नई दिल्ली। कोरोना के चलते दिल्ली में बढ़ी मौतों का असर श्मशान घाट पर भी दिख रहा है। निगम बोध घाट पर प्लेटफार्म के साथ-साथ यमुना किनारे भी कोविड शवों का संस्कार किया जाने लगा है। यहां पांच सौ शवों के संस्कार के लिए लकड़ी का इंतजाम किया गया है। पूर्वी दिल्ली में गाजीपुर और सीमापुरी को कोविड श्मशान घाट बनाया गया था। यहां भी शवों की संख्या बढ़ने लगी है।
निगम बोध घाट पर प्लेटफार्म कम पड़े तो कोरोना मरीजों के लिए यमुना किनारे अंतिम सस्कार की व्यवस्था की गई है। निगम बोध घाट तक 500 से ज्यादा लोगों के लकड़ी से अंतिम संस्कार की व्यवस्था कर ली गई है। सीएनजी की तीनों मशीनों पर भी कोरोना पीड़ितों के शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है। इसके चलते रोज 18 शवों का अंतिम संस्कार वहां भी हो रहा है। फिलहाल प्लेटफार्म और यमुना किनारे अंतिम संस्कार शुरू होने से अब घाट पर शवों के अंतिम संस्कार में कोई दिक्कत नहीं आ रही है। यहां वीआईपी प्लेटफार्म को शामिल कर करीब सौ प्लेटफार्म हैं।
संस्कार के लिए पर्याप्त सामान
निगम बोध घाट श्मशान गृह की सोसायटी के पदाधिकारी सुमन कुमार गुप्ता ने बताया कि घाट पर 500 से ज्यादा लोगों के अंतिम संस्कार के लिए लकड़ियां मौजूद हैं। इसके साथ ही अन्य सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त हैं। यहां शवों की संख्या रोज 80 से 85 तक जा पहुंच रही है। आम शवों और संक्रमित शवों के लिए अलग-अलग व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि शुरुआती दिनों में लॉकडाउन के दौरान लकड़ियों की परेशानी आनी शुरू हो गई थी। लेकिन, फिलहाल घाट पर लकड़ियों की कोई कमी नहीं है। गुप्ता ने बताया कि यमुना किनारे शवों के व्यवस्था से दवाब कम हो गया है। ऐसे में अब सभी व्यवस्थाएं सुचारु रूप से चल रही हैं।
सीएनजी से रोज 18 शवों का संस्कार
घाट पर सभी व्यवस्थाओं की देखरेख करने वाले सुमन कुमार गुप्ता ने बताया कि घाट पर सीएनजी की तीन मशीन लगी हुई हैं। उन्होंने बताया कि संस्कार करने के समय के दौरान तीनों मशीनें लगातार काम कर रही हैं क्योंकि एक शव के अंतिम संस्कार में करीब दो से ढाई घंटे का समय लगता है। ऐसे में एक दिन में 18 शवों के ही संस्कार हो पाते हैं। यहां कोरोना संक्रमितों के लगभग 32 से 34 शव रोज आ रहे हैं। बाकि बचे शवों का अंतिम संस्कार अब लकड़ियों से किया जा रहा है। संक्रमितों के अंतिम संस्कार के दौरान पूरी तरह से सुरक्षा व सावधानी बरती जा रही है। जिससे किसी भी तरह के संक्रमण से घाट को और यहां काम करने वालें लोगों को बचाया जा सके।
ज्यादा शव होने पर हस्तसाल भेज रहे
पंजाबी बाग श्मशान गृह में 70 प्लेटफार्म पर लकड़ी से अंतिम संस्कार की व्यवस्था है। जबकि, चार प्लेटफार्म सीएनसी गैस से शवदाह के लिए हैं। इसमें से 65 का प्रयोग किया जा रहा है। इस शवदाह गृह में कोविड-19 के संक्रमण से मृत मरीज के शव को ही लाया जा रहा है।
