नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष अब जगत प्रकाश नड्डा हैं. रविवार को नड्डा ने अमित शाह की जगह ली. भाजपा के अध्यक्ष पद के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शाह ने नड्डा पर भरोसा जताया. लेकिन इसकी वजह क्या है? दरअसल, साल 1998 में हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने बतौर महासचिव नरेंद्र मोदी को राज्य भेजा. इस दौरान राज्य में कांग्रेस की सरकार थी और नेता विपक्ष जगत प्रकाश नड्डा थे. एक साथ काम करते हुए नड्डा और मोदी ने विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 9 से 31 की संख्या तक पहुंचा दिया.
एक रिपोर्ट के अनुसार बीजेपी के सूत्रों ने बताया कि नड्डा, अमित शाह की पहली पसंद नहीं थे. नड्डा के समर्थन में खुद प्रधानमंत्री मोदी थे. साथ ही नड्डा की छवि ने भी इसमें मदद की. पार्टी के नेता बताते हैं कि भाजपा ने उन्हें जो भी भूमिका सौंपी है, वह उस पर हमेशा खरे उतरे हैं. सूत्रों का कहना है कि अब जब नड्डा के हाथ में औपचारिक रूप से पार्टी की बागडोर है, तो यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में वह भाजपा में तीसरे पॉवर सेंटर रूप में कैसा काम कर पाएंगे.
नड्डा को शाह ने उत्तर प्रदेश का प्रभारी बना कर भेजा था, जहां से पार्टी ने ना सिर्फ विधानसभा चुनाव में जीत दिलाई, बल्कि लोकसभा में भी 80 में से 62 सीटें मिलीं. इससे पहले नड्डा आरएसएस नेता और संयुक्त महासचिव सौदान सिंह के साथ ही काम कर चुके हैं. तब बीजेपी ने छत्तीसगढ़ में हारी हुई बाजी को जीत में बदल दिया. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भी नड्डा की अहम भूमिका थी, जिसके चलते उन्हें पहली मोदी कैबिनेट में कैबिनेट मंत्री का पद मिला.
नड्डा पटना विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान एबीवीपी में शामिल हुए. कानून में डिग्री हासिल करने वाले नड्डा 1985 और 1989 के बीच ABVP के राष्ट्रीय महासचिव बने. दिल्ली में एबीवीपी के संगठन सचिव के रूप में नड्डा ने दिल्ली विश्वविद्यालय और जेएनयू में संगठन की जगह तैयार की. बाद में वह BJYM में शामिल हो गए, और 1991-93 के बीच मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बना रहे. इसी क्रम में वह धीरे-धीरे वह भाजपा में चले गए. साल 1993 में, उन्होंने हिमाचल में विधायक चुनाव जीता और अगले वर्ष भाजपा के विधायक दल के नेता बनाए गए. 1998 में, तीन साल बाद उन्हें राज्य का स्वास्थ्य मंत्री नियुक्त किया गया था.