दिल्ली की सबसे ज्यादा और आबादी के तीन जिलों पूर्वी दिल्ली, उत्तर पूर्वी दिल्ली और शाहदरा में नागरिक सुविधाओं का संचालन करने वाली ईस्ट एमसीडी ने कोरोना महामारी के काल में बेहद सराहनीय कार्य किया है। ईडीएमसी में निगमायुक्त के ओएसडी अमन राजपूत एक तेज तर्रार, युवा, ईमानदार और कर्मठ अधिकारी हैं। लॉकडाउन में उनकी रात दिन की मेहनत व लग्न के कारण पूर्वी दिल्ली में लॉकडाउन के दौरान साफ-सफाई तथा सेनेटाइजेशन के कारण न सिर्फ कोरोना से बचाव के उपाय किए गए बल्कि गरीब और जरूरतमंदो को भोजन व राशन वितरण कर सहायता पहुंचाई गई। लेकिन अमन राजपूत बेहद विनम्रता से अपनी मेहनत का सेहरा अपनी टीम के कोरोना योद्धा सफाईकर्मियों के सिर पर बांधते है, जिन्होंने रात दिन एक करके शहर को कोरोना से बचाने की जंग लड़ी। विशेष खबर ने उनसे लॉकडाउन के दौरान और उसके बाद के बेहद संजीदा मुद्दो पर बात की जिनका अमन राजपूत ने विनम्रता से जवाब दिया।
अचानक हुए लॉकडाउन के बाद निगम के अधिकारियों व कर्मचारियों को किस तरह की
परेशानियां का सामना करना पड़ा?
देखिए नगर निगम ऐसी संस्था होती है जिसकी पहुंच जमीन स्तर तक होती है। जब देश भर में
लॉकडाउन हुआ तो हमारे सामने सबसे बडी परेशानी ये आई कि जमीन स्तर पर काम करने वाले कर्मचारी जिनमें ज्यादातर सफाईकर्मी होते हैं, उन्होंने इससे पहले किसी आपातकालीन परिस्थिति का सामना नहीं किया था। उच्च पदों पर काम करने वाले अधिकारियों के लिए भी ये एकदम नया अनुभव था। इसलिए हमने सबसे पहले कोरोना से बचने वाले उपायों को ध्यान में रखकर सभी सफाई कर्मचारियों का मनोबल बढाकर उन्हें अपने इमरजेंसी फंड से मास्क, सेनेटाइजर, दस्ताने और पीपीई किट जैसे उपकरण उपलब्ध करवाएं ताकि सफाई, सेनेटाइजेशन, घरों व अस्पतालों से कूडा उठाने के काम में कोई रूकावट न आए। हमने कर्मचारियों का मनोबल बढाने के लिए बार-बार उनके साथ उनके सुपरवाइजर्स के माध्यम से संपर्क बनाया। कुछ कर्मचारी कोरोना से बाद में संक्रमित भी हुए लेकिन हमने कभी भी उनका मनोबल नहीं टूटने दिया क्योंकि कोरोना से लड़ाई में सफाईकर्मी ही हमारे असली योद्धा थे। हमने ये भी फैसला किया की चाहे जो भी हालात हो हमें अपने कोरोना योद्धाओं के सेलरी समय पर देनी है ताकि वे अपनी चिंताओं से मुक्त होकर कोरोना के खिलाफ जंग लड़ सके। आखिर इन्हीं की मेहनत से हमने ये जंग जीतने में सफलता पाई।
तमाम परेशानियों आई होंगी, लेकिन इसके बावजूद ऐसी क्या् उपलब्ध्यिां रही? जिससे आप निगम के काम पर संतोष जाहिर कर सकते हैं।
सबसे बड़ी बात हैं कि हमने जनता का विश्वोस जीता। अतीत में सफाईकर्मियों की हडतालों के
कारण कई बार सफाई ना होंने से जनता को परेशानी उठानी पड़ी थी। लेकिन लॉकडाउन के दौरान हमारे सफाईकर्मियों ने जिस तरह हर दिन सड़कों, गलियों की सफाई, कूडा उठाने और सेनेटाइजेशन के काम को अंजाम दिया उससे न सिर्फ सफाई कर्मचारियों बल्कि नगर निगम जैसी संस्था के प्रति लोगों में सम्मान पैदा हुआ। इसके अलावा हमारा तीन बातों पर फोकस रहा पहला सफाई और सेनेटाइजेशन का काम, दूसरा लोगों को खाने का वितरण और तीसरा अपने असली कोरोना योद्धाओं यानि सबसे निचले स्तर के कर्मचारियों को कोरोना की महामारी से बचाकर रखना। सौभाग्य से हमने तीनों काम में उपलब्धियां हासिल की।
लॉकडाउन के कारण निगम के राजस्व में आई कमी होगी के बाद अब राजस्व जुटाने के लिए किस तरह के प्रयास किए जा रहे हैं?
