नई दिल्ली। पिछले कई दिनों से दिल्ली के शाहीन बाग में CAA और NRC के खिलाफ प्रदर्शन चल रहा है। जिसे देश के दिग्गज पत्रकार भी कवर करने हेतु शामिल हुए हैं और कुछ पत्रकारों ने तो शाहीन बाग की शानदार महिलाओं के नाम से बड़े-बड़े शो भी चलाएं लेकिन अब जो खबर हम आपको बताने वाले हैं वह खबर पढ़कर आप चकित रह जाएंगे। क्या ऐसा वाकई में हो सकता है और खबर है ही इतनी महत्वपूर्ण कि आपको हमें कलेवर में बांधकर यह खबर बताना पड़ रहा है।
यह खबर है दिल्ली के शाहीन बाग में पिछले 1 महीने से चल रहे प्रोटेस्ट में जुड़ी हुई महिलाओं को लेकर, जिसमें की भारतीय जनता पार्टी के आईटी सेल हेड अमित मालवीय एक वीडियो शेयर कर यह दावा कर रहे हैं कि शाहीन बाग में जो महिलाएं धरने पर बैठी थी उन्हें 500 दिहाड़ी मिलती थी। बकायदा शिफ्ट के हिसाब से ही महिलाओं को वहां पर बिठाया जाता था। अमित मालवीय ने एक वीडियो शेयर कर यह दावा किया है और साथ ही साथ कहा है कि यह सारा खेल कांग्रेस का रचाया हुआ है।
एक शिफ्ट का लेती हैं 500 से 1200
मालवीय ने इसी बात से संबंधित एक वीडियो को अपने ट्विटर अकाउंट पर भी शेयर किया है। डेढ़ मिनट के इस वीडियो में एक युवक अन्य लोगों को यह समझाते हुए साफ तौर पर देखा जा सकता है कि नागरिकता संशोधन कानून यानी कि CAA के खिलाफ धरना प्रदर्शन पैसे लेकर और देकर किया जा रहा है। जिसमें की उक्त स्थल पर महिलाएं बकायदा शिफ्ट के जरिए आती है और 500 से लेकर 1200 रूपये तक बैठने का लेती है।
प्रदर्शन स्थल के बाहर जो दुकानें हैं उनका किराया भी नहीं लिया जाता है। आपको बता दें कि यह जो दुकानें हैं उनका किराया एक लाख से लेकर दो लाख के बीच बताया जा रहा है। इसी वीडियो में यह युवक आगे यह भी बताता है कि कालिंदी कुंज में जो महिलाएं प्रदर्शन कर रही हैं वह भी इतनी रकम लेती है। कोई पांच सौ लेती हैं तो कोई हजार रुपए तक लेती है। लेकिन जिम्मेवारी एक ही होती है कि लोग पूरे होने चाहिए जैसे उदाहरण के तौर पर मान लीजिए अगर 400 लोगों की जरूरत है तो 400 लोग और 500 लोगों की जरूरत है तो 500 लोग यानी कि टीम के हिसाब से ही महिलाएं वहां तक आती है। अब यह दावा कौन कर रहा है यह दावा कर रहे हैं भारतीय जनता पार्टी के आईटी सेल हेड अमित मालवीय जिसमें वह इस पूरे खेल को कांग्रेस का बता रहे हैं। आपको बता दें शाहीन बाग में पिछले एक माह से सीएए एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ प्रदर्शन हो रहा है।
अब इस तरह का वीडियो सामने आने से अन्य दलों और बुद्धिजीवियों में खलबली मचना लाजमी है। क्योंकि इस प्रोटेस्ट में जेएनयू जामिया के साथ-साथ कांग्रेस के भी दिग्गज नेता मणिशंकर अय्यर , शशि थरूर और भी कई बड़े नेता इस प्रदर्शन में पहुंचे थे। यह भी बताया जा रहा था कि इस प्रदर्शन में हरियाणा उत्तर प्रदेश पंजाब और भी अन्य राज्यों से भी प्रोटेस्टर आ रहे हैं और बैठ रहे हैं। देश के बड़े पत्रकार ने तो इस पर 1 घंटे का एक एपिसोड भी बनाया था।
जामिया इलाके के शाहीनबाग में प्रदर्शनकारी महिलाओं को लेकर यह वीडियो बीते 24 घंटे के दौरान तेजी से वायरल हुआ है. सोशल मीडिया में इस वायरल वीडियो में दो युवक चर्चा कर रहे हैं कि प्रत्येक महिला को प्रदर्शन में आने के लिए 500 रुपये दिए जा रहे हैं. नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएए) के खिलाफ सर्द मौसम में खुले आसमान तले एक महीना से ज्यादा समय से आंदोलन कर रहीं महिलाओं पर तोहमत लगाए जाने के जवाब में धरने पर बैठीं 71 वर्षीय सीमा आलम ने कहा, ‘हो सकता है कि 500 रुपये लेकर कोई किसी धरने में चला जाए, लेकिन यहां तो हम सभी पुलिस की गोली खाने को तैयार बैठे हैं. सीएए के खिलाफ जारी इस आंदोलन को जारी रखने के लिए हम अपनी जान देने को तैयार हैं.’ हालांकि टीवी डिबेटस में बीजेपी के प्रवक्ता साफ आरोप लगा रहे हैं कि पेड धरने के पीछे कांग्रेस के नेता हैं.
गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर जारी किए गए इस वीडियो में कहा गया है कि शाहीनबाग में धरना दे रहीं महिलाएं शिफ्ट के हिसाब से इस धरने में आती हैं. प्रत्येक शिफ्ट के लिए हर एक महिला को 500 रुपये का भुगतान किया जा रहा है. हन्हें रुपये कौन दे रहा है, न तो इसका खुलासा किया गया है और न ही इस वीडियो की सत्यता अभी साबित नहीं हो पाई है.
सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस वीडियो की चर्चा गुरुवार को शाहीनबाग में भी होती रही. प्रदर्शन कर रहीं महिलाएं व उनके साथ मौजूद युवाओं ने इस वीडियो को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की.
यहां चल रहे धरने में सैकड़ों घरेलू महिलाएं भी हिस्सा ले रही हैं. कई महिलाओं के साथ उनके बच्चे भी यहीं बैठे रहते हैं. अधिकांश महिलाएं किसी तरह के व्यवसाय या कामकाज से नहीं जुड़ी हैं. इनमें से एक बुजुर्ग महिला अशर्फी से जब 500 रुपये रोज दिए जाने की बात पूछी गई तो वह नाराज हो गईं और बात करने से ही मना कर दिया.
सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस वीडियो से स्थानीय युवा इतने नाराज थे कि उन्होंने इस पर अपना गुस्सा जाहिर करते हुए ज्यादा पूछताछ न करने को कहा. यहां मंच के पास बैठे फैसल ने कहा कि प्रदर्शन में हर दिन अलग-अलग इलाकों से महिलाएं खुद आती हैं, यहां भीड़ जुटाने के लिए अभी तक किसी को बुलाना नहीं पड़ा है.