दिल्ली

दूसरों की जान बचाने के लिए खुद को जोखिम में डाल रहे हैं रेड जोन में डटे सफाईकर्मी

दिल्ली: देश में कोरना के बढ़ते संक्रमण के बीच सफाई कर्मचारी अपनी जान जोखिम में डालकर रेड जोन में जा रहे हैं और साफ सफाई का विशेष ध्यान रख रहे हैं, जिससे कि इलाके में कोरोना के संक्रमण को रोका जा सके. उत्तरी दिल्ली नगर निगम के स्थायी समिती के अध्यक्ष जय प्रकाश ने टीवी 9 भारतवर्ष से बातचीत में बताया कि दिल्ली नगर निगम के लगभग 50 हजार कर्मचारी इस काम में जुटे हैं. दो सफाई कर्मचारी कोरोना से लड़ते हुए अपनी जान भी गवां चुके हैं. पूर्वी दिल्ली नगर निगम में 17076, उत्तरी दिल्ली नगर निगम में 35465 और दक्षिण दिल्ली नगर निगम में 27842 साफाई कर्मी हैं.

बनाया डॉक सेंटर
जयप्रकाश ने बताया कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने सफाई कर्मचारियों के लिए डॉक सेंटर बनाया है. इस सेंटर में सभी सफाई कर्मचारियों को काम पर आने से पहले पीपीई किट पहनना अनिवार्य है. उन्होंने कहा कि पीपीई के साथ बचाव के लिए बनाए गए सभी सामान का पहनना जरुरी है. इसके साथ ही कर्मचारी को पहले सेनेटाइज किया जाता है और उसके बाद कर्मचारी को इलाके में भेजा जाता है.

किट पहनने के बाद बढ़ जाता है तापमान
उत्तरी दिल्ली निगर निगम के सफाई कर्मचारी सुरेश शर्मा ने बताया कि एक बार किट पहनकर काम करना भी आसान नहीं है. नियमों के मुताबिक, जब तक आपने पीपीई किट पहना है तब तक किसी भी तरह का खान-पान वर्जित है. इसकी वजह से लगभग 8 घंटे तक बिना खाने-पीने के हमें रहना पड़ता है.

इतना ही नहीं एक बार पीपीई किट पहनने के बाद शरीर का तापमान काफी बढ़ जाता है, क्योंकि किट कुछ इस तरह का है जिसमें किसी भी जगह से हवा तक जाने की गुंजाइश नहीं है. दोपहर में जब दिल्ली का तापमान बढ़ता है तो किट के अंदर का तापमान कभी-कभी 40 से 45 डिग्री तक चला जाता है. ऐसे में काम करना काफी कठिन हो जाता है.

रेड जोन में सबसे ज्यादा खतरा
सफाई कर्मचारी मुकेश ने बताया कि सबसे अधिक खतरा रेड जोन में है, जहां पर कोरोना संक्रमण के मामले अधिक हैं और पूरा इलाका हॉट स्पॉट में तब्दील है. मुकेश ने बताया कि रेड जोन में संक्रमण का खतरा सबसे अधिक है, जहां फूंक-फूंक कर कदम रखना होता है. चूंकी यह इलाका हॉटस्पॉट में होता है, ऐसे में दिन में दो बार यहां सेनेटाइजेशन करना होता है

पूरी दिल्ली में लगभग 55 हजार सफाई कर्मचारी
तीनों एमसीडी मिलाकर लगभग 50 हजार और एनडीएमसी में 2,200 सरकारी और निजी सफाई कर्मचारी हैं. कोरोना संक्रमण के दौरान दो सफाई कर्मचारियों की मौत हो चुकी है. दिल्ली के रोहिणी इलाके में एक सफाई कर्मचारी के संक्रमण की वजह से 39 सफाई कर्मचारी आइसोलेशन में हैं.

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