गाजियाबाद । लॉकडाउन के तीसरे फेज में शराब की दुकान खोलने की अनुमति दी गई। टीवी पर खबरें देखकर गाजियाबाद में भी सोमवार सुबह से आठ बजे से ही शराब की दुकानों के बाहर लोग आ गए। मगर गाजियाबाद में दुकाने नहीं खुलीं और लाइन में लगे लोगों को मायूस होकर लौटना पड़ा। बताया जा रहा है कि कई जगहों पर अभी भी लोग शराब के ठेकों के बाहर खड़े हैं।
डीएम अजय शंकर पांडेय ने रविवार देर रात प्रेसनोट जारी कर बताया था कि निर्माण कार्य और शराब की दुकान आदि शासन की गाइडलाइंस के अनुरूप खुलेंगी। मगर सोमवार सुबह रेड जोन के आसपास के ठेकों पर भी बड़ी संख्या में लोग देखे गए। सूत्रों की माने तो शराब की दुकानें सोमवार सुबह से ही खुलनी थीं, लेकिन ठेकों के बाहर सुबह आठ बजे से ही लोगों की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने इसे टाल दिया और दुकाने नहीं खुलीं।
रेड जोन के एक किमी के दायरे में नहीं खुलेंगी दुकानें
स संबंध में डीएम अजय शंकर पांडे का कहना है कि दुकानों को खोलने का फैसला देर रात लिया गया था। मगर दुकाने सिर्फ रेड जोन व इसके एक किमी की परिधि में नहीं खुलेंगी। आबकारी विभाग स्वास्थ्य विभाग की मदद से उन दुकानों की सूची तैयार कर रहा है, जिन्हें खोला जाना है। फिलहाल यह सूची तैयार नहीं हुई है। सूची मिलने के बाद ही शराब की दुकानें खोली जाएंगी।
वहीं एसएससी कलानिधि नैथानी ने बताया कि ऐसी किसी भी दुकान को नहीं खोलने दिया जाएगा, जो आबकारी विभाग की सूची में शामिल नहीं होगी। दुकान को खोलने से पहले वहां संबंधित थाना व चौकी क्षेत्र की पुलिस फोर्स पहुंचेगी। बिना पुलिस के कोई भी ठेका खुलने दिया जाएगा।
नौ बिंदुओं पर गाइडलाइन जारी
डीएम अजय शंकर पांडेय द्वारा देर रात को जारी किए गए आदेश में नौ बिंदुओं पर गाइडलाइन जारी की है। शहर की सभी बड़ी मार्केट पूर्व की भांति बंद रहेंगी लेकिन आवश्यक वस्तुओं से जुड़ी मार्केट में दुकानें खोली जा सकती हैं। इनमें दूध, सब्जी, फल, दवाई और खाद्यान्न की दुकानें शामिल हैं। कॉलोनियों एवं आवासीय परिसर की दुकानों को खोलने की अनुमति शारीरिक दूरी अपनाने की शर्त पर जारी की गई है। निजी कार्यालय बंद रहेंगे और घर पर रहकर ही कार्य किया जा सकता है।
औद्योगिक इकाइयों के संचालन को लेकर अलग से एक्शन प्लान बनाया जा रहा है। बताया गया है कि पोर्टल पर पहले आवेदन मांगे जाएंगे उसके बाद निर्णय होगा। पचास से अधिक कर्मचारियों वाली इकाईयों के संचालन पर विचार नहीं किया जाएगा। हॉट स्पॉट क्षेत्रों में पूर्व के प्रतिबंध लागू रहेंगे। सरकारी एवं निजी अस्पतालों में ओपीडी संचालन को लेकर सीएमओ स्तर से निर्णय लिया जाएगा।