गाज़ियाबाद

हॉटलाइन 121 से हाईटेक बनी डासना जेल, बंदी जल्द कर सकेंगे परिजनों से मुलाकात

गाज़ियाबाद। उत्तर प्रदेश की सबसे हाईटेक जेलों में शुमार गाजियाबाद की डासना जिला जेल में अब हॉटलाइन वन टू वन सेवा का उद्घाटन किया गया है. इस लाइन से कैदियों से मुलाकात के दौरान न सिर्फ सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन सही से हो पाएगा बल्कि दो गज की दूरी भी मेंटेन रहेगी. वहीं, कैदी और उनके परिजन एक दूसरे को देख सकेंगे और बातें फोन पर होगी. यूपी के जेल डीजी आनंद कुमार ने इसका शुभारंभ किया है. इस मौके पर डासना जेल के अधीक्षक विपिन मिश्रा, जेलर आनंद शुक्ला, जेल चिकित्सक डॉ. सुनील कुमार त्यागी समेत सभी जेल अधिकारी मौजद थे. इस अवसर पर डीजी जेल आनंद कुमार और डीआईजी जेल मेरठ मण्डल लव कुमार ने कोरोना काल में जेल में संक्रमण रोकने के लिए किये गए कार्यो की सराहना की.

कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए जेल में बंद कैदियों से मुलाकात की किसी को इजाजत नहीं दे रही. कोरोना के खतरे को कम करने के लिए उठाए गए इस एहतियाती कदम के कारण कैदी अपने परिजनों से मुलाकात से भी महरूम हैं. फिलहाल सभी मुलाकात बंद हैं. नियम के अनुसार, अब से पहले अंडर ट्रायल वाले कैदियों की सप्ताह में तीन मुलाकात होती थीं, जिसमें 3 लोग उनसे मिल सकते थे, लेकिन कोरोना संकट काल मेंजेल में कैदियों से परिजनों की मुलाकात बंद है.अब हॉटलाइन वन टू वन सेवा की जरिए कोरोना काल में कैदी भी संक्रमण से सुरक्षित रहेंगे और उनसे मिलने वाले भी. जेल में कैदियों के लिए हॉटलाइन 121 की शुरुआत डीजी जेल आनंद कुमार और डीआईजी जेल मेरठ मण्डल लव कुमार ने पूरे विधि-विधान से द्वीप जलाकर और फीता काटकर की है।

डासना जेलर आनंद शुक्ला और सुपरिटेंडेंट विपिन कुमार मिश्रा ने बताया अब कैदी अपने परिजनों से बात भी कर सकेंगे और सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन भी सुनिश्चित हो सकेगा. इस सेवा की शुरुआत करने के बाद डीजी जेल आनंद कुमार ने कहा कि इन दिनों देश कोरोना वायरस की महामारी से जूझ रहा है. इस महामारी को ध्यान में रखते हुए जेल में बंद बंदियों की मुलाकात फिलहाल बंद थी, जिससे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित किया जा सके.

डीजी जेल आनंद कुमार ने कहा कि इसे ध्यान में रखते हुए ही गाजियाबाद की डासना जेल में मुलाकात के वक्त 39 हॉटलाइन टेलीफोन लगाकर वन टू वन सेवा की शुरुआत की गई है. इसके माध्यम से जेल में बंद बंदियों से मुलाकात करने पहुंचने वाले लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बंदी से मुलाकात कर सकते हैं और आमने-सामने रहते हुए आपस मे बात भी कर सकते हैं.

फाइल फाेटाे

डीजी जेल ने कहा कि प्रदेश में इसकी शुरुआत डासना जेल से ही की गई है. डासना जिला जेल में इस प्रोजेक्ट को पायलेट प्रोजेक्ट की तरह शुरू किया गया है. अगर यहां ये कामयाब होता है, तो प्रदेश की अन्य जेलों में भी इसकी शुरुआत की जाएगी. हालांकि, देश की कई अन्य जेलों में ऐसी सुविधा पहले से चल रही है. डीजी जेल ने कहा कि इस तरह की सेवा प्रदेश की अन्य जेलों में भी उपलब्ध कराई जाएगी. डीजी जेल का कहना था कि इस तरह का सिस्टम विदेशों में बहुत पहले से चला आ रहा है.

डीजी जेल के मुताबिक शासन से आदेश आते ही नई व्यवस्था के तहत बंदियों की उनके परिजनों से मुलाकात शुरू करा दी जाएगा.

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