यहां प्रतिदिन उतने ही शव लिए जाते हैं जितने प्लेटफार्म हैं। शवदाह गृह से जुड़ी सोसायटी के पदाधिकारी कुलजीत बताते हैं कि यहां पर शवों को नगर निगम के द्वारा भेजा जाता है। पहले वह पता करते हैं कि यहां कितनी तैयारी है उसके बाद शवों को भेजा जाता है। नगर निगम और अस्पताल आपस में तालमेल के साथ यहां शवों को भेजते हैं, जिससे असुविधा नहीं होती। एक प्लेटफार्म पर एक दिन में एक ही शव जलाया जाता है उसके बाद अगले दिन प्लेटफार्म खाली होने पर दूसरा शव जलाया जाता है। शवों के साथ जो लोग आते हैं उनको अस्पताल द्वारा पूरे निर्देश दिए गए होते हैं। कई लोग पीपीई किट पहन कर आते हैं और कई लोग नहीं भी। हमारी कोशिश होती होती है कि यहां किसी को किसी तरह की परेशानी न हो। सोशल डिस्टेंसिंग और नियमों का ध्यान रखकर ही सब कुछ किया जाता है।
साउथ दिल्ली म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन के स्थायी समिति के चेयरमैन ने बताया कि यहां 65 प्लेटफार्म प्रयोग में हैं। यदि शवों की संख्या अधिक हो जाती है तो उसे हस्तसाल श्मशान गृह को भेज दिया जाता है। अभी तक यहां से 14 शवों को हस्तसाल शमशान गृह भेजा गया है।
भीड़ बढ़ी तो कोविड घोषित किया
कोविड संक्रमण से मृतकों के शवों की संख्या बढ़ने पर गाजीपुर श्मशान घाट को कोविड घोषित कर दिया गया है। एक सप्ताह से यहां कोविड संक्रमित शवों का संस्कार शुरू हुआ है। यहां रोज करीब 15 शव अंतिम संस्कार के लिए पहुंच रहे हैं। धीरे-धीरे शवों की संख्या बढ़ रही है। बुधवार दोपहर श्मशान घाट के अंदर चार शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा था। अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले लोग मास्क पहन कर ही पहुंचे हुए थे। अंदर लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रख रहे थे। श्मशान घाट में प्रबंधन का काम देखने वाले शिव कुमार ने बताया कि यहां पर अंतिम संस्कार के लिए पर्याप्त चिताएं हैं। यहां पहुंचने वाले सभी शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है। शव लेकर पहुंचने वाले लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखने के लिए कहा जा रहा है। श्मशान के अंदर काम करने वाले कर्मचारी कोरोना से बचने के लिए सभी तरह से सावधानी बरते रहे हैं।
सीमापुरी में सात दिनों में 49 शवों का संस्कार
पूर्वी दिल्ली नगर निगम के सीमापुरी श्मशान घाट के 16 प्लेटफार्म को कोरोना संक्रमण से हो रही मौतों के बाद मृतकों के शवों के अंतिम संस्कार के लिए अधिकृत किया गया है। बुधवार को यहां दोपहर तक तीन शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा था।
बताया गया कि चार शव और आने हैं और शाम तक उनका भी अंतिम संस्कार किया जाना है। सीमापुरी श्मशान घाट को संचालित करने वाले जितेंद्र सिंह शंटी का कहना है कि इस घाट को सात दिन पहले कोविड के लिए निगम ने अटैच कर दिया था। इसलिए 16 प्लेटफार्म कोरोना के शवों के अंतिम संस्कार के लिए रखे गए हैं। कोरोना के लिए अटैच किए जाने के बाद बुधवार शाम तक 49 शवों का यहां अंतिम संस्कार हो चुका है। प्रतिदिन सात शवों का यहां संस्कार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जब कुछ घाटों पर शवों की भीड़ लगनी शुरू हुई थी तो यमुनापार के तीन श्मशान घाटों जिनमें गाजीपुर और कड़कड़डूमा भी शामिल हैं उन्हें कोविड शवों के संस्कार के लिए निगम ने अधिकृत कर दिया था।