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कोरोना वायरस को लेकर हैं ये 14 धारणाएं, WHO ने बताई इनकी सच्चाई

नई दिल्ली। कोरोना वायरस की वजह से पूरी दुनिया में 134,679 लोग संक्रमित हो चुके हैं. इस भयावह बीमारी से 4973 लोगों की मौत हो चुकी है. लेकिन अब भी पूरी दुनिया में कोरोनावायरस से बचने को लेकर कई अफवाहें उड़ रही हैं. लोगों के मन में कई मिथ (धारणाएं) हैं. जैसे- गर्म पानी से नहाने से कोरोना से बचेंगे, ठंड़ी से कोरोनावायरस खत्म नहीं होता आदि. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने इन मिथकों को तोड़ने के लिए निर्देश जारी किया है. आइए जानते हैं कि पूरी दुनिया की भलाई के लिए जारी ये निर्देश क्या हैं.
धारणा 1- कोरोना गर्म-उमस भरे वातावरण में फैलता है

सच्चाईः ये कल्पना है. कोरोनावायरस किसी भी वातावरण में फैल सकता है. इसके लिए जरूरी नहीं कि गर्म और उमस भरा वातावरण हो. डब्लूएचओ ने कहा है कि आप वातावरण का ध्यान न दें. आप पूरी तरह से सुरक्षित रहें और हाइजीन मेंटेन करें. हाथों की सफाई करते रहें. यह वायरस किसी भी वातावरण में आपको संक्रमित कर सकता है.
धारणा 2- ठंडी और बर्फ में कोरोनावायरस नहीं मरता

सच्चाईः ये भी कोरी कल्पना मात्र है. इसकी कोई वजह नहीं हैं कि हम ये माने कि ठंडी और बर्फ में कोरोनावायरस नहीं मरता. या कोई और बीमारी. वायरस किसी भी तापमान में मारा जा सकता है अगर उसे उसके अनुकूल वातावरण न मिले. सामान्य तौर पर इंसानी शरीर का तापमान 36.5 से 37 डिग्री सेल्सियस पर रहता है. यह तापमान बाहरी वातावरण से ज्यादा प्रभावित नहीं होता.
धारणा 3- गर्म पानी में नहाने से कोरोना नहीं फैलता

सच्चाईः ये पूरी तरह से झूठ है. कोविड-19 यानी कोरोना वायरस गर्म पानी में भी सर्वाइव कर सकता है. आपके शरीर का तापमान 36.5 से 37 डिग्री सेल्सियस ही रहता है, जब आप नहाते हैं. अगर ज्यादा गर्म पानी से नहाएंगे तो आपके जलने का खतरा रहता है. इसलिए यह भूल जाइए कि गर्म पानी में नहाने से कोरोना नहीं फैलता.
धारणा 4- मच्छरों से नहीं फैलता कोरोना वायरस

सच्चाईः अभी तक ऐसी कोई सूचना या जानकारी डब्लूएचओ को नहीं मिली है कि मच्छरों से कोरोना वायरस नहीं फैलता. कोरोना वायरस एक रेस्पिरेटरी वायरस है. जो हवा में तैरते पानी के बूंदों से फैलते हैं. चाहे वह छींक हो या खांसी. जब कोई छींकता या खांसता है तो उसके मुंह या नाक से निकलने वाली थूक की बूंदों से कोरोना वायरस फैलता है. इसलिए अपने हाथ साफ रखें और मास्क लगाएं.
धारणा 5- हैंड ड्रायर्स से कोरोना वायरस मर जाता है

सच्चाईः नहीं. डब्लूएचओ ने स्पष्ट कहा है कि हैंड ड्रायर्स से कोरोना वायरस नहीं मरता. हैंड ड्रायर्स इस काम के लिए बने ही नहीं हैं. हैंड ड्रायर्स से सिर्फ आपको गीले हाथ सूखते हैं. उसपर मौजूद बैक्टीरिया या वायरस अल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर के धुलने से ही जाएंगे. या फिर साबुन से हाथ को अच्छी तरह से साफ करें.
धारणा 6- अल्ट्रावॉयलेट लैंप से मर जाएगा कोरोना

सच्चाईः कतई नहीं. अल्ट्रवॉयलेट लैंप का उपयोग शरीर के सामने नहीं किया जाना चाहिए. अल्ट्रवॉयलेट लैंप्स से आपकी स्किन यानी त्वचा पर अल्ट्रवॉयलेट रेडिएशन की वजह से इरिटेशन यानी जलन हो सकती है. इसलिए इस लैंप का उपयोग एकदम न करें. यह आपके लिए नई दिक्कत खड़ी कर देगा.
धारणा 7- कोरोना पकड़ने में थर्मल स्कैनर कितने कारगर

सच्चाईः डब्लूएचओ ने कहा है कि थर्मल गन या थर्मल स्कैनर बेहद कारगर हैं. यह इंसानी शरीर के बढ़े हुए तापमान को बिना छुए बताते हैं. अगर थर्मल स्कैनर ने बताया कि आपके शरीर का तापमान ज्यादा है इसका मतलब ये हैं कि आप कोरोना से संक्रमित हो सकते हैं. इससे यह पता नहीं चलता कि आपको कोरोनावायरस का संक्रमण हैं या नहीं. कोरोना वायरस की जांच होने के बाद ही पता चलेगा कि आप संक्रमित हैं या नहीं.
धारणा 8- अल्कोहल या क्लोरीन छि़ड़कने से मरेगा कोरोना

सच्चाईः एकदम नहीं. अल्कोहल या क्लोरीन छिड़कने से शरीर पर मौजूद कोरोना वायरस खत्म नहीं होगा. क्योंकि यह दोनों चीजें शरीर के ऊपर सफाई करते हैं. कोरोना वायरस शरीर के अंदर जाने के बाद सिर्फ दवाइयों से ही ठीक हो सकता है. इसका इलाज अल्कोहल या क्लोरीन नहीं होता. यह सिर्फ बचाव का तरीका है लेकिन शरीर की बाहरी त्वचा के लिए.
धारणा 9- निमोनिया की वैक्सीन बचा लेगी कोरोना से

सच्चाईः नहीं. निमोनिया की वैक्सीन जैसे- न्यूमोकोकल वैक्सीन और हीमोफिलस इनफ्लुएंजा टाइप बी (Hib) वैक्सीन से कोरोना वायरस का इलाज नहीं हो सकता. इससे कोरोना से बचाव नहीं होगा. कोरोना वायरस पूरी तरह से अलग है. यह नया है और अभी तक इसकी दवा खोजी नहीं गई है. वैज्ञानिक इसकी वैक्सीन विकसित करने में लगे हैं.
धारणा 10- लाइन से नाक साफ करें तो बचेंगे कोरोना से

सच्चाईः जी नहीं. डब्लूएचओ ने कहा है कि अभी तक ऐसे सबूत नहीं मिले हैं जिससे ये पता चले की सैलाइन से नाक साफ करने पर आपको कोरोनावायरस के संक्रमण से निजात या बचाव मिलेगा. यह एक आदमी से दूसरे आदमी में फैलता है. वह भी छींक या खांसी आने से मुंह और नाक से निकलने वाली थूक या म्यूकस की बूंदों से.
धारणा 11- लहसुन खाने से कोरोना संक्रमण नहीं होगा

सच्चाईः डब्लूएचओ ने कहा है कि लहसुन बेहद सेहतमंद खाद्य पदार्थ है. इसमें कई एंटी माइक्रोबियल तत्व होते हैं लेकिन अभी तक ऐसे प्रमाण नहीं मिले हैं, जिससे यह पता चले कि लहसुन खाने से लोग कोरोना वायरस से बच सकते हैं.
धारणा 12- बुजुर्ग ज्यादा खतरे में हैं या युवा

सच्चाईः कोरोना वायरस से सभी उम्र के लोग संक्रमित हो सकते हैं. सभी उम्र के लोग इस वायरस के हमले से परेशान हो सकते हैं. बुजुर्गों के साथ अन्य समस्याएं जैसे- अस्थमा, डायबिटीज, दिल की बीमारियां कोरोना वायरस के संक्रमण को और ताकतवर बना देती है. इससे उन्हें खतरा ज्यादा होता है. जबकि, युवाओं के साथ ऐसा नहीं है.
धारणा 13- एंटीबॉयोटिक्स से कोरोना वायरस ठीक होगा

सच्चाईः एकदम नहीं. डब्लूएचओ ने कहा है कि कोरोनावायरस को ठीक करने के लिए एंटीबॉयोटिक्स काम नहीं करते. ये दवाइयां सिर्फ बैक्टीरिया को मारती हैं वायरस को नहीं. एंटीबॉयोटिक्स का उपयोग कोरोना के लिए नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि कोविड 10 नया वायरस है. अगर कोई अस्पताल में भर्ती है तो उसे ये दवाइयां दी जा सकती हैं ताकि बैक्टीरियल इंफेक्शन न हो.
धारणा 14- कोरोना के लिए दवाइयां मौजूद हैं

सच्चाईः डब्लूएचओ के मुताबिक अभी तक कोरोनावायरस की दवाइयां मौजूद नहीं है. वैज्ञानिक अभी इस वायरस को मारने या उससे बचाने के लिए वैक्सीन तैयार करने में लगे हैं. हालांकि, इलाज के कुछ तरीके भी अंडरट्रायल हैं.

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