दिल्ली। ‘गांधी: लेखकों के लेखक’ दिल्ली में आयोजित होने वाले विश्व पुस्तक मेले की यह थीम रखी गई है. 4 जनवरी से प्रारंभ हो रहे विश्व पुस्तक मेले में इस वर्ष महात्मा गांधी पर एक विशेष मंडप तैयार किया जा रहा है. पुस्तक मेले में करीब 600 प्रकाशकों की हजारों पुस्तकें रखी जाएंगी. भारतीय प्रकाशकों के अलावा यूरोप और एशिया के 23 देशों की पुस्तकों को भी यहां स्थान दिया गया है.
4 जनवरी से शुरू होगा पुस्तक मेला
समाचार एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक विश्व पुस्तक मेला प्रगति मैदान में 4 जनवरी से 12 जनवरी तक के लिए आयोजित किया गया है. नेशनल बुक ट्रस्ट ऑफ इंडिया के एडिटर व प्रोजेक्ट इंचार्ज कुमार विक्रम के मुताबिक, मेले में कंटेंट पार्टनर के लिए अहमदाबाद के नवजीवन ट्रस्ट को चुना गया है. वहीं डिजाइन पार्टनर के तौर पर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइनिंग का चयन किया गया है.
विश्व पुस्तक मेले में इस बार पुस्तक प्रेमियों के लिए 1300 से अधिक स्टॉल्स लगाए जाएंगे. लेखकों, विद्वानों के साथ संवाद परिचर्चा का भी आयोजन किया जाएगा. इन कार्यक्रम में भाग लेने वाली मुख्य हस्तियां डॉ. राकेश पांडे, डॉ. वर्षा दास, अफलातून, अविनाश दूबे, डॉ विलियम, भास्करन, पूर्व न्यायमूर्ति नरेंद्र चपलगांवकर आदि हैं.
नेत्रहीन पाठकों के लिए विशेष पुस्तकें
मेले का उद्घाटन केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक करेंगे. मेले में नेत्रहीन पाठकों के लिए विशेष रूप से ब्रेल पुस्तकों को रखा गया है. राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के मुताबिक ऑल इंडिया कंस्ट्रेशन ऑफ द ब्लाइंड के सहयोग से दृष्टि बाधित पाठकों के लिए विशेष रूप से पुस्तकों का प्रकाशन किया गया है. अब तक हिंदी अंग्रेजी तथा अन्य भारतीय भाषाओं में 250 ब्रेल पुस्तकें प्रकाशित की जा चुकी है. दृष्टिबाधित पाठकों के लिए ब्रेल पुस्तकें विश्व पुस्तक मेले में रखी जाएंगी.
भारतीय भाषाओं की पुस्तकों व प्रकाशकों के साथ ही आबूधाबी, चीन, फ्रांस, जर्मनी, डेनमार्क, ईरान, जापान, इटली, मैक्सिको, शारजाह, नेपाल, पोलैंड, सऊदी अरब, सिंगापुर, स्पेन, श्रीलंका, लेटिन अमेरिका व कैरीबियन देशों के साथ ही अमेरिका और इंग्लैंड जैसे देश इस पुस्तक मेले में शामिल होंगे.
मेले में इस बार 3 विशेष कॉर्नर
पुस्तक मेले में इस बार 3 विशेष कॉर्नर होंगे जिनमें इंटरनेशनल इवेंट्स कॉर्नर हॉल नंबर 7 ए में, रिफ्लेक्शंस हॉल नंबर 8 में तथा लेखक मंच हॉल नंबर 12 में रखा गया है.
राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के मुताबिक मेले की थीम ‘गांधी लेखकों के लेखक’ रखने का उद्देश्य यह है कि महात्मा गांधी एक सफल लेखक, संपादक और स्वयं प्रकाशक भी थे. उन्होंने गुजराती हिंदी और अंग्रेजी भाषा में लिखा जिसे पढ़ने में पाठक विशेष रुचि रखते हैं.
प्रगति मैदान में होने वाले विश्व पुस्तक मेले में जहां 23 विभिन्न देश शिरकत करेंगे वहीं पाकिस्तान, बांग्लादेश व अफगानिस्तान जैसे पड़ोसी राज्य इस बार पुस्तक मेले का हिस्सा नहीं होंगे. इन तीनों ही देशों से कोई भी प्रकाशक आधिकारिक तौर पर पुस्तक मेले में शामिल नहीं हो रहा है.