श्रीनगर। आतंकवादियों को कार में ले जाते हुए गिरफ्तार हुए जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीएसपी देविंदर सिंह से पूछताछ में पता चला है कि वह लंबे समय से इन आतंकियों के संपर्क में थे। साथ ही यह भी खुलासा हुआ कि वह 2018 में भी इन आतंकियों को लेकर जम्मू गया था। यही नहीं, वह आतंकियों को अपने घर में पनाह भी देता था। जम्मू कश्मीर पुलिस फिलहाल देविंदर और उसके साथ पकड़े गए आतंकी नवीद से पूछताछ कर रही है।
आतंकियों का 3 जगह था हमले का प्लान!
इस बीच, सूत्रों के अनुसार डीएसपी देविंदर सिंह का इन आतंकियों के साथ लंबे समय से संपर्क था। सूत्रों ने बताया कि आतंकियों की दिल्ली, चंड़ीगढ़ और पंजाब में हमले की साजिश की थी योजना।
वीरता पुरस्कार से नवाजा जा चुका है देविंदर
देविंदर को 13 जनवरी को कुलगाम जिले में श्रीनगर-जम्मू नैशनल हाइवे पर एक कार में गिरफ्तार किया गया था। वह हिज्बुल कमांडर सईद नवीद, एक दूसरे आतंकी रफी रैदर और हिज्बुल के एक भूमिगत कार्यकर्ता इरफान मीर को लेकर जम्मू जा रहा था। बता दें कि अगस्त 2019 में देविंदर को राष्ट्रपति के हाथों वीरता पदक से सम्मानित किया जा चुका है। अब यह पदक छीन सकता है।
डीएसपी देवेंद्र के घर हथियारों का जखीरा
देवेंद्र सिंह की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने श्रीनगर के इंदिरा नगर स्थित उसके घर की तलाशी ली तो यहां हथियारों का जखीरा मिला। पुलिस ने यहां से 5 ग्रेनेड, 3 एके-47 राइफल बरामद किए हैं। सूत्र बताते हैं कि इस बात की आशंका है कि देवेंद्र सिंह ने पहले भी आतंकियों की मदद की है। अब पुलिस अधिकारी एयरपोर्ट पर सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रहे हैं।
बांग्लादेश में डॉक्टरी पढ़ रही हैं बेटियां
रिटायरमेंट के करीब पहुंच चुका देवेंद्र सिंह की उम्र इस वक्त 57 साल की है। उसकी एक संपत्ति श्रीनगर में दूसरी जम्मू में हैं। इसका परिवार त्राल में रहता है और यहां उसका सेब का बगान है। देवेंद्र के माता-पिता दिल्ली में उसके भाई के पास रहते हैं। देवेंद्र सिंह की पत्नी शिक्षक है और इसके तीन बच्चे हैं। दो बेटियां बांग्लादेश में डॉक्टरी पढ़ रही हैं, जबकि बेटा स्कूल जाता है।
पंजाब में पढ़ता है नवीद का दूसरा भाई
इस मामले की जांच में एनआईए ने भी दिलचस्पी दिखाई है और वह पुलिस रिमांड की अवधि खत्म होने के बाद देविंदर, नवीद और दूसरे आतंकियों को हिरासत में लेने की मांग कर सकती है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि नवीद की मां और उसका भाई फिलहाल जम्मू में हैं और वह शायद जवाहर टनल के जरिए सुरक्षित जम्मू जाने और वहां कुछ दिन बिताने के लिए सिंह को पैसे देता था। पुलिस ने बताया कि नवीद का एक दूसरा भाई पंजाब में पढ़ाई करता है।
आतंकी को घर ले गया था देविंदर
अभी तक की जांच के मुताबिक देविंदर शुक्रवार को इंदिरा नगर स्थित अपने आवास में नवीद को लेकर आया था। वे यहां से शनिवार को जम्मू के लिए रवाना हुए था। सिंह इंदिरा नगर में एक नया घर बनवा रहा है और उसका परिवार बगल में एक रिश्तेदार के घर रहता है। देविंदर पर इससे पहले भी कथित गैरकानूनी गतिविधियों में संलिप्तता, भ्रष्टाचार, उत्पीड़न, अधीनस्थ कर्मचारियों से हथियार छीनना और अपने पोस्टिंग इलाके में स्थानीय लोगों के उत्पीड़न जैसे कई आरोप लगे हैं।
नवीद वांछित कमांडरों में था
नवीद दक्षिणी कश्मीर में हिजबुल मुजाहिद्दीन का एक सबसे वांछित कमांडरों में से एक था। पुलिस को काफी समय से उसकी तलाश थी। खासतौर से 2018 में सेब बागानों में काम करने वाले गैर-कश्मीरी लोगों की हत्या में उसका नाम आने के बाद से। नवीद ने ‘सुरक्षित यात्रा’ के बदले में कितनी रकम दी थी, इसकी जांच अभी की जा रही है। देविंदर के साथ पकड़े गए दोनों आतंकियों पर करीब 20 लाख रुपये का इनाम था।
आतंक के साथ-साथ वकालत
डीएसपी देवेंद्र सिंह के साथ मौजूद दूसरा आतंकी रफी वकालत भी कर चुका था। उसे लोगों को फर्जी कागजातों के आधार पर पाकिस्तान ले जाने में महारत हासिल थी। सूत्रों ने बताया कि रफी को दस्तावेज तैयार करने थे जिसके जरिए ये लोग कानूनी तरीके से पाकिस्तान जा सकें। अब इस बात की जांच की जा रही है कि क्या इसके लिए नकली कागजातों का सहारा लिया जा रहा था। सूत्र बताते हैं कि आतंकियों को भागने में मदद करने के लिए देवेंद्र सिंह को 12 लाख रुपये दिए गये थे।
‘पिछले साल भी आतंकियों को लेकर जम्मू गया था’
एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘देविंदर पिछले साल भी इन आतंकियों को लेकर जम्मू गया था। इसलिए वे एक दूसरे पर भरोसा करते थे। पिछले साल की घटना के बारे में संभवत: किसी को भनक नहीं लग पाई। मीर शायद इस डील में बिचौलिए के तौर पर जुड़ा था।’ जम्मू कश्मीर पुलिस ने श्रीनगर में देविंदर के आवास पर छापा मारा और वहां से हथियार बरामद हुआ है। देविंदर इससे पहले पुलवामा में तैनात था, जहां नवीद और वे एक दूसरे के संपर्क में आए थे।