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कोरोना से ठीक होने की दर में लगातार इजाफा, अब तक 6869 मरीज स्वस्थ: केंद्र

नई दिल्ली। देश में कोरोनो वायरस का मामला 30 हजार के नजदीक पहुंच चुका है, लेकिन इस बीमारी से ठीक होने वालों की तादाद में भी लगातार इजाफा हो रहा है। कोरोना से स्वस्थ होने की दर देश में अब 23 प्रतिशत से अधिक है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने मंगलवार (28 अप्रैल) को नियमित संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पिछले 24 घंटे में 684 लोग ठीक हुए हैं, रिकवरी रेट 23.3 प्रतिशत हो गया है।

वहीं, भारत में विदेशी नागरिकों सहित कोरोना वायरस महामारी से संक्रमित होने वालों की संख्या मंगलवार (28 अप्रैल) को बढ़कर 29,435 हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को जारी आंकड़ों में कहा कि देश में कोविड-19 संक्रमण के चलते 934 मौतें हुई हैं और वर्तमान में कुल 21,632 व्यक्ति महामारी से संक्रमित हैं। वहीं, पिछले 24 घंटे में कोरोना के 1543 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 62 लोगों को इस वायरस की वजह से अपनी जान गंवानी पड़ी है। पिछले 24 घंटों में कोरोना से संक्रमित 684 लोगों के स्वस्थ होने के साथ ऐसे लोगों की संख्या 6869 (1 माइग्रेटेड) पर पहुंच गई है।

प्लाज्मा थेरेपी को लेकर अभी सबूत नहीं, ट्रायल के रूप में ही करें इस्तेमाल
कोरोना वायरस से निपटने को लेकर प्लाज्मा थेरेपी की काफी चर्चा हो रही है। दिल्ली सहित कुछ राज्यों ने मरीजों को यह थेरेपी देनी शुरू भी कर दी है। लेकिन इस बीच केंद्र सरकार ने इसको लेकर सचेत करते हुए कहा है कि इस थेरेपी को अभी आईसीएमआर की ओर से अप्रूव नहीं किया गया है। इसे केवल ट्रायल और रिसर्च के रूप में आजमाने को कहा गया है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने मंगलवार को कहा,”कोरोना वायरस के इलाज को लेकर अभी दुनिया में कोई अप्रूव थेरेपी नहीं है, प्लाज्मा थेरेपी भी नहीं। यह भी अभी प्रयोग के स्तर पर ही है। इसको लेकर कोई सबूत नहीं है कि इसका ट्रीमेंट के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। अमेरिका में भी इसे एक्सपेरिमेंट के रूप में ही लिया गया है।”

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि आईसीएमआर ने एक नैशनल स्टडी को लॉन्च किया है। इसके तहत प्लाज्मा थेरेपी के प्रभाव का अध्ययन किया जाएगा। जब तक यह पूरा नहीं हो जाता और आईसीएमआर मंजूरी नहीं देता, इसका इस्तेमाल रिसर्च और ट्रायल के रूप में ही करें।

लव अग्रवाल ने कहा, ”यदि हम इसे (प्लाज्मा थेरेपी) सही तरीके और गाइडलाइन के तहत ना करें तो मरीज के जीवन को खतरा हो सकता है। जब तक इसका प्रभाव सिद्ध नहीं हो जाता है और अप्रूव नहीं हो जाता तब तक इसको लेकर कोई दावा किया जाना गलत है। कहीं भी इस प्रकार का प्रयोग अवैध है, इससे मरीजों की जान को खतरा हो सकता है।

महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा मौत
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से मंगलवार (28 अप्रैल) जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक कोरोना वायरस का प्रकोप देश के 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैल चुका है। कोविड-19 से सबसे गंभीर रूप से प्रभावित महाराष्ट्र में अब तक 369 मौतें हुई हैं, जबकि मध्यप्रदेश में 110 लोगों को इस वायरस ने लील लिया है। वहीं, गुजरात में संक्रमण के चलते 151 और उत्तर प्रदेश व दिल्ली में क्रमशः 31 और 54 लोगों की जान गई है।” कोरोना वायरस संक्रमण के सबसे अधिक मामले 8590 महाराष्ट्र से ही आए हैं। इसके बाद 3548 मामलों और 162 मौत के साथ गुजरात दूसरे, जबकि 3108 मामलों के साथ दिल्ली तीसरे स्थान पर है।

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