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संसद कैंटीन से हट सकता है नॉनवेज, बोली लगाने वाली कंपनियां शुद्ध शाकाहारी

दिल्ली। संसद कैंटीन जल्द ही शाकाहारी हो सकती है. दरअसल, आईआरसीटीसी की ओर से परोसे जाने वाले भोजन की गुणवत्ता को लेकर मिल रहीं शिकायतों के बाद अब प्राइवेट पार्टियों से प्रस्ताव मांगा गया है, जिस पर विचार किया जा रहा है. बिड के लिए बोली लगाने वाली ज्यादातर कंपनियां शाकाहारी फूड चेन से जुड़ी हैं.

कयास लगाया जा रहा है कि संसद की कैंटीन का ठेका हल्दीराम या फिर बीकानेरवाला को मिल सकता है. अगर ऐसा होता है तो फिर मांसाहार खाना कैंटीन में नहीं मिलेगा. क्योंकि खाने के ये दोनों ही फूड चेन शुद्ध शाकाहारी हैं. इसे लेकर एक संसदीय पैनल का गठन होना बाकी है, इसलिए फैसला लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को लेना है.

पिछले शीतकालीन सत्र में लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला के सुझाव के बाद बिजनेस एडवाइजरी कमेटी ने इस मुद्दे पर चर्चा की थी. जिसमें सभी पार्टियों ने इस मसले पर सहमति जताई थी. अगर संसद की कैंटीन से सब्सिडी को हटा दिया जाता है तो इसमें 17 करोड़ रुपये सालाना की बचत होगी.

बता दें कि पिछली लोकसभा में कैंटीन में खाने का दाम बढ़ाया गया था और सब्सिडी का बिल कम कर दिया गया था, लेकिन अब सब्सिडी को पूरी तरह से खत्म करने की तैयारी है. संसद की कैंटीन में मिलने वाली सब्सिडी कई बार विवादों का हिस्सा रही है. बीते दिनों संसद की कैंटीन की रेट लिस्ट भी वायरल हुई थी. सब्सिडी के तहत देश के सांसदों के संसद की कैंटीन में खाना काफी कम दाम पर मिलता था.

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