सुनील वर्मा
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में पत्रकारों की सबसे बड़ी संस्था प्रेस क्लब ऑफ इंडिया (पीसीआई) से जुडे पत्रकार वैसे तो हमेशा ही सरकार के सामने जनता के हितों से जुड़े मुद्दे उठाकर ईमानदारी से अपना फर्ज निभाते रहे है। लेकिन कोरोना वायरस की वैश्विक महामारी के दौरान इसके प्रचार-प्रसार को रोकने के लिए किए गए लॉकडाउन में भी पत्रकार लोगों को ताज तरीन खबरें देने व उन्हें जागरूक करने के साथ जनसेवा के काम में भी लगे हैं। संकट के इस समय में पत्रकारों की सबसे बड़ी संस्था प्रेस क्लब ऑफ इंडिया वैसे तो लॉकडाउन के कारण बंद है, लेकिन देश के नामचीन पत्रकारों को ये क्लब कुछ कर्मचारियों की मदद से हर रोज करीब 700 लोगों को खाना खिलाने के अभियान में जुटा हैं। क्लब के कुछ पदाधिकारी पत्रकारिता के पेशे से समय निकालकर हर रोज राशन व सब्जियां निकालकर क्लब पहुंचते हैं। जहां रसोई कर्मियों व अन्य कर्मचारियों की मदद खाना तैयार करके 700 से 800 पैकेट तैयार करते हैं। दोपहर में दिल्ली सरकार के कर्मचारी अधिकारी या सरकार के मंत्री और विधायक सरकारी गाडी से इस खाने को ले जाकर जरूरतमंदों और भूखे, गरीब लोगों को वितरित करते हैं।
वितरण के लिए तैयार खाने के पैकेट प्रेस क्लब में लेने के लिए पहुंचे आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि प्रेस क्लब में लॉकडाउन के वक्त हुई इस पहल ने क्लब की प्रतिष्ठा को नई ऊचांईयों पर पहुंचा दिया है।
पीसीआई प्रबंधन की तरफ से चलाई जा रही इस क्लब की रसोई में रसद के लिए कुछ ऐसे पत्रकार धन का योगदान दे रहे हैं जो सक्षम हैं, इइ काम में सबसे अहम भूमिका क्लब में काम करने वाले उन कर्मचारियों की है जे इस मुश्किल वक्त में हर रोज क्लब पहुंचकर खाना तैयार करने और उसे पैक करने में अपनी योगदान दे रहे हैं। दिल्ली सरकार की तरफ से इन कर्मचारियों को पास जारी किए गए हैं।
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के
अध्यक्ष आनंद सहाय के मुताबिक “ हमने 30
मार्च से 700 से अधिक तैयार भोजन के
पैकेट प्रतिदिन वितरित करने का लक्ष्य रक्खा हैं। कर्मचारी सुबह आते हैं और
दोपहर के भोजन में एक दिन पूरी सब्जी तो एक दिन पुलाव तैयार करते हैं । दिल्ली
सरकार द्वारा भेजा गया एक वाहन पैकेट लेने आता है। जो खाने के पैकेट ले जाकर उन क्षेत्रों
में वितरित करते है जहां लॉकबंदी के समय लोगों को खाने की जरूरत है।
पीसीआई के कार्यालय सचिव जितेन्द्र सिंह के मुताबिक प्रेस क्लब ऑफ इंडिया की पहल
के बाद देश के अन्य हिस्सों में बने राज्यों के प्रेस क्लबों और पत्रकार संगठनों
ने भीअपने योगदान के तौर पर ऐसी ही पहल की है।
प्रेस क्लब की रसोई के प्रमुख, भास्कर ने कहा कि वे पुलाव, वेज बिरयानी या आलू की सब्जी पका रहे हैं जो अचार और दही या केले के साथ परोसा जाता है। भास्कर कहते हैं, “क्लब में तैयार खाना शुद्ध व उत्तम दर्जे का वैसा ही स्वादिष्ट भोजन होता है जैसा क्लब के पत्रकार सदस्यों को परोसा जाता है। क्लब सचिव जितेन्द्र सिंह के मुतबिक भोजन पकाने और पैक करने के लिए क्लब प्रतिदिन 12,000 रूपए खर्च कर रहा है।
पीसीआई अध्यक्ष आनंद सहाय के मुताबिक क्लब की इस पहल का श्रेय उन कर्मचारियों को भी जाता है जो स्वयंसेवक बनकर सामने आए हैं। इसीलिए हम इसे संभव बना रहे हैं। हमें नहीं पता कि लॉकडाउन कब खत्म होगा और ऐसा होने के बाद भी क्लब में सभाओं, सेमिनार और प्रेस कॉन्फ्रेंस के आयोजन कब शुरू होंगे और क्लब की अन्य सुविधाएं कब खुलेंगी। इन स्वयंसेवकों को नहीं पता कि भविष्य उनके लिए क्या है, लेकिन यह सेवा प्रदान करने के लिए आगे आ रहे हैं।
क्लब के कर्मचारी जगदीश, प्रकाश, श्याम, मंजीत, धर्मेन्द्र ने कहा कि वे खाना पैक करते समय सामाजिक दूरी से बनाने से लेकर दस्ताने और मास्क पहनकर अपने काम को अंजाम दे रहे हैं ताकि कोरोना वायरस के खतरे से बचा जा सके। प्रेस क्लब ऑफ इंडिया की तरु से संकल्प लिया गया है कि जब तक लॉक डाउन चलता रहेगा तब तक क्लब की तरफ से खाने के पैकेट वितरित करने काम जारी रहेगा।