गाजियाबाद । गाजियाबाद में लॉकडाउन 0.4 लागू हुए तीन दिन बीत चुके है। केन्द्रीय गृहमंत्रालय की नई गाइडलाइन के मुताबिक स्थानीय बाजार को खुल जाना चाहिए था। लेकिन व्यापारियों में एकता नहीं होंने के कारण अभी तक जिला प्रशासन बाजारों को खोलने का फैंसला नहीं ले पाया है।
गाजियाबाद ऑरेंज जोन में हैं। जिला प्रशासन कोरोना वायरस फैलने से रोकने के लिए एक -एक कदम फूंक-फूंक कर रख रहा है। इसलिए जिला प्रशासन चाहता है कि सभी बाजार खुले लेकिन साथ सोशल डिस्टेंशिग का भी पालन हो तथा बाजारों में ज्यादा भीड भी ना जुटे। इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर जिलाधिकारी गाजियाबाद अजय शंकर पांडे व्यापारी संगठनों से लगातार सलाह मशविरा कर रहे हैं।
बुधवार को भी डीएम ने व्यापार संगइनों के प्रतिनिधियों के साथ मीटिंग की थी। जिसमें कोइ ऐसी राय नहीं बन सकी जिससे प्रशासन तत्काल मार्केट खोलने का फैंसला ले पाता। दरअसल, व्यापारी संगठनों के प्रतिनिधियों में कई तरह के मतभेद देखने को मिले जिस कारण वे मीटिंग के दौरान आपस में ही लड़ पड़े। इस कारण जिलाधिकारी नाराज होकर चले गए और सबकी राय लेने के बाद ये कहकर चले गए कि प्रशासन जो भी फैसला लेगा उसे शुक्रवार तक व्यापारियों को बता दिया जाएगा।
जिलाधिकारी के साथ बैठक में व्यापार मंडल प्रतिनिधियों से बाजार खोलने को लेकर जो सुझाव मिले उनमें मुख्य रूप से तीन विकल्प सामने आए हैं
प्रथम- ऑडी ईवन आधार पर शनि एक दिन छोड़कर दूसरी दुकान
दूसरा -अलग-अलग दिन के हिसाब से बाजार खोले जाएं 1 दिन छुट्टी रखकर
तीसरा- एक दिन एक साइड दूसरे दिन वह साइड बंद कर कर सामने वाली साइट खोली जाए
तथा उनका समय भी निर्धारित किया जाएगा
साथ ही तुराबनगर, सब्जी मंडी, घंटाघर गोल मार्केट, पुराना बस अड्डा, कंप्यूटर मार्केट, डासनागेट, रमते राम रोड, चोपला, सर्राफा बाजार, पुराने शहर के बाजारों में विशेष एहतियात बरतने के सुझाव भी आए।