नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए सवाल उठ रहे थे कि क्या दिल्ली में कोरोना का कम्युनिटी स्प्रेड हो चुका है. इस मुद्दे पर उपराज्यपाल अनिल बैजल ने एक मीटिंग भी बुलाई लेकिन इसी बीच इसे लेकर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने एक बड़ी बात कही है. सत्येंद्र जैन ने इसे लेकर हामी भरी है कि दिल्ली में कोरोना का कम्युनिटी स्प्रेड हो चुका है.
एम्स डायरेक्टर का बयान
मीडिया से बातचीत में सत्येंद्र जैन ने कहा कि कल एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने दिल्ली में कोरोना के कम्युनिटी स्प्रेड की बात कही है, लेकिन केंद्र सरकार आधिकारिक तौर पर अभी इसको नहीं मान रही है. उन्होंने कहा कि कम्युनिटी स्प्रेड उसे कहते हैं, जब आपको कुछ लोग ऐसे मिलने शुरू हो जाएं, जिन्हें कोरोना तो हो लेकिन जिनका सोर्स पता नहीं लग रहा हो. दिल्ली में ऐसे बहुत सारे लोग हैं, जिनका सोर्स नहीं पता लग रहा है कि उन्हें यह बीमारी कहां से मिली है.
केंद्र को तय करना है
इस सवाल पर कि आप साफ कर रहे हैं कि दिल्ली में कम्युनिटी स्प्रेड है, सत्येंद्र जैन ने कहा कि आधिकारिक रूप से यह तभी होगा, जब केंद्र सरकार मानेगी. सत्येंद्र जैन ने यहां तक बताया कि दिल्ली में अभी करीब आधे केस ऐसे आ रहे हैं, जिन्हें नहीं पता कि उनको इन्फेक्शन कहां से लगा है. इस सवाल पर कि अगर कम्युनिटी स्प्रेड हुआ है, तो क्या सरकार तैयार है, सत्येंद्र जैन ने कहा कि कम्युनिटी स्प्रेड एक टेक्निकल टर्म है, लेकिन केंद्र सरकार के ऊपर है कि वो मानेगी या नहीं मानेगी.
अभी प्रोटोकॉल तैयार नहीं
उन्होंने कहा कि अभी तक तो हम तैयार हैं, लेकिन कल उपराज्यपाल का जो ऑर्डर आया, उसके बाद बड़ी समस्या पैदा हो गई है. उन्होंने कहा कि इसे लेकर आज होने वाली मीटिंग के बाद बता पाएंगे कि अगर कम्युनिटी स्प्रेड हुआ, तो क्या प्रोटोकॉल होगा. उन्होंने बताया कि कम्युनिटी स्प्रेड में मुख्य रूप से इलाज पर ध्यान दिया जाता है.
दूसरी ओर दिल्ली में कोरोना के कम्युनिटी स्प्रेड के खतरे को लेकर उपराज्यपाल अनिल बैजल की अगुवाई में आज डीडीएमए की बैठक हुई. इस बैठक में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन मौजूद रहे. बैठक के मनीष सिसोदिया ने कहा कि अगर इसी तरह केस बढ़ते रहे तो 31 जुलाई तक पांच लाख से अधिक कोरोना केस हो जाएंगे.
इस बैठक में शामिल होने के बाद डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा, ‘मैंने दिल्ली के अस्पतालों को सभी मरीजों के लिए खोलने का मामला उठाया और एलजी साहब से पूछा कि आखिरी सरकार के फैसले को क्यों पलटा गया. इस पर राज्यपाल साहब कोई जवाब नहीं दे पाएं.’
डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा, ‘एलजी के फैसले से दिल्लीवालों के सामने संकट खड़ा हो गया है. जिस रफ्तार से संक्रमण बढ़ रहा है, उससे लगता है कि 30 जून तक 15 हजार बेड की जरूरत होगी और 31 जुलाई तक 80 हजार बेड की जरूरत होगी. 31 जुलाई तक 5 लाख से अधिक केस हो सकते हैं.’