नई दिल्ली। मदद तो कोई भी और किसी भी रूप में कर सकता है। लेकिन खुद कर्ज में डूबा और मदद के लिए दर-दर भटक रहा इंसान अगर अपनी औकात से अधिक मदद की पेशकश करता है, तो बड़ी हैरानी होती है। ऐसी ही हैरानी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की मदद की पेशकश को लेकर हुई हैं। इमरान खान ने गुरुवार को कहा कि भारत के 34 प्रतिशत परिवारों को आर्थिक मदद पहुंचाने के लिए हम भारत की मदद करना चाहते हैं। इसके बाद भारत ने इमरान खान को उनकी औकात दिखा दी।
पाकिस्तान पर उसकी कुल जीडीपी का 90 प्रतिशत कर्ज
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के बड़बोले बयान पर उन्हें आईना दिखाया। अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि पाकिस्तान को यह याद रखना चाहिए कि उस पर कुल जीडीपी का 90 प्रतिशत कर्ज है। जहां तक भारत की बात है तो हमारा आर्थिक राहत पैकेज भी पाकिस्तान की जीडीपी से बड़ा है।
पाक के सालाना बजट से 6 गुना बड़ा है PM मोदी का कोरोना राहत पैकेज
अगर प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किए गए 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की तुलना पाकिस्तानी की अर्थव्यवस्था से करें तो यह उसके सालाना बजट से 6 गुना ज्यादा है। पाकिस्तान ने साल 2019 में 7022 बिलियन पाकिस्तानी रुपए का बजट पेश किया था जो भारतीय रुपए के संदर्भ में करीब 3.30 लाख करोड़ है। इस हिसाब से भारत का कोरोना राहत पैकेज पाकिस्तान के सालाना बजट से 6 गुना ज्यादा है।
बड़बोले इमरान खान की पेशकश
इससे पहले इमरान खान ने ट्वीट किया था, ‘रिपोर्ट के अनुसार, भारत में अगर 34 प्रतिशत परिवारों को एक हफ्ते में आर्थिक मदद नहीं मिलेगी तो वो सर्वाइव नहीं कर पाएंगे। इस मामले में मैं भारत की मदद करने के लिए तैयार हूं। हम अपना सफलतम कैश प्रोग्राम शेयर करने के लिए तैयार हैं।’ इमरान खान ने कहा कि हमारी सरकार ने सफलतापूर्वक 9 सप्ताह में 10 मिलियन परिवारों को 120 बिलियन भेजे हैं।
इमरान ने अपने ट्वीट में जिस रिपोर्ट का हवाला दिया है वह सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के डेटा पर आधारित थी, जिसे प्रधानमंत्री मोदी द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था को किकस्टार्ट करने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के ‘आत्मनिर्भर भारत’ पैकेज की घोषणा करने के एक दिन पहले 12 मई को प्रकाशित किया गया था।
इमरान खान को नहीं रहा अपने हैसियत का ख्याल
इमरान ने यह ऑफर करते वक्त पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति का बिल्कुल भी ध्यान नहीं रखा। इमरान खान उसी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री हैं जिसकी अर्थव्यवस्था पिछले कई वर्षों से अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं और दुनिया के विभिन्न देशों के रहमो-करम पर चल रही है। पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इमरान पाकिस्तानी जनता को यही ख्वाब दिखाकर प्रधानमंत्री बन गए कि उनके शासन में पाकिस्तान किसी के सामने भीख का कटोरा लेकर खड़ा नहीं होगा। हालांकि, इमरान प्रधानमंत्री बनने के कुछ महीनों बाद ही कर्ज के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की कड़ी शर्तें मानने को तैयार हो गए जिसकी पाकिस्तान में जमकर आलोचना हुई।
इमरान के 90 फीसदी ट्वीट भारत विरोधी
पाकिस्तान के पीएम इमरान खान पर भारत को लेकर सनक सवार है। खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों द्वारा इमरान के सोशल मीडिया हैंडल का विश्लेषण किया गया है जिसमें पाया गया है कि उनका 90 फीसदी ट्वीट भारत पर केंद्रित रहता है जिसमें वह सिर्फ भारत के खिलाफ नफरत उगलते हैं। ऐसा लगता है कि इमरान खान किसी फोबिया से ग्रस्त हैं और वे भारत विरोधी प्रोपेगैंडा के लिए ट्विटर का इस्तेमाल करते हैं।
घरेलू मुद्दे छुपाने के लिए भारत पर निशाना
इमरान खान के ट्वीट को देखें तो लगता है कि वह अपने देश के हालात को छुपाने के लिए भारत पर निशाना साधते दिखते हैं चाहे वह बलूचिस्तान, सिंध, खैबर पख्तूनख्वाह, गिलगित बाल्टीस्तान में चल रहा आंदोलन हो या फिर आर्थिक संकट या कोरोना से उपजे भयावह हालात। इमरान की तरफ से लगातार ऐसे ट्वीट तब आ रहे हैं जब उनपर नोवेल कोरोना वायरस से जुड़े संकट पर बेहद लापरवाही बरतने के आरोप लग रहे हैं जिसने पाकिस्तान में कई जिंदगियां ले ली हैं।