नई दिल्ली। केन्द्रीय स्वास्थ्यमंत्री हर्ष वर्धन ने कहा कि कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए भारत ने बिल्कुल सही वक्त पर कदम उठाया है। लॉकडाउन भारत में एकदम ठीक समय पर बोल्ड डिसिजन के साथ लगाया गया था। दुनिया के कई विकसित देशों ने इस फैसले को लेने में बहुत सोच विचार किया, जब वहां स्थिति नियंत्रण के बाहर गई तो उन देशों ने लॉकडाउन का निर्णय लिया। यही वजह है कि दुनिया के बाकी देश कोरोना संकट की इस घड़ी में भारत के मॉडल की तारीफ कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वैक्सीन को खोजने का प्रयास पूरी दुनिया में हो रहा है। भारत भी इसमें एक्टिव होकर काम कर रहा है। हमारे यहां एकेडमिक वर्ड से लेकर इंडस्ट्री तक इसमें लगे हैं। सरकार उन्हें इस काम में पूरी सहायता कर रही है।
वायरस टेस्ट के लिए थी सिर्फ 1 लैब
हर्ष वर्धन ने कहा कि फरवरी के महीने में हमारे पास इस वायरस को टेस्ट करने के लिए 1 लैब थी। आज देश में 599 लैब मौजूद हैं। आज देश में कोरोना टेस्ट करने की क्षमता करीब 1.5 लाख टेस्ट प्रतिदिन है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ”मार्च के दूसरे सप्ताह के आस पास जब दुनिया में तेजी से संक्रमण हो रहा था और भारत में पहला केस आने के बाद डेढ महीना बीत चुका था तब भी हमारे देश में मामूली केस थे। देश में कुछ राज्यों में थोड़े से केस थे। उस समय जमातियों से संबंधित दुर्भाग्यपूर्ण और गैर जिम्मेदाराना घटना हुई।”
उन्होंने आगे कहा, ”कोविड के डेडिकेटेड हेल्थ सेंटर की संख्या 2065 हैं। इसमें भी करीब 1.77 लाख बेड उपल्बध हैं। हमने 7063 कोविड केयर सेंटर विकसित किए हैं। इसमें करीब 6.5 लाख बेड उपल्ब्ध हैं। इस सबको अगर जोड़े तो ये करीब 10 लाख बेड होते हैं।”
हर्षवर्धन ने कहा- “हम देश में एक करोड़ से ज्यादा N95 मास्क बांट चुके हैं। 70 लाख से ज्यादा PPE किट बांट चुके हैं। पहले हम PPE किट नहीं बनाते थे, आज हम 3-5 लाख PPE किट प्रतिदिन हम बना रहे हैं। हमने विशिष्ट कोरोना अस्पताल बनाए, ताकि अन्य मरीजों को को संक्रमण न फैले। आज देश में 968 विशिष्ट कोरोना अस्पताल हैं। 2.5 लाख के आस पास आईसीयू और आइसोलेशन बेड हैं।”