देश

वीरता पुरस्कार के लिए देशभर से चुने गए 22 बच्चे

नई दिल्ली। राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार 2019 की घोषणा मंगलवार शाम हुई। इसके लिए 12 राज्यों के 22 बच्चों का चयन किया गया। इनमें 12 लड़के और 10 लड़कियां शामिल हैं। एक बच्चे को मरणोपरांत यह पुरस्कार दिया जाएगा। केरल के 15 वर्षीय आदित्य कुमार को भारत अवॉर्ड दिया जाएगा। आदित्य ने बस में सफर के दौरान 40 लोगों की जान बचाई थी।

इस साल वीरता पुरस्कार के लिए जिन 22 बच्चों को चुना गया है उनमें दो बच्चे जम्मू-कश्मीर के भी हैं। गैर सरकारी संस्था भारतीय बाल कल्याण परिषद (इंडियन काउंसिल ऑफ चाइल्ड वेलफेयर) ने पुरस्कारों की घोषणा कर दी है। देशभर से चुने गए 22 बच्चों में 10 लड़कियां व 12 लड़के शामिल हैं। एक बच्चे को मरणोपरांत यह पुरस्कार दिया जा रहा है।परिषद पर वित्तीय गड़बड़ी के आरोप के कारण बीते साल बाल विकास मंत्रालय ने खुद को इन पुरस्कारों से अलग कर लिया था। इस कारण बीते साल से इंडियन काउंसिल ऑफ चाइल्ड वेलफेयर (आईसीसीडब्ल्यू ही पुरस्कार दे रही है। वीरता पुरस्कार के लिए चुने गए बच्चे गणतंत्र दिवस परेड का हिस्सा नहीं होंगे। आईसीसीडब्ल्यू ने इस साल से पुरस्कारों के नाम भी बदल दिए हैं। पहले संजय चोपड़ा, गीता चोपड़ा, बापू गेधानी नाम से पुरस्कार दिए जाते थे। इस बार से इनके स्थान पर मार्कंडेय पुरस्कार, ध्रुव पुरस्कार, अभिमन्यु पुरस्कार, प्रह्लाद पुरस्कार, व श्रवण नाम से पुरस्कार दिया जाएगा।

परिषद की संरक्षक गीता सिद्धार्थ ने बताया कि बहुत समय से पुराने नाम पर ही पुरस्कार दिए जा रहे थे इसलिए इनको बदला गया है। इस बार भारत अवार्ड केरल के 15 वर्षीय आदित्य को दिया जाएगा। जबकि पौड़ी गढ़वाल जिले की 10 वर्षीय राखी को मार्कंडेय पुरस्कार, ओडिशा की 15 वर्षीय पूर्णिमा गिरी व सबिता गिरी को ध्रुव पुरस्कार दिया जाएगा।

अभिमन्यु पुरस्कार केरल के 16 वर्षीय मुहम्मद मुहसिन को व प्रह्लाद पुरस्कार ओडिशा की 10 वर्षीय श्रीमतीबदरा को दिया जाएगा। श्रवण पुरस्कार जम्मू-कश्मीर के 16 वर्षीय सरताज मोहीदीन मुगल को मिलेगा। जम्मू-कश्मीर के ही मुदासिर अशरफ को वीरता पुरस्कार, हिमाचल प्रदेश के पालमपुर की अलाइका को भी वीरता पुरस्कार दिया जाएगा।

पुरस्कार में नकद राशि व पढ़ाई में वित्तीय मदद मिलती है
भारत पुरस्कार के तहत 50 हजार, चार पुरस्कारों के तहत 40 हजार रुपये की राशि व अन्य बच्चों को 20 हजार रुपये की राशि दी जाएगी। इसके अलावा परिषद पढ़ाई के लिए वित्तीय सहायता भी प्रदान करती है।

केंद्र सरकार देती है प्रधानमंत्री बाल पुरस्कार
उल्लेखनीय है कि अब केंद्र सरकार प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार देती है। इसमें इनोवेशन, समाज सेवा, स्कूल संबंधी, कला-संस्कृति, खेल व बहादुुरी के तहत बच्चों का चयन किया जाता है।

उत्तराखंड की राखी बाघ से डरी नहीं, भाई को उसके पंजे से बचाया
पौड़ी गढ़वाल की रहने वाली 10 साल की राखी को तेंदुए से अपने छोटे भाई राघव की जान बचाने के लिए वीरता पुरस्कार दिया जाएगा। राखी ने राघव को तो बचा लिया, लेकिन तेंदुए के पंजे से बुरी तरह घायल हो गई। दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में उसका 15 दिनों तक इलाज चला और उसके सिर में 45 टांके लगे। भारतीय बाल कल्याण परिषद की ओर से वीरता के लिए राखी को मार्केंडय पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की गई है। पिछले साल 4 अक्तूबर को राखी अपने भाई को कंधे पर बिठाकर खेत से गांव आ रही थी। तभी तेंदुए ने राघव पर झपटा मारा। 5वीं कक्षा में पढ़ने वाली राखी घबराई नहीं और तेंदुए के पंजे से राघव को छुड़ा लिया। मां के शोर मचाने पर तेंदुआ जंगल में भाग गया और राखी व राघव की जान बच गई।

केरल के 15 वर्षीय आदित्य कुमार को भारत अवॉर्ड दिया जाएगा

जम्मू-कश्मीर के सरताज को मिलेगा श्रवण पुरस्कार
जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा के रहने वाले 16 साल के सरताज मोहिद्दीन मुगल का परिवार पिछले साल 24 अक्तूबर को पाकिस्तानी गोलीबारी की चपेट में आ गया था। पाकिस्तान की ओर से दागा गया एक गोला सरताज के घर पर आकर गिरा। सीजफायर उल्लंघन की इस घटना में उसका घर क्षतिग्रस्त हो गया और उसे चोट भी आई। इसकी परवाह किए बगैर सरताज ने माता-पिता और दो बहनों को किसी तरह से घर से बाहर निकाला। 10वीं में पढ़ने वाले सरताज को असाधारण साहस के लिए श्रवण पुरस्कार से नवाजा जाएगा।

बड़गाम के अशरफ ने दिया पराक्रम का परिचय
जम्मू-कश्मीर के बड़गाम जिले के 18 वर्षीय मुदासिर अशरफ ने अपनी जान जोखिम में डालकर गिरते हुए हेलिकॉप्टर की चपेट में आए एक ग्रामीण को बचाने का प्रयास किया। पिछले साल 27 फरवरी को ग्रिंद कला गांव मेें एमआई-17 हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुआ था और उसमें आग लग गई थी। इसकी चपेट में एक ग्रामीण आ गया, जिसे अशरफ ने बचाने की कोशिश की। अशरफ की लाख कोशिशों के बावजूद ग्रामीण को बचाया नहीं जा सका। उन्होंने ग्रामीणों को भी बचाव दल की सहायता करने के लिए प्रोत्साहित किया।

पहाड़ी से नीचे गिरी कार से अपने परिवार को बचाया
कार अनियंत्रित होकर पहाड़ी से नीचे गिर जाए और उसमें परिवार फंसा हो, तो कुछ सूझता नहीं है। हिमाचल प्रदेश के पालमपुर की 13 वर्षीय अलाईका ने अपनी सूझबूझ से विषम परिस्थितियों में साहस का परिचय दिया। उसने न सिर्फ अपनी जान बचाई, बल्कि अपने परिवार को भी समय रहते मदद दिलवाई। अलाइका 1 सितंबर, 2018 को माता-पिता और दादा के साथ चचेरे भाई के जन्मदिन पर जा रही थी। अलाईका जिस कार में सवार थी वह खाई में गिर गई और एक पेड़ से टकराकर रुक गई। उसने पहले खुद को कार से बाहर निकाला और झाड़ियों से रेंगते हुए सड़क पर पहुंची। जिसके बाद उसके परिवार की जान बची। 

आदित्य ने बताया- मैं बस में 40 लोगों के साथ था। मैंने पाया कि बस में डीजल की गंध आ रही थी। कुछ ही देर में बस ने डोना हिल (नेपाल) में आग पकड़ ली थी। यह भारत से 50 किमी दूर है। मैंने खिड़की तोड़ने के लिए हथौड़ा फेंका। धमाका होने के पहले ही हम लोग बस से बाहर निकल गए। यात्रा के दौरान बस में डीजल की गंध आने पर आदित्य ने खिड़कियों के कांच तोड़कर 40 लोगों को बाहर निकलने में मदद की थी। इसके तुरंत बाद ही बस ने आग पकड़ ली थी।

इंडियन काउंसिल ऑफ चाइल्ड वेलफेयर ने इस साल पांच विशेष पुरस्कार देने की घोषणा की है। इनमें आईसीसीडब्ल्यू मार्कंडेय अवॉर्ड, आईसीसीडब्ल्यू ध्रुव अवॉर्ड, आईसीसीडब्ल्यू अभिमन्यु अवॉर्ड, आईसीसीडब्ल्यू प्रह्लाद अवॉर्ड और आईसीसीडब्ल्यू श्रवण अवॉर्ड शामिल हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com