गाजियाबाद: जिले के साहिबाबाद में कुछ प्राइवेट कंपनियों की वजह से नालों की सफाई नहीं हो पा रही है. ऐसे में आने वाले मानसून में जलभराव का खतरा पैदा हो गया है. इसके चलते नगर निगम ने 25 कंपनियों को नोटिस भी जारी किया था. इन कंपनियों को एक हफ्ते में जवाब देने के लिए कहा गया था, लेकिन नोटिस दिए जाने के 4 दिन बाद भी कंपनियों की तरफ से जवाब नहीं दिया गया है.
मानसून में जलभराव का खतरा
आपको बता दें, साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र के आसपास कई बड़ी कंपनियों के बाहर नालों को ढका गया है. साल 2008 से 2012 के बीच हुए अनुबंध की शर्तों के तहत, कंपनियों को इजाजत दी गई थी कि वो नालों पर स्लैब डाल लें. लेकिन शर्त में ये भी कहा गया था कि नालों की साफ-सफाई में कंपनियों को सहयोग करना होगा.
साथ ही नाले का फ्लो इस वजह से बाधित नहीं होना चाहिए. मगर नालों का फ्लो बाधित हो गया है. जिसके चलते आने वाले मानसून में जलभराव की समस्या का सामना लोगों को करना पड़ सकता है. नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि कंपनियों ने नोटिस का जवाब नहीं दिया, तो उन पर आगे की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
तैयार नहीं है गाजियाबाद
ईटीवी भारत ने पहले ही अपनी रिपोर्ट में दिखाया था कि गाजियाबाद मानसून के लिए तैयार नहीं है. आने वाले वक्त में जब पूरी तरह से मानसून आएगा, तो गाजियाबाद को जलभराव का सामना करना पड़ेगा.
हाल ही में भी थोड़ी सी बारिश के बाद ही जलभराव हो गया था. नगर निगम जो कार्रवाई अब कर रहा है, अगर वो 1 महीने पहले ही, पूरी तरह से अमल में लाई गई होती. तो शायद स्थिति खराब होने का खतरा नहीं होता. देखना ये होगा कि कब तक नालों की पूरी तरह से सफाई करवा ली जाती है.