गाजियाबाद। सडक से लेकर दीवारों और पार्क से लेकर बैरकों में सफाई की इुरूस्त व्यवस्था। हजारों लोगों के लिए खाना बनाने की पाकशाला में सफाई के साथ बनता बेहतरीन खाना। अस्पताल में सफाई के साथ वहां भर्ती मरीजों का संतोष जनक इलाज व देखभाल। इन सबके साथ मज्ञसक लगाए हर बंदी का अनुशासन के साथ सोशल डिसटेशिंग से पालन। इन तमाम इंतजामों को देखकर उत्तर प्रदेश के महानिदेशक कारागार आनंद कुमार के मुंह से सहज ही निकला वंडरफुल…..गुड जॉब।
ये नजारा गुरूवार को गाजियाबाद के जिला कारागार डासना में देखने को मिला, जहां कारागार डीजी आनंद कुमार ने कोरोना संबंधी तैयारियों का जायजा लेने के लिए जेल का निरीक्षण किया। तमाम इंतजामों को देखकर डीजी आनंद कुमार ने जेल में किए गए इंतजामों पर संतोष जताया। डीजी जेल ने कहा कि कोरोना संक्रमण के हालात में यदि जल्द सुधार नहीं होता है और लॉक डाउन लंबा चला तो कैदियों की विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी करवाई जाएगी। डीजी ने कहा कि पूरे प्रदेश में 40 अस्थाई जेल बनकर तैयार हो गई हैं। इनमें दूसरे देश व प्रदेश के कोरोना संक्रमित और पकड़े गए आरोपितों समेत फिलहाल 350 लोग हैं। प्रदेश की जेलों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए यह प्रबंध किए गए हैं। ये जेल जमातियों और उनके लिए बनाई गई हैं, जो मरकज से जुड़े रहे और खुद को छुपा कर रखा। साथ ही हाल फिलहाल में आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया, जिसमें पुलिस और डॉक्टरों पर हमला भी शामिल है।
आनंद कुमार के मुताबिक पूरे प्रदेश में जेलों के हालात बढ़िया हैं। हालांकि सूबे की जेलों में कैदियों की संख्या काफी बढ़ गई है। डीजी ने साफ किया कि लॉकडाउन के दौरान कानून तोड़ने वाले लोगों को अस्थायी जेल में रखा जा रहा है। इस दौरान डीजी जेल आनंद कुमार डासना जेल की व्यवस्था को लेकर संतुष्ट नजर आए और जेल के वरिष्ठ अधिकारियों की पीछ थपथपताते हुण् कहा, ‘मैं यहां अपने कर्मचारियों का मनोबल बढ़ाने आया हूं।’
आनंद कुमार जेल का निरीक्षण करते वकत साफ-सफाई व सैनिटाइजिंग से बेहद खुश नजर आए। उन्होंने कहा कि उनका गाजियाबाद की डासना जेल में आने का मकसद यह है कि जो भी यहां पर जेल में बंदी है या जेल का स्टाफ है, उनके अंदर स्फूर्ति आए और जो कार्य कर रहे हैं, वो सुचारू रूप से किया जा सके।
डीजी जेल ने बताया कि उत्तर प्रदेश की सबसे ज्यादा कैदियों वाली गाजियाबाद की डासना जेल में 3800 बंदी हैं। यहां पर कैदियों के लिए खाने पीने और सफाई की जो व्यवस्था की गई है, वो संतोषजनकर पाई गई है।
जेल में रखा जा रहा सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल
उन्होंने कहा कि यहां पर बनाए गए चिकित्सालय में भी पूरे इंतजाम हैं और कोरोना वायरस को लेकर सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरा ध्यान दिया जा रहा है। इसके अलावा साफ-सफाई की भी यहां पूरी व्यवस्था की गई है। कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए सैनिटाइज किया गया है। कैदियों के लिए हर बैरक में टीवी लगाई गई और रेडियो के माध्यम से मनोरंजन की भी व्यवस्था की गई है।
जेल में आइसोलेशन और क्वारनटीन बैरक
डीजी जेल आनंद कुमार ने कहा कि इस जेल में 3800 बंदी होने के बावजूद इनके लिए आइसोलेशन बैरक और क्वारनटीन बैरक भी बनाए गए हैं उन्होंने कहा कि बाहर से आने वाले बंदी को 14 दिन के लिए क्वारनटीन किया जाता है। अगर 14 दिन में उनमें कोरोना के लक्षण पाए जाते हैं, तो उनको बैरक में रखा जाता है। जनपद में जो अस्थायी जेल बनाई गई हैं, वो इसलिए बनाई गई है, ताकि बाहर से आने वाले बंदियों को वहां रखा जा सके। अगर उनको कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है, तो उनका इलाज कराया जाता है। बाहरी कैदियों को साथ में रखने से कोरोना के फैलने की आशंका रहती है।
आनंद कुमार ने जेल में कोरोना के मद्देनजर किए गए प्रबंधों का निरीक्षण किया। सैनिटाइजेशन की व्यवस्था के साथ, बंदियों द्वारा बनाए जा रहे फेस मास्क, पीपीई सूट, बंदी पीसीओ, क्वारंटीन और आइसोलेशन वॉर्ड का भी जायजा लिया। डीजी जेल ने कैदियों से पूछा कि खाना कैसा मिल रहा है। जेल में संचालित रेडियो के जरिए उन्होंने बंदियों को रमजान की शुभकामनाएं देते हुए हाथ नियमित रूप से धोने, अपने आस-पास साफ-सफाई रखने, फेस मास्क लगाकर रखने और सुबह व्यायाम व योग करने की सलाह दी। जेल के प्रबंधों को देखकर डीजी ने संतोष व्यक्ति किया।
डीजी आनंद कुमार ने मीडिया कर्मियों को 2 हजार, एसपी क्राइम प्रकाश कुमार व हापुड़ के आरआई को 1-1 हजार और होमगार्ड इंस्पेक्टर को 800 डबल लेयर फेस मास्क दिए। इस दौरान जेल अधीक्षक विपिन कुमार मिश्रा, जेलर आनंद कुमार शुक्ल, डॉ. सुनील कुमार त्यागी, डॉ. नितिन प्रियदर्शी, डिप्टी जेलर सुरेश सिद्धार्थ, नीरज कुमार श्रीवास्तव, अजय कुमार सिंह व शैलेश सिंह समेत दूसर समस्त स्टाफ मौजूद रहा।