निश्चित तौर पर एमसीडी के अपनी आय के सीमित स्रोत होंते है मसलन प्रोपर्टी टैक्स, लाइसेंस
रिन्यूअल फीस, एडवरटाइजमेंट फीस, पार्किंग से मिलने वाला शुल्क व ट्रेड टैक्स । लेकिन लॉकडाउन के कारण अचानक ये तमाम राजस्व आने बंद हो गए। इस दौरान हमने अपने जरूरी खर्चो को चलाने के लिए सबसे पहले गैर जरूरी खर्चो पर रोक लगाई, पुराने और कबाड में पड़े जरूरी उपकरणों को ठीक करवाकर उन्हें काम में लाया गया, जिससे हमारे खर्चे बचे। इसके अलावा अपने वेंडर्स को हमने तीन महीने तक ट्रेड लाइसेंस फीस जमा करने से छूट देकर पहले राहत दी फिर अनलॉक शुरू होंने पर उनके सामने प्रस्ताव रक्खा कि उन्हें तीन चरणों में किस तरह ये फीस चुकानी है। संपत्ति कर से हमारा बडा राजस्व आता है। लिहाजा हमने संपत्ति कर दाताओं को लॉकडाउन के दौरान आॅनलाइन कर चुकाने पर छूट का लाभ दिया तथा अनलॉक शुरू होंने पर 30 जून तक संपत्तिकर जमा करने पर जुर्माने से बचने का सुझाव दिया। हमने आरडब्लूरए तथा पार्षदों के सहयोग से कैंप लगाकर संपित्त कर जमा कराने के आयोजन किए। इन तमाम प्रयासों से हमने किसी तरह अपने राजस्व को जुटाने में सफलता प्राप्त की।
लॉकडाउन की व्यस्तता के कारण मानसून तथा मच्छर जनित बीमारियों से निबटने के लिए क्या उपाय किए गए है?
नगर निगम में मानसून से निबटने के लिए अलग से कुछ विभाग हैं जो फरवरी महीने के बाद से ही नालों व सीवर की सफाई, यमुना में लार्वा के छिडकाव का काम और मलेरिया तथा डेंगू जैसी बीमारियों को रोकने के लिए दवा छिडकाव काम काम करती है। इन कामों में लॉकडाउन के कारण जो कमी आ गई थी उसे अब युद्ध स्तर पर पूरा किया जा रहा है।
निगम को लॉकडाउन के दौरान दिल्ली सरकार से किस तरह के सहयोग मिला या किस तरह का सहयोग अपेक्षित था
दिल्ली सरकार के कुछ महकमों को सरकार के दिशा निर्देश के बाद हमारे साथ मिलकर काम करने के निर्देश दिए गए थे, जिनका हमे भरपूर सहयोग मिला खासतौर से दिल्ली पुलिस तथा शिक्षा विभाग के स्कूलों का। दिल्ली सरकार ने आपदा के लिए कुछ फंड ईडीएमसी को देने का वायदा किया था जिसका हमें इतजार है। चूंकि सरकार के पास भी अभी फंड की कमी है, हमें उम्मीद है ये फंड जल्द मिल जाएगा।