नई दिल्ली : देशव्यापी लॉकडाउन के बीच गरीबों एवं जरूरतमंदों की सहायता के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े संगठन ‘सेवा भारती’ द्वारा जारी हेल्पलाइन नंबर 8010066066 पर पिछले तीन दिनों में 10,556 लोगों ने मदद मांगी। इसमें से 8,728 लोगों की समस्याओं का तीन घंटे के अंदर समाधान कर दिया गया। अधिकतर लोगों की मांग राशन और भोजन की थी। कुछ लोगों ने चिकित्सा जरूरतों के लिए भी फोन किया था। फोन करने वाले कुछ लोग ऐसे भी थे जो संघ के इस कार्य में सहयोग करना चाहते थे। ये सभी फोन बुधवार से शुक्रवार के बीच आए थे।
सेवा भारती कॉल सेंटर के माध्यम से जरूरतमंदों को राशन एवं भोजन के साथ ही 24 घंटे चिकित्सा परामर्श भी मुहैया करा रही है। काल सेंटर में 35 डॉक्टर और 288 कार्यकर्ताओं को शिफ्ट के अनुसार तैनात किया गया है।
सेवा भारती दिल्ली प्रांत के महामंत्री डॉ. राम कुमार ने विशेष खबर को बताया कि दिल्ली में रहने वाले पूर्वोत्तर के छात्रों की समस्याओं के समाधान के लिए कॉल सेंटर में अलग से व्यवस्था की गयी है। शुक्रवार से शनिवार तक ऐसे दो हजार से अधिक छात्रों को सहायता पहुंचाई गयी। उन्होंने बताया कि शनिवार को त्रिलोकपुरी में एक हजार से अधिक किन्नर परिवारों को राशन वितरित किया गया। एक दिन पहले स्वयंसेवकों ने जीबी रोड पर 986 सेक्स वर्करों को राशन बांटा था।
उन्होंने बताया कि पूरे अभियान में दिल्ली भर में कुल मिलाकर 5500 से अधिक स्वयंसेवक तैनात हैं। इस कार्य में 115 से अधिक सामाजिक, धार्मिक एवं शैक्षिक संगठन भी सहयोग कर रहे हैं। दिल्ली में 630 स्थानों पर एक लाख से अधिक लोगों के लिए दोनों वक्त के भोजन की व्यवस्था की गयी है। शुक्रवार को सुबह-शाम मिलाकर 1.30 लाख से अधिक लोगों ने भोजन किया। भोजन से जुड़े इस कार्य में 2697 कार्यकर्ता दिन-रात जुटे हुए हैं। सभी स्थानों पर भोजन का अलग-अलग मैन्यू है। कहीं पूड़ी-सब्जी, कहीं दाल-भात, रोटी-सब्जी और कहीं खिचड़ी की व्यवस्था की गई है।
डॉ. कुमार ने बताया कि दिल्ली में शुक्रवार तक कुल 43,759 लोगों को राशन पैकेट बांटा जा चुका है। प्रत्येक पैकेट का वजन 20 किलोग्राम है, जिसमें 10 किलो आटा, पांच किलो चावल, दो किलो दाल, एक किलो चीनी, 100 ग्राम चायपत्ती, 200 ग्राम मसाले, तेल एवं अन्य सामग्री शामिल है। संघ के स्वयंसेवकों ने पिछले तीन दिनों में 7343 गायों के लिए 28 हजार किलो चारे की भी व्यवस्था की। इस कार्य में 136 स्वयंसेवकों को तैनात किया गया है। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान दिल्ली में अब तक 115 स्थानों पर प्रशासन का सहयोग किया गया है।
स्वयंसेवकों की सलाह पर 4361 मजदूरों ने नहीं किया पलायन
डॉ. राम कुमार ने बताया कि स्वयंसेवकों की सलाह मानकर 4361 मजदूरों ने दिल्ली से पलायन नहीं किया। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के कारण उत्पन्न हुए रोजी-रोटी के संकट के बीच बीते 28 मार्च को आनंद विहार और दिल्ली-यूपी बार्डर पर हजारों मजदूर घर जाने के लिए तैयार बैठे थे। इस दौरान 20 हजार से अधिक मजदूरों के लिए भोजन की व्यवस्था की गयी थी। पलायन कर रहे 4361 मजदूरों को दिल्ली न छोड़ने के लिए राजी कर लिया गया। उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल के रहने वाले इन सभी मजदूरों के लिए राशन, भोजन समेत सभी आवश्यक सामग्री मुहैया करायी जा रही है। लॉक डाउन के बाद से सेवा भारती अलग -अलग राज्यों और जिलों में लोगों की मदद में जुटी है.