नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने रविवार को राजधानी दिल्ली में ‘आभार रैली’ का आयोजन किया। इस रैली को पीएम नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया। पीएम मोदी को सुनने के लिए हजारों की संख्या में बीजेपी कार्यकर्ता रामलीला मैदान पहुंचे।
पीएम मोदी ने मंच पर आते ही सभी पार्टी नेताओं, कार्यकर्ताओं और दिल्ली की जनता का आभार व्यक्त किया। पीएम मोदी ने मंच से नागरिकता संशोधन कानून पर पहली बार चुप्पी तोड़ते हुए कहा, ‘अगर आपको मैं पसंद नहीं हूं, मोदी से नफरत है, तो मोदी के पुतले को जूते मारो, मोदी का पुतला जलाओ लेकिन देश के गरीब का ऑटो मत जलाओ, किसी की संपत्ति मत जलाओ। सारा गुस्सा मोदी पर निकालो। हिंसा के बल पर आपको क्या मिलेगा। कुछ लोग पुलिस वालों पर पत्थर बरसा रहे हैं। पुलिस वाले किसी के दुश्मन नहीं होते। आजादी के बाद 33 हजार हमारे पुलिस भाइयों ने शांति और सुरक्षा के लिए शहादत दी है। ये आंकड़ा कम नहीं होता है।’
इस कानून के कारण असुरक्षित महसूस कर रहे एक खास वर्ग की बड़ी आबादी में एक बार फिर से भरोसा पैदा करने के लिए माेदी ने रैली में मौजूद जनसैलाब से ‘विविधता में एकता’ का नारा लगवाया गया और लगे हाथ विपक्ष को सरकार के किसी भी फैसले में भेदभाव के तत्व सामने लाने की चुनौती दे डाली।
मोदी ने पूछा कि दिल्ली में सैकड़ों अवैध कॉलोनियों को वैध करके 40 लाख लोगों को अधिकार दिया तो क्या इसमें किसी से जाति, धर्म पूछा गया? उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की योजनाओं का फायदा देने में किसी का धर्म पूछा गया, किसी की जाति पूछी गई? मोदी ने कहा, ‘एक ही सत्र में दो बिल पारित हुए हैं। एक बिल में दिल्ली के 40 लाख लोगों को अधिकार दे रहा हूं और ये झूठ फैला रहे हैं कि मैं अधिकार छीनने वाला कानून बना रहा हूं। यह झूठ चलने वाला नहीं है, देश स्वीकार करने वाला नहीं है। मैं झूठ फैलाने वालों को चुनौती देता हूं, मेरे काम की पड़ताल कीजिए। कहीं पर दूर-दूर तक भेदभाव की बू आती है तो देश के सामने लाकर रख दीजिए।’
पीएम ने कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाया कि वह सीएए पर झूठ बोलकर अफवाह फैला रही है और मुसलमानों को डरा रही है। उन्होंने कहा, ‘इस बिल के पास होने के बाद कुछ राजनीतिक दल अफवाहें फैलाने में लगे हैं। वे लोग भ्रमित कर रहे हैं, भावनाओं को भड़का रहे हैं।’ मोदी ने कहा, ‘मैं इन भ्रम फैलाने वाले, झूठ बोलने वालों से पूछना चाहता