गाज़ियाबाद

गणतंत्र की पूर्व संध्या पर जिला प्रशासन एवं हिंदी भवन समिति की तरफ से आयोजित कवि सम्मेलन व मुशायरा

गाज़ियाबाद। गणतंत्र की पूर्व संध्या पर जिला प्रशासन एवं हिंदी भवन समिति की तरफ से आयोजित कवि सम्मेलन व मुशायरा बेहद सफल रहा। हिंदी और उर्दू के कवियों और शायरों ने एक मंच से रात एक बजे तक खूब कविताएं व शायरी पढ़ी।

लोहिया नगर स्थित हिंदी भवन में शाम करीब साढ़े छह बजे कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए
जिलाधिकारी अजय शंकर पांडे ने कहा कि गणतंत्र दिवस पर इस तरह के आयोजन ज्यादा से ज्यादा होने चाहिए। उन्होंने शहर के लोगों की साहित्यिक कार्यक्रम में भागीदारी की खुलकर सराहना की। जिलाधिकारी अजय शंकर पांडे, एडीएम शैलेंद्र प्रताप सिंह एवं समिति के अध्यक्ष ललित जायसवाल, उपाध्यक्ष सुभाष गर्ग, दूधेश्वर नाथ मंदिर के श्रीमहंत नारायण गिरी, भाजपा नेता बलदेव राज शर्मा प पृथ्वी सिंह कसाना और पूर्व मिसेज वर्ल्ड उदिता त्यागी आदि ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। शायर राज कौशिक की इस ग़ज़ल से से कवि सम्मेलन- मुशायरे का आगाज हुआ जिसे लोगों ने जमकर सराहा-
कहीं मोहन, कहीं अब्दुल, कहीं करतार है भारत
हर इक हिंदू, हर इक मुस्लिम, हर इक सरदार है भारत
इधर दूधेश्वर मंदिर, बराबर में नगर इस्लाम
कि दिल्ली गेट अफगानान जैसा प्यार है भारत
हर इक त्योहार को सजदा, मगर इक बात कहनी है
दिवाली, ईद, क्रिसमस से बड़ा त्योहार है भारत

लखनऊ से आए शायर डॉ तारिक़ कमर को उनकी शायरी पर खूब दाद मिली-
यहां मेरा कोई अपना नहीं है
चलो अच्छा है कुछ खतरा नहीं है
इस शेर पर भी उन्होंने जमकर वाह-वाह बटोरी-
सच बोलें तो घर में पत्थर आते हैं
झूठ कहें तो खुद पत्थर हो जाते हैं

अंदाज़ देहलवी की शायरी और अंदाज़ दोनों पर श्रोताओं ने जमकर तालियां बजाई। उनके शेर देखिए-
तेरी मेरी यही एक पहचान है
मैं तेरी जान हूं, तू मेरी जान है
क्या मेरी झोपड़ी क्या ये तेरा महल
मैं भी मेहमान हूँ, तू भी मेहमान है

शायर फ़हमी बदायूंनी भी खूब जमे। इस शेर पर लोगों ने जमकर तालियां बजाईं-
सांप भी बीन भी मदारी भी
हाय क्या जात है तुम्हारी भी

शायर विज्ञान व्रत की छोटी बहर की शायरी खूब सराही गई। उनका एक शेर देखिए-
सूरज बनकर देख लिया ना
अब सूरज सा जलकर देख

शायर पापुलर मेरठी ने अपनी जाने पहचाने अंदाज में लोगों को खूब हंसाया। अंजू जैन की सरस्वती वंदना और गीत की भी श्रोताओं ने जमकर प्रशंसा की। डॉ कीर्ति काले के गीत भी खूब सराहे गए। पदमश्री डॉ सुरेंद्र शर्मा ने अंत में देर तक लोगों को हंसाया भी और जीवन दर्शन से भरी अतुकांत कविताएं सुना कर उन्हें बारबार तालियां बजाने को मजबूर भी कर दिया। संचालक गजेंद्र सोलंकी ने देशभक्ति से ओतप्रोत मुक्तक सुना कर लोगों को भावविभोर कर दिया। मनमोहन गोयल, आरके जैन, अनिल अग्रवाल, पूनम शर्मा, तारा गुप्ता, रामभरोसे, नरेश अग्रवाल आदि ने कवियों और अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम का समापन रात एक बजे राष्ट्रगान के साथ हुआ। कार्यक्रम में पुलिस प्रशासन के अधिकारी भी उपस्थित रहे।

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