देश

कोरोना को रोकने के लिए अब देश में होंगे रैपिड एंटीबॉडी ब्लड टेस्ट

नई दिल्ली : देश में कोरोना वायरस के मामले 3000 से ज्यादा हो गए हैं. पूरे देश में लॉकडाउन है. लोग घरों में बंद हैं, इसके बावजूद मामले बढ़ते जा रहे हैं. इसे देखते हुए देश के सर्वोच्च वैज्ञानिक शोध संस्थान इंडियन काउंसिल ऑफ मेडकल रिसर्च (ICMR) ने एक एडवाइजरी जारी की है.

एडवाइजरी ये है कि कोविड-19 कोरोना वायरस से पीड़ित लोगों के क्लस्टर जोन और बड़े प्रवास केंद्रों में रैपिड एंटीबॉडी ब्लड टेस्ट शुरू किए जाएं. यानी खून के जरिए कोरोना वायरस की जांच.

ICMR ने कहा है कि जहां से कोरोना संक्रमण के मामले ज्यादा आए हैं. उन क्लस्टर या हॉटस्पॉट इलाकों में ये टेस्ट शुरू किए जाएं. एडवाइजरी में कहा गया है कि इंफ्लूएंजा जैसी बीमारी से पीड़ित लोगों की जानकारी सबसे पहले कोरोना सर्विलांस अधिकारी या सीएमओ को दी जाए.

इंफ्लूएंजा जैसी बीमारी यानी खांसी, बुखार, जुकाम के लक्षणों से जूझ रहे व्यक्ति को 14 दिनों के लिए घर में क्वारनटीन किया जाए. जबकि, कोरोना केंद्रों, अस्पतालों और प्रवास केंद्रों पर भर्ती मरीजों का रैपिड एंटीबॉडी ब्लड टेस्ट किया जाए.

अगर रैपिड एंटीबॉडी ब्लड टेस्ट निगेटिव आता है तो मरीज का आरटी-पीसीआर (RT-PCR) टेस्ट किया जाए. अगर टेस्ट का रिजल्ट पॉजिटिव आता है तो शख्स को प्रोटोकॉल के अनुसार आइसोलेशन में रखें, इलाज करें और उनके संपर्क में आए लोगों को खोजें.

कोरोना को रोकने के लिए अब देश में होंगे रैपिड एंटीबॉडी ब्लड टेस्ट

अगर आरटी-पीसीआर नहीं हो पता है तो शख्स को तत्काल होम क्वारनटीन में जाने के लिए कहें. हर दस दिन पर रैपिड एंटीबॉडी ब्लड टेस्ट करें. टेस्ट पॉजिटिव आता हो तो अगले 10 दिन के लिए उन्हें घर में आइसोलेशन में रखा जाए. अगर स्थिति बिगड़ती है तो मरीज को अस्पताल या प्रवास केंद्र के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया जाए.

आइए जानते हैं कि आरटी-पीसीआर और रैपिड एंटीबॉडी ब्लड टेस्ट में क्या अंतर हैं. यहां पीसीआर का मतलब है पॉलीमिरेज चेन रिएक्शन. इसमें मरीज का सैंपल नाक और गले से लिया जाता है. इसके जरिए टेस्ट का रिजल्ट आने में पांच घंटे लगते हैं.

रैपिड एंटीबॉडी ब्लड टेस्ट में मरीज के खून का सैंपल लिया जाता है. इसका रिजल्ट 15 से 20 मिनट में आ जाता है. इसमें उंगली में सुईं चुभोकर खून का सैंपल लेते हैं. इसमें यह देखते हैं कि संदिग्ध के खून में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडी काम कर रहे हैं या नहीं

यह टेस्ट उन लोगों में ज्यादा कारगर है जिनके लक्षण शुरु में नहीं दिखाई देते. हालांकि, रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट यह नहीं बताता कि आपको कोरोना वायरस का संक्रमण है कि नहीं. लेकिन इस टेस्ट से यह पता चल जाता है कि कोरोना के मामले किस इलाके में तेजी से बढ़ रहे हैं.

भारत ने रैपिड एंटबॉडी ब्लड टेस्ट के लिए किट खरीदने शुरू कर दिए हैं. भारत सरकार ने अमेरिका, चीन और दक्षिण कोरिया से ऐसे 5 लाख टेस्ट किट खरीदें हैं.

रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट किट करीब 2000 से 3000 रुपये के बीच आएगी. हालांकि, यह मांग और सप्लाई पर निर्भर करता है. वहीं, निजी लैब्स में यह टेस्ट करीब 4500 रुपये का हो सकता है. इसमें 1500 रुपये पहली बार स्क्रीनिंग के हैं और 3000 रुपये कन्फर्मेशन टेस्ट के लिए हैं

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com