बगदाद । ईरान ने इराक में अमेरिका के दो सैनिक ठिकानों पर एक दर्जन से ज्यादा मिसाइलें दागी हैं। पेंटागन ने कहा कि ईरान ने इरबिल और अल असद इलाके में मौजूद उस एयरबेस को निशाना बनाया जहां अमेरिकी सेना और उसके सहयोगी बल ठहरे हुए हैं। हमले में अमेरिका की अगुवाई वाली गठबंधन सेनाओं को अभी तक किसी भी नुकसान की खबर नहीं है। इस हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि नुकसान और हताहतों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।
ट्रंप ने जताया दुख, बोले- कल दूंंगा बयान
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिकी बलों के ठिकाने पर हुए ताजा हमले पर दुख जताया है। ह्वाइट हाउस ने अपने बयान में कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति हालात पर करीबी नजर बनाए हुए हैं। ट्रंप को ईरान के हमले के बारे में जानकारी दी गई है। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा है कि सब ठीक है… ईरान ने इराक में दो सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमले किए हैं। हमले में हताहतों की संख्या का आकलन किया जा रहा है। हमारे पास दुनिया की सबसे ताकतवर सेना है। मैं कल सुबह बयान दूंगा।
ईरान बोला- यह तो बदले का पहला कदम है
समाचार एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक, हमले के तुरंत बाद अमेरिका के मिलिट्री जेट्स हरकत में आ गए और आसमान में उनकी हलचल देखी गई। पेंटागन ने बुधवार को हुए ताजा ईरानी हमले के बाद कहा कि वह हमले में हुए नुकसान का आकलन कर रहा है। वहीं ईरानी रिवॉलूशनरी गार्ड कमाडंर ने कहा है कि इराक में अमेरिका के एयरबेस पर ईरानी मिसाइलों का हमला पहला कदम है। वहींं अमेरिकी रक्षा मंत्री के सहायक जोनाथन हॉफमैन ने कहा है कि पेंटागन ताजा हमले से हुए नुकसान का आकलन कर रहा है।
ट्रंप ने दी थी चेतावनी
पिछले हफ्ते बगदाद हवाईअड्डे पर अमेरिका ने ड्रोन स्ट्राइक में ईरानी कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी General Qasem Soleimani को मार गिराया था। इसके बाद ईरान ने अमेरिका से बदला लेने की धमकी दी थी। ईरान की धमकी के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने बयान जारी कर उसे ऐसा नहीं करने की हिदायत दी थी। साथ ही कहा था कि ईरान के 52 सांस्कृतिक धरोहरें उसके निशाने पर हैं।
अमेरिकी बलों को वापस जाने को कहा
इस बीच इराक में लड़ रहे ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड ने अमेरिकी बलों को क्षेत्र से वापस जाने के लिए कहा है। ईरानी सैन्य बल की ओर से जारी बयान में कहा गया कि हम अमेरिका के सभी साथियों को चेतावनी देते हैं कि वे एक आतंकी सेना को अपने बेस इस्तेमाल न करने दें। खासकर इराक के संदर्भ में कहा गया है कि यदि क्षेत्र का कोई मुल्क अपनी धरती को ईरान के खिलाफ हमले में इस्तेमाल होने देता है तो उसको भी निशाना बनाया जाएगा।
ईरान बोला- हम युद्ध नहीं चाहते
इस बीच ईरानी विदेश मंत्री जावेद जरीफ ने कहा है कि हम युद्ध या टकराव नहीं चाहते हैं लेकिन हम किसी भी हमले का बचाव जरूर करेंगे। हम आत्मरक्षा के अंतरराष्ट्रीय कानूनों पर अमल करेंगे। वहीं अमेरिकी रक्षा मंत्री के सहायक जोनाथन हॉफमैन ने कहा है कि पेंटागन ताजा हमले से हुए नुकसान का आकलन कर रहा है।