर हैरान करती है कि आयुर्वेद की धरती पर डायबिटीज ने इतने पैर कैसे पसार लिए!
डायबिटीज के रोगी रखें इन बातों का ध्यान
जिन लोगों को डायबिटीज की बीमारी है, उन्हें इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए कि कोरोना संक्रमण का कोई भी लक्षण दिखने पर तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें। यदि आपके डॉक्टर आपको कोविड-19 का टेस्ट कराने की सलाह दें तो ऐसा जरूर कराएं।
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, डायबिटीज के उन्हीं रोगियों की कोरोना संक्रमण होने पर मृत्यु हुई, जिन्होंने शुरुआती स्तर पर अपनी बिगड़ती सेहत पर ध्यान नहीं दिया। यदि ये लोग सतर्कता बरतते हुए शुरुआती स्तर पर ही डॉक्टर्स से संपर्क करते तो इनकी शुगर को खतरनाक स्तर तक पहुंचने से रोका जा सकता था।