नई दिल्ली: लंबे इंतज़ार के बाद दिल्ली में कितने रेहड़ी-पटरी वाले हैं, ये आंकड़ा सामने आएगा. केजरीवाल सरकार ने रेहड़ी-पटरी वालों का सर्वे करने के लिए कंपनी का चयन कर लिया है. दिल्ली सरकार की ओर से जारी एक आदेश के मुताबिक आईटी सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड और ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट आफ लोकल गवर्नमेंट नाम की कंपनियां दिल्ली के रेहड़ी पटरी वालों का सर्वे का कार्य करेंगी.
निगम ने किया था सर्वे से इनकार
बता दें कि सर्वे में रेहड़ी-पटरी वालों की संख्या के हिसाब से कंपनियों को तय राशि प्रदान की जाएगी. पहले यह काम नगर निगम को करना था लेकिन नगर निगमों ने अपनी खराब आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए सर्वे का कार्य करने से मना कर दिया था. वर्ष 2014 में केंद्र से पारित हुए आजीविका संरक्षण और पटरी विक्रय विनियम अधिनियम 2014 को दिल्ली सरकार ने दिल्ली रेहड़ी पटरी विक्रेता 2017 में कानून बनाया था. इस कानून के तहत दिल्ली की सभी टाउन वेंडिंग समितियों के चुनाव हुए थे. अब दिल्ली सरकार ने दिल्ली के तीनों नगर निगम की 26 और नई दिल्ली नगरपालिका परिषद इलाके की एक टाउन वेंडिंग कमेटी के गठन की सूचना जारी की है.
रेहड़ी-पटरी वालों की संख्या करीब 5 लाख है
एक अनुमान के मुताबिक दिल्ली में पांच लाख रेहड़ी पटरी संचालक हैं. वर्तमान में बनी टाउन वेंडिंग कमेटी को सभी रेहड़ी पटरी वालों के सर्वे का कार्य सीमा में पूरा करके निगम के माध्यम से दिल्ली सरकार के शहरी विकास विभाग को सूचित करना है. दिल्ली का शहरी विकास विभाग दिल्ली की 2.5 फीसद रेहड़ी पटरी वालों को मान्य रेहड़ी-पटरी संचालक घोषित करेगा. इसके बाद इन कमेटियों के गठन के लिए फिर से चुनाव की प्रक्रिया पूरी की जाएगी.