नई दिल्ली। देश विरोधी बयान देने के आरोप में गिरफ्तार जेएनयू छात्र शरजील इमाम ने एसआईटी को बताया कि शाहीनबाग में धरने-प्रदर्शन के दौरान एक राजनीतिक दल से जुड़े नेता ने उसकी मदद की थी, लेकिन जब धरने की चर्चा देशभर में होने लगी तो उस शख्स ने ही इसकी कमान संभाल ली।शरजील ने क्राइम ब्रांच को बताया कि एक बिरयानी वाले ने भी धरने के दौरान उसकी आर्थिक मदद की। साथ ही इलाके के कुछ लोगों को भी इससे जोड़ा था। अब पुलिस उस नेता और बिरयानी वाले की तलाश कर रही है।
चार करीबियों से पूछताछ: पुलिस ने देश विरोधी बयान देने के आरोप में गिरफ्तार जेएनयू छात्र शरजील इमाम के चार करीबी साथियों से सोमवार को पूछताछ की। इनमें एक आईआईटी का पूर्व छात्र, दूसरा मैनेजमेंट छात्र, तीसरा ग्रेटर नोएडा के एक इंस्टीट्यूट में पढ़ने वाला छात्र शामिल है, जबकि उसका चौथा साथी निजी नौकरी कर रहा है। पुलिस ने शरजील के कमरे की तलाशी भी ली, जहां से पता चला कि उसने पांच हजार पोस्टर छपवाए थे। पुलिस को उसके मोबाइल और लैपटॉप की जांच से पता चला कि वह 12 ग्रुप से जुड़ा था। हालांकि, पुलिस का कहना है कि इस मामले में अभी दर्जनभर से ज्यादा लोगों से पूछताछ की जानी है। यह पता लगाया जाएगा कि ये लोग किस संस्था या व्यक्ति से जुड़े हैं।
भड़काऊ भाषण दिए: शरजील ने 13 दिसंबर को जामिया और 16 जनवरी को अलीगढ़ में सीएए के विरोध में सभाएं कीं। दोनों सभाओं में उसके भड़काऊ भाषण वायरल हो गए थे।
पुलिस हिरासत की अवधि तीन दिन बढ़ाई
अदालत ने सोमवार को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार शरजील इमाम की पुलिस हिरासत की अवधि तीन दिन के लिए बढ़ा दी। शरजील की ओर से अधिवक्ता मिशिका सिंह ने बताया कि देर शाम में उनके मुवक्किल को मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पुरुषोत्तम पाठक के सामने पेश किया गया। पुलिस ने कोर्ट को बताया कि शरजील से अभी और पूछताछ की जानी है, ऐसे में रिमांड की अवधि बढ़ाई।