नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में छतरपुर स्थित राधा स्वामी सत्संग व्यास कोविड केयर सेंटर शुक्रवार से मरीजों के लिए शुरू होने जा रहा है। 10 हजार बेड की क्षमता के साथ देश के सबसे बड़े इस सेंटर में फिलहाल एक हिस्से के दो हजार बेड पर ही मरीज ठहराए जाएंगे। संभावना है कि जुलाई के पहले सप्ताह में यह अपनी पूरी क्षमता के साथ काम करेगा।
दक्षिणी दिल्ली में करीब तीन सौ एकड़ जमीन पर यह सेंटर तैयार किया गया है। परिसर के अंदर 12 लाख 50 हजार वर्ग फुट में फैला एक शेड है, जिसमें कोरोना संक्रमितों के लिए दस हजार बेड लगाए जा रहे हैं। इस शेड में तीन लाख लोग एक साथ बैठकर सत्संग सुन सकते हैं। करीब 22 फुटबॉल मैदानों से भी बड़े क्षेत्र में बनाए गए इस कोविड सेंटर में मरीजों के इलाज, खान-पान, शौचालय व अन्य सभी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी।
गत्ते के बायोडिग्रेडेबल बेड
सामान्य बेड के अलावा यहां गत्ते के बने बेड लगाए गए हैं। ये बेड जल्दी तैयार किए जा सकते हैं। इनकी लागत भी कम आती है और इन्हें सेनेटाइज करने की आवश्यकता नहीं है। ये पूरी तरह बायोडिग्रेडेबल हैं। संक्रामक बीमारी को देखते हुए यह बेड ज्यादा प्रभावी साबित होंगे।
1200 स्वास्थ्यकर्मी
यहां दस हजार मरीज रुक सकते हैं, जिनकी देखभाल के लिए यहां 400 डॉक्टर और 800 नर्स तैनात किए जाएंगे। इस परिसर में 600 शौचालय, 70 मोबाइल शौचालय आदि यूरिनल व पक्के स्नानघर हैं। यहां आईटीबीपी की तैनाती की गई है। व्यवस्था का जिम्मा आईटीबीपी ने संभाल लिया है।
तीनों भागों में विभाजित
सेंटर को तीन भागों में विभाजित किया गया है। पहले व सबसे बड़े भाग में मरीज, दूसरे में स्वास्थकर्मी नर्स व डॉक्टर और तीसरे में इसका नियंत्रण कक्ष होगा। यहां कुछ बेड के साथ ऑक्सीजन सिलेंडर भी लगे होंगे। पैथोलॉजी लैब भी बनाई जा रही है। जरूरी टेस्ट को मौके पर ही किया जा सकेगा। जरूरत पड़ने पर बेड पर ही ऑक्सीजन की सुविधा मिल सकेगी।
ट्रॉली में मिलेगा भोजन
सत्संग के स्वयंसेवी ट्रॉली में लोगों को भोजन देंगे। यहां तीन लाख लोगों के लिए भोजन बनाने की सुविधा है। प्रत्येक बेड के साथ फोन व लैपटॉप चार्जर की सुविधा रहेगी। लैपटॉप में ऑडियो-वीडियो हेडफोन पर सुननी होगी।
अहम खासियतें
– पांच फीट की दूरी पर एक बेड
– प्रत्येक बेड के पास बैठने के लिए एक चेयर, पानी की बोतल, स्टूल, कूड़ेदान, साबुन आदि
– 18 हजार टन क्षमता वाला एसी, पंखे लगे हुए
– गत्ते व मुड़ने वाले लोहे के बेड
– 1.7 लाख लीटर भूमिगत पानी का का जलाशय, जल बोर्ड दिन में पांच बार पानी के नमूनों की जांच करेगा
– एमटीएनल के लैंड लाइन फोन होंगे और इंटरनेट की गति के लिए टावर लगाए जा रहे हैं