नई दिल्ली/इस्लामाबाद : पाकिस्तान ने कहा है कि वह दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) के सदस्य देशों के वीडियो कॉन्फ्रेंस में भाग लेगा. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता आइशा फारूकी ने शुक्रवार देर रात ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि कोरोनोवायरस प्रकोप से निपटने के लिए दक्षेस देश एक मजबूत रणनीति बना सकते हैं.
इसके बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता आइशा फारूकी ने शुक्रवार देर रात ट्वीट किया कि स्वास्थ्य पर प्रधान मंत्री इमरान खान के विशेष सहायक जफर मिर्जा सम्मेलन में शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस का सामना करने के लिए वैश्विक और क्षेत्रीय स्तर पर समन्वित (एकीकृत) प्रयासों की आवश्यकता है.फारूकी ने कहा, ‘कोविड-19 के खतरे से निपटने के लिए वैश्विक और क्षेत्रीय स्तर पर समन्वित प्रयासों की आवश्यकता है. पाकिस्तान इस मसले पर सार्क सदस्य देशों के वीडियो कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेगा.बता दें कि मोदी ने विश्व के सामने उदाहरण रखने के उद्देश्य से दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) के नेताओं की वीडियो कान्फ्रेंस के जरिए चर्चा का शुक्रवार को प्रस्ताव दिया ताकि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए मजबूत रणनीति बनाई जा सके.प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए दक्षेस देशों द्वारा एक संयुक्त रणनीति बनाने का प्रस्ताव शुक्रवार को दिया जिसका नेपाल और श्रीलंका जैसे सदस्य देशों ने स्वागत किया है.
उनकी अपील पर श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे, मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह, नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली और भूटान के प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग ने स्वागत किया. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एकजुट होकर हम दुनिया के समक्ष उदाहरण पेश कर सकते हैं और स्वस्थ दुनिया के प्रति योगदान कर सकते हैं.उन्होंने कहा, ‘मैं प्रस्ताव करना चाहूंगा कि दक्षेस देशों का नेतृत्व कोरोना वायरस से लड़ने के लिए एक मजबूत रणनीति बनाये. हम हमारे नागरिकों को स्वस्थ रखने के तरीकों पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा कर सकते हैं.’मोदी ने ट्विटर पर कहा, ‘हमारा ग्रह कोविड-19 कोरोना वायरस से जूझ रहा है. विभिन्न स्तरों पर, सरकारें और लोग इसका मुकाबला करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं.’उन्होंने कहा कि दक्षिण एशिया को यह सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़नी चाहिए कि लोग स्वस्थ रहे.
प्रधानमंत्री माेदी ने कहा, ‘हम दुनिया के सामने एक उदाहरण पेश कर सकते हैं और ग्रह को स्वस्थ रखने में योगदान कर सकते हैं.’दक्षेस क्षेत्रीय अंतर सरकारी संगठन है जिसमें अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका शामिल हैं.’प्रस्ताव का स्वागत करते हुए राजपक्षे ने कहा कि श्रीलंका चर्चा में शामिल होने, अपने अनुभवों को साझा करने और अन्य दक्षेस देशों से सीखने के लिए तैयार है.राजपक्षे ने ट्वीट किया, ‘आपकी महान पहल के लिए धन्यवाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी– लंका चर्चा में शामिल होने, अपने अनुभवों को साझा करने और दक्षेस के दूसरे देशों से सीखने के लिए तैयार है. इस कठिन समय में हम एकजुटता दिखाएं और अपने नागरिकों को सुरक्षित रखें.’नेपाल के प्रधानमंत्री ओली ने भी प्रस्ताव का स्वागत किया और कहा कि उनकी सरकार दक्षेस के देशों के साथ काम करने के लिए तैयार है ताकि इस खतरनाक रोग से लोगों की रक्षा की जा सके.ओली ने ट्वीट किया, ‘कोरोना वायरस से लड़ने के लिए दक्षेस देशों के नेतृत्व द्वारा मजबूत रणनीति बनाने की खातिर प्रधानमंत्री मोदी के विचारों का मैं स्वागत करता हूं. दक्षेस के सदस्य देशों के साथ काम करने के लिए मेरी सरकार तैयार है ताकि इस घातक बीमारी से अपने नागरिकों की रक्षा कर सकें.
‘मालदीव के प्रधानमंत्री सोलिह ने कहा कि उनका देश प्रस्ताव का स्वागत करता है और इस तरह के क्षेत्रीय प्रस्ताव का पूरा समर्थन करेगा.उन्होंने कहा, ‘स महत्वपूर्ण मुद्दे पर पहल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद. कोविड-19 को परास्त करने के लिए सामूहिक प्रयास की जरूरत है. मालदीव इस प्रस्ताव का स्वागत करता है और इस तरह के क्षेत्रीय प्रयास का पूरी तरह समर्थन करता है.’भूटान के प्रधानमंत्री ने कहा, ‘इसे हम नेतृत्व कहते हैं. इस क्षेत्र का सदस्य होने के नाते इस समय हमें एकजुट होना चाहिए.’उन्होंने कहा, ‘छोटी अर्थव्यवस्थाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं इसलिए हमें समन्वय करना चाहिए. आपके नेतृत्व में मुझे कोई संदेह नहीं है और हम तुरंत एवं प्रभावी परिणाम देखेंगे. वीडियो कांफ्रेंस का इंतजार है.’विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बुधवार को कोरोना वायरस को महामारी घोषित कर दिया था.