दिल्ली। कोरोना वायरस (Coronavirus) की दहशत के बीच चीन के वुहान में फंसे भारतीय लोगों को लेकर एयर इंडिया का डबल डेकर जंबो 747 विमान भारत पहुंच चुका है. 423 यात्रियों की क्षमता वाले बोइंग बी-747 विशेष विमान ने शुक्रवार देर रात चीन के वुहान से उड़ान भरी थी. इस विमान में दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल के 5 डॉक्टरों की टीम भी मौजूद थी.
इसके अलावा विमान में पैरा मेडिकल स्टाफ भी था, जिसके पास जरूरी दवाइयां, मास्क, ओवरकोट और पैक किया हुआ भोजन था. इसके अलावा इंजीनियर्स और सुरक्षा अधिकारियों की एक टीम भी इस फ्लाइट में मौजूद थी. यह विमान शनिवार की सुबह 7 बजे के बाद नई दिल्ली पहुंचा.
चीन से लाए गए इन सभी लोगों को ITPB के छावला कैंप ले जा गया है, जहां 14 दिन तक सभी को सबसे अलग मेडिकल ऑब्जर्वेशन में रखा जाएगा. कुल 324 लोगों में 211 छात्र हैं, जबकि 110 लोग वर्किंग हैं. इनके अलावा 3 नाबालिग भी हैं.
बता दें कि चीन का हुबेई प्रांत कोरोना वायरस का मुख्य केंद्र माना जा रहा है, जिसकी राजधानी वुहान है. जानकारी के मुताबिक यहां करीब 700 भारतीय रहते हैं. इन लोगों में ज्यादार मेडिकल छात्र एवं रिसर्च स्कॉलर हैं जो यहां अध्ययनरत हैं.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक चीनी नव वर्ष अथवा बसंत त्यौहार की छुट्टियों के कारण कई भारतीय पहले ही भारत आ चुके हैं. बता दें कि स्थानीय हवाई अड्डे को सभी वायु परिवहन के लिए बंद कर दिया गया था लेकिन पिछले दो दिनों में विभिन्न देशों के विमानों के लिए इसे दोबारा खोला गया है ताकि संबंधित देश अपने-अपने नागरिकों को यहां से एयरलिफ्ट करा सकें.
दिल्ली और हरियाणा में रुकेंगे यात्री
भारत सरकार ने चीन से आए करीब 600 छात्रों और अन्य भारतीयों को दिल्ली के छावला व हरियाणा के मानेसर कैंप में ठहराने का इंतजाम किया है. फिलहाल एयर इंडिया के विशेष विमान से शनिवार की सुबह चीन से 324 भारतीय लौटे हैं. भारत सरकार ने शेष भारतीय नागरिकों को कम से कम 2 सप्ताह तक अलग रखने का फैसला किया है. इसी फैसले के तहत चीन से लौट रहे सभी भारतीयों को भारत-तिब्बत सीमा पुलिस की बिल्डिंग और इंडियन आर्म फोर्स मेडिकल सर्विसेज के भवन में रखा जाएगा.
एयरपोर्ट पर यात्रियों की स्क्रीनिंग के लिए स्क्रीनिंग कैंप बनाया गया है. जहां चीन से लौटे यात्रियों की स्क्रीनिंग की जाएगी. स्क्रीनिंग के बाद ही इन्हें भारत-तिब्बत सीमा पुलिस की बिल्डिंग और इंडियन आर्म फोर्स मेडिकल सर्विसेज के भवन में रखा जाएगा.
कोरोना वायरस का सबसे अधिक संक्रमण चीन के वुहान प्रांत में फैला है. वुहान से कोरोना वायरस का यह संक्रमण अब चीन के 30 अलग-अलग राज्यों में फैल चुका है. चीन और भारत की सरकारों के बीच आपसी बातचीत के बाद अब यह सभी छात्र और अन्य नागरिक स्वदेश लौटे हैं. दिल्ली और हरियाणा में बने अस्थायी कैंप में ले जाने से पहले चीन से आने वाले सभी भारतीयों की गहन जांच की जाएगी, जिसमें थर्मल स्क्रीनिंग भी शामिल है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘चीन से आने वाले करीब 366 भारतीय नागरिकों को भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के बाहरी दिल्ली स्थित छावला कैंप और हरियाणा स्थित मानेसर में ठहराया जाएगा. ये सभी भारतीय चीन के वुहान प्रांत से लौट रहे हैं. चीन के वुहान प्रांत से आने वाले छात्र व अन्य भारतीयों को 2 सप्ताह तक रखने की व्यवस्था की गई है. इस दौरान चीन से आए ये सभी लोग अपने परिवार समेत किसी भी अन्य व्यक्ति से नहीं मिलेंगे.’
विशेषज्ञों के मुताबिक, ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि चीन से आए किसी भी भारतीय नागरिक के शरीर में संक्रमण का कोई वायरस मौजूद रहा तो इन 2 सप्ताह के दौरान उस वायरस की पहचान रोकथाम और उपचार किया जा सकेगा.