दिल्ली: अस्पतालों में घटिया पीपीई.किट खरीद करके सरकार की फजीहत कराने का मामला अभी थमा नहीं था कि यू.पी.मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन का एक नया किस्सा सामने आ गया है। कार्पोरेशन के जिम्मेदार संकट काल में भी सरकारी पैसे को बर्बाद करने से बाज नहीं आ रहे हैं।
ताजा मामला घटिया ट्रिपल लेयर मास्क की खरीद का है। हापुड़ जिले के सीएमओ ने दिनांक 22.04.2020 को कार्पोरेशन के प्रबंध निदेशक को पत्र लिख कर बताया है कि कार्पोरेशन द्वारा भेजे गए ट्रिपल लेयर मास्क मानक के अनुसार नहीं है। सूत्रों के अनुसार जिलों में भेजे गये मास्क इतने निम्न स्तर के हैं कि उसे बांधने के लिये लगे स्ट्रिप टूट जा रहे हैं और कपड़े की क्वालिटी बेहद खराब है।
जानकारी के अनुसार कार्पोरेशन ने ये मास्क 19 रूपये में खरीदा । जबकि केन्द्र सरकार ने 21 मार्च 2020 को पहले 10 रूपये, फिर दिनांक 24 मार्च 2020 को 16 रूपये अधिकतम खुदरा विक्रय मूल्य निर्धारित कर दिया था।
सवाल ये हैं कि जब खुदरा मूल्य ही 16 रुपये का निर्धारित है तो थोक मूल्य इससे कम ही होना चाहिए।
जिलों से जुटाई गयी सूचना के अनुसार स्थानीय स्तर पर ट्रिपल लेयर मास्क जिलों में साढ़े छ:रूपये से लेकर सात रूपये तक के खरीदे गये हैं और कार्पोरेशन के भेजे मास्क से अच्छे हैं। जानकारी के अनुसार कार्पोरेशन के द्वारा तीन हजार मास्क छोटे जिलों के सीएमओ के यहां भेजे गये हैं। मूल्यों में फर्क के हिसाब से देखा जाए तो कार्पोरेशन द्वारा घटिया मास्क खरीद कर लाखों रूपये के सरकारी राजस्व का चूना सरकार को लगा दिया गया ।
इस संकट काल में जब सरकार हर स्तर पर राजस्व बचाने में लगी है तब देखना होगा कि सरकारी धन की लूट करने वाले कार्पोरेशन के अधिकारियों को हर बार की तरह बचाया जाता है या फिर कारवाई भी होती है।