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मध्य प्रदेश से कमलनाथ की विदाई, 15 महीने बाद फिर लौटेंगे शिवराज?

भोपाल। मध्य प्रदेश का सियासी नाटक 17 दिन बाद खत्म हो गया है. फ्लोर टेस्ट से पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस्तीफा देने का फैसला किया है. इस्तीफे के ऐलान से पहले कमलनाथ ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि बीजेपी याद रखे कि कल और परसो भी आएगा. सब सच्चाई सामने आएगी.

बीजेपी पर कई आरोप लगाते हुए कमलनाथ ने कहा कि बीजेपी ने 22 विधायकों को बंधक बनाया और ये पूरा देश बोल रहा है. करोड़ों रुपये खर्च कर खेल खेला जा रहा है. एक महाराज और उनके 22 साथियों के साथ मिलकर साजिश रची. इसकी सच्चाई थोड़ी समय में सामने आएगी.

‘जनता कभी BJP को माफ नहीं करेगी’

सीएम कमलनाथ ने कहा कि हमने तीन बार विधानसभा में अपनी बहुमत साबित की. बीजेपी की ओर से जनता के साथ विश्वासघात किया जा रहा है और लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या की जा रही है, जनता इन्हें कभी माफ नहीं करेगी. कमलनाथ ने कहा कि बीजेपी ने मेरे कार्यकाल के दौरान हमारे कार्यों के खिलाफ साजिश की, पहले दिन से ये लोग हमारी सरकार गिराना चाहते थे.

कमलनाथ ने गिनाई अपनी उपलब्धियां

इस्तीफे के ऐलान से पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिनवाया और कहा कि हमने आम लोगों के लिए काम किया, लेकिन ये भाजपा को रास नहीं आया. हमारी सरकार पर किसी तरह का आरोप नहीं लगा. बीजेपी ने किसानों के साथ धोखा कियास लेकिन हमें उनके लिए काम नहीं करने दिया.

क्या है पूरा मामला

इससे पहले कांग्रेस के 22 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था, जिसमें से 6 विधायकों का इस्तीफा स्पीकर ने स्वीकार कर लिया था और 16 विधायकों का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया था. बीजेपी ने सरकार से सदन में बहुमत साबित करने की मांग की थी, लेकिन मांग को दरकिनार करते हुए स्पीकर ने 26 मार्च तक सदन को स्थगित किया गया था.

इसके बाद बीजेपी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी और तुरंत फ्लोर टेस्ट की मांग की गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को स्पीकर को फटकार लगाई थी और 16 बागी विधायकों के इस्तीफे ना स्वीकारने का कारण पूछा और आज शाम 5 बजे तक फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया था. इसके बाद स्पीकार ने सभी 16 विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया.

विधायकों का इस्तीफा स्वीकार होने के बाद कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई. अब कमलनाथ सरकार के पास सिर्फ 99 विधायक हैं, जबकि बहुमत के लिए 104 का आंकड़ा चाहिए. फ्लोर टेस्ट से पहले कमलनाथ ने इस्तीफे का ऐलान कर दिया है. यानी मध्य प्रदेश से कांग्रेस सरकार की विदाई हो गई है.

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