नई दिल्ली। लक्ष्मी नगर विधानसभा यमुना पार दिल्ली में बड़ी और महत्वपूर्ण मानी जाती है। पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र में आने वाली इस सीट को 2008 में विधानसभा क्षेत्र घोषित किया गया था। इसी दौरान यहां कराए गए पहले चुनाव में कांग्रेस के डॉक्टर एके वालिया विधायक चुने गए थे। इस सीट पर राजनैतिक पार्टियों के ही जातीय समीकरण की बात करें तो लगभग सभी पंजाबी, पूर्वांचली, पहाड़ी, दलित और वैश्य समाज के लोग रहते हैं। चुनाव में भी आबादी की इस विविधता का प्रभाव दिखाई देता है। वहीं, लोगों की नजर भी इस सीट टिकी रहती हैं।
2013 में जब पहली बार आम आदमी पार्टी इस सीट से चुनाव लड़ी तो उनके उम्मीदवार विनोद कुमार बिन्नी इस सीट से विधायक चुने गए थे। हालांकि बाद में उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया था।
बिन्नी इसके बाद बीजेपी में शामिल हो गए थे। 2015 विधानसभा चुनाव में बिन्नी पटपड़गंज सीट से बीजेपी के उम्मीदवार बन कर चुनाव लड़े, लेकिन हार गए। उन्हें मनीष सिसोदिया के हाथों शिकस्त का मुंह देखना पड़ा। इससे पहले 2013 दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी के विनोद कुमार बिन्नी और 2008 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के डॉ अशोक कुमार वालिया ने जीत हासिल की थी। 2015 के आंकड़ों के मुताबिक लक्ष्मीनगर विधानसभा क्षेत्र में कुल 2,03,726 मतदाता हैं। जिनमें से 1,15,317 पुरुष और 88,392 महिला वोटर्स ने वोट किए थे।
लक्ष्मीनगर विधानसभा सीट पर मौजूदा विधायक नितिन त्यागी आम आदमी पार्टी से विधायक हैं। 2015 विधानसभी चुनाव में नितिन त्यागी को 58,229 वोट मिले थे। जबकि निकटम प्रतिद्वंद्वी बीजेपी उम्मीदवार बीबी त्यागी को 53,383 वोटों के साथ हार का मुंह देखना पड़ा था। यानी हार का अंतर 4846 मतों का था। हालांकि इतने कम अंतर से हार के कारण कार्यकर्ताओं को उम्मीद थी कि इस बार भी बी बी त्यागी को ही टिकट मिलेगा। लेकिन पार्टी ने इस बार नितिन त्यागी के सामने प्रदेश कमेटी में उपाध्यक्ष अभय कुमार वर्मा को टिकट देकर चुनाव मैदान में उतार दिया है।
इनके बीच मुकाबला
आम आदमी पार्टी ने एक बार फिर से नितिन त्यागी पर भरोसा दिखाया है तो उनके सामने बीजेपी के अभय कुमार वर्मा और कांग्रेस के हरि दत्त शर्मा मैदान में हैं। हरिदत्त शर्मा अशोक वालिया की तरह लोकप्रिय नहीं है इसलिए माना जा रहा है कि यहा आप और बीजेपी के बीच सीधी टक्कर होगा। अगर ऐसा हुआ तो आम आदमी पार्टी को यहां मुंह की खानी पड़ सकती है। क्योंकि जिन सीटों पर भी दोनों पार्टियों के बीच सीधी टक्कर है और वहां मुस्लिम मतदाताओं की संख्या कम है वहां बीजेपी आप पर भारी पड सकती है। अभय पेशे से वकील और अच्छे वक्ता हैं और बीजेपी में कई राष्ट्रीय नेता उनके लिए प्रचार कर रहे है जिसके कारण वे आप के उम्मीदवार पर भारी पड़ सकते हैं।
इलाके के अहम मुद्दे
लक्ष्मी नगर विधानसभा क्षेत्र के तहत चार वॉर्ड आते हैं किशन कुंज, लक्ष्मी नगर, शकरपुर और पांडव नगर। इस एरिया में अधिकतर अवैध कॉलोनियां हैं। गलियां संकरी हैं। लक्ष्मी नगर एरिया बेहद भीड़ भाड़ वाले इलाके में आते हैं। जहां तक कि जातीय समीकरणों की बात की जाए तो यहां पर 20 फीसदी ब्राह्मण, 22 फीसदी पंजाबी, 11 फीसदी मुस्लिम, 10 फीसदी उत्तराखंड के लोग, 8 फीसदी वैश्य, 8 फीसदी एससी और 16 फीसदी ओबीसी वोटर हैं। यहां पर पंजाबी और ब्राह्मण निर्णायक भूमिका अदा करते हैं। जहां तक मुद्दों की बात की जाए तो यहां पर अवैध निर्माण का सबसे बड़ा मुद्दा है। यही कारण है कि कुछ समय पहले ललिता पार्क जैसा हादसा हुआ था, जिसमें काफी लोग मारे गए थे। सफाई का यहां भी बुरा हाल है। सफाई व्यवस्था और गंदगी के कारण यहां भी बीमारियां फैलने की आशंका बनी रहती है। पेंशन का मुद्दा भी यहां है। बुजुर्गों को पेंशन नहीं मिल पाने के कारण उनमें नाराजगी है। इसके अलावा पार्किंग भी एक बड़ा मुद्दा है। पार्किंग न होने के कारण लोग सड़कों पर गाड़ियां खड़ी करते हैं, जिससे जाम का सामना करना पड़ता है।
लोगों की राय
लक्ष्मी नगर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गणेश नगर और पांडव नगर कालोनी में रहने वाले लोगों से बातचीत में पता चला कि दिल्ली सरकार की फ्री बिजली-पानी, शिक्षा-स्वास्थ्य जैसी योजना के कारण होंने वाली छोटी-छोटी बचत से लोग खुश तो हैं। मगर लोगों की राय है कि मुफ्त योजनाओं के अलावा प्रत्याशी पर गौर करना पड़ता हैं। लोगों को शिकायत है कि आप विधायक ने पूरे पांच साल तक इलाके में गली कूंचों की खराब सड़कों और सीवर व्यवस्था को सुचारू करने पर ज्यादा तवज्जों नहीं दी। चुनाव के दो महीना पहले इन पर काम शुरू हुआ जिसे लोग चुनावी स्टंट मान रहे है। सीएए पर विरोध और एक खास समुदाय को तवजजों दिए जाने को लेकर विधानसभा क्षेत्र में लोगों में केजरीवाल के प्रति नाराजगी साफ झलकती है।