नई दिल्ली । दिल्ली में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। आम आदमी पार्टी को जहां 2015 की प्रचंड जीत को दोहराने की उम्मीद है, वहीं बीजेपी 2019 लोकसभा चुनाव में अपने प्रदर्शन से आशावादी है। कांग्रेस भी लोकसभा चुनाव में अपने प्रदर्शन के आधार पर अपनी खोई जमीन वापस पाने की उम्मीद कर रही है। इस बीच एबीपी न्यूज-सी वोटर के ऑपिनियन पोल में दिल्ली में एक बार फिर आम आदमी पार्टी की जबरदस्त जीत की भविष्यवाणी की गई है। यह सर्वे 1 जनवरी 2020 से 6 जनवरी 2020 तक किया गया। सर्व का सैंपल साइज 13,076 था।
दिल्ली में किसको कितनी सीटों का अनुमान
एबीपी न्यूज-सी वोटर के सर्वे के मुताबिक 70 विधानसभा सीटों वाली दिल्ली में आम आदमी पार्टी पिछली बार की ही तरह एकतरफा जीत हासिल कर सकती है। AAP को 70 में से 59 सीटें मिल सकती हैं जो पिछली बार की 67 सीटों के मुकाबले 8 कम है। बात अगर बीजेपी की करें तो पिछली बार 3 सीट जीतने वाली बीजेपी के इस बार भी दहाई का आंकड़ा नहीं छूने का अनुमान है। उसे 8 सीटें मिल सकती हैं जो पिछली बार से 5 ज्यादा है। पिछली बार खाता तक नहीं खोल पाने वाली कांग्रेस के इस बार भी निराशाजनक प्रदर्शन का अनुमान है। सर्वे के मुताबिक कांग्रेस इस बार खाता खोलते हुए 3 सीटों पर जीत हासिल कर सकती है। 70 सीटों वाली दिल्ली विधानसभा में बहुमत के लिए 36 सीटों की जरूरत है।
किसको कितने वोटों का अनुमान
बात अगर वोट शेयर की करें तो सर्वे के मुताबिक आम आदमी पार्टी को दिल्ली में पड़ने वाले कुल वोटों में अकेले आधे से ज्यादा वोट मिलेंगे। APP को 53.3 प्रतिशत वोट मिलने का अनुमान जताया गया है। 2019 लोकसभा चुनाव में दिल्ली में जबरदस्त प्रदर्शन करने वाली बीजेपी को वोट शेयर के मामले में जबरदस्त नुकसान झेलना पड़ सकता है। उसे 25.9 प्रतिशत वोट मिलने का अनुमान है। सर्वे के मुताबिक कांग्रेस सिर्फ 4.7 प्रतिशत वोट ही जुटा पाएगी।
सीएम पद के लिए केजरीवाल 70 प्रतिशत लोगों की पसंद: सर्वे
एबीपी न्यूज-सी वोटर के ऑपिनियन पोल के मुताबिक दिल्ली में मुख्यमंत्री पद के लिए अरविंद केजरीवाल बड़े अंतर से जनता की पहली पसंद हैं। दिल्ली की सभी 70 सीटों पर हुए सर्वे के मुताबिक सीएम पद के लिए केजरीवाल 70 प्रतिशत लोगों की पसंद हैं। सर्वे में हिस्सा लेने वाले 11 प्रतिशत लोगों ने सीएम पद के लिए केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता हर्षवर्धन, 7 प्रतिशत ने कांग्रेस नेता अजय माकन और 1 प्रतिशत ने दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी को अपनी पहली पसंद बताया। सर्वे के नतीजों को माने तो साफ है कि केजरीवाल को दूर-दूर तक कोई टक्कर नहीं मिल रही है।
पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में पार्टियों का प्रदर्शन
2015 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की सुनामी चली थी, जिसमें कांग्रेस का तो खाता तक नहीं खुला था और बीजेपी महज 3 सीटों पर सिमट गई। केजरीवाल के नेतृत्व में AAP ने दिल्ली की 70 में से 67 सीटों पर जीत हासिल की जो 2013 के मुकाबले 39 सीटें ज्यादा थी। 2013 में 32 सीटें जीतने वाली बीजेपी मुश्किल से 3 सीट ही जीत पाई। बीजेपी से भी बुरा हाल कांग्रेस का रहा जो खाता तक नहीं खोल पाई जबकि 2013 में उसने 8 सीटें जीती थी। बात अगर 2015 के विधानसभा चुनाव में वोट शेयर की करें तो आम आदमी पार्टी ने 54.3 प्रतिशत वोट हासिल किए। बीजेपी को 32.3 प्रतिशत और कांग्रेस को 9.7 प्रतिशत वोट मिले थे।
2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने दिल्ली की सभी 7 सीटों पर जीत का परचम लहराया था। दिल्ली में बीजेपी को 56.58 प्रतिशत वोट मिले थे जबकि कांग्रेस 22.46 प्रतिशत वोट लेने में कामयाब रही। AAP वोट शेयर के मामले में तीसरे पायदान पर थी और उसे सिर्फ 18 प्रतिशत वोट मिले।