नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद व संघ विचारक राकेश सिन्हा ने कहा कि चीन गलतफहमी में रह रहा है. उसे समझना चाहिए कि 1962 और 2020 में बहुत अंतर है. उन्होंने कहा कि यह मोदी का भारत है. स्थितियां बदल चुकी हैं और चीन को इसे स्वीकार करना चाहिए.
सिन्हा ने अक्साई चिन पर ग्लोबल टाईम्स के लेख को पूरी तरह से खारिज कर दिया. चीन के इस अखबार में अक्साई चिन को चीन का हिस्सा बताया गया है. सिन्हा ने कहा कि इस हिस्से को चीन ने अवैधानिक, अनैतिक और सभी अंतरराष्ट्रीय कानून और मर्यादा को तोड़ते हुए अपने अधीन कर लिया था. हकीकत ये है कि यह इलाका भारत का था, है और आगे भी रहेगा.
राकेश सिन्हा ने कहा कि भारत तत्काल किसी भी प्रकार से उत्तेजनात्मक गतिविधि में शामिल नहीं हो रहा है, ना ही होना चाहता है. कोरोना संकट से दुनिया गुजर रही है, भारत सहयोग और सद्भाव के साथ अन्य देशों के साथ कोरोना से संघर्ष में शामिल है.
उन्होंने कहा कि चीन हर तरह से भारत के खिलाफ वातावरण बनाने की कोशिश कर रहा है व उत्तेजना भी पैदा कर रहा है. चाहे सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश या फिर जम्मू कश्मीर का मामला हो वह भारत के खिलाफ वातावरण तैयार करने की कोशिश कर रहा है.
राकेश सिन्हा ने कहा कि चीन अभी के भारत को 1962 का भारत समझ रहा है. चीन को समझना चाहिए कि यह 1962 के पंडित जवाहर लाल नेहरू का भारत नहीं है. यह 2020 के नरेंद्र मोदी का भारत है.
बता दें कि लद्दाख में सीमा विवाद को लेकर भारत और चीन के बीच तनाव जारी है. तनाव का आलम यह है कि लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन और भारत की सेना फिर एक बार आमने-सामने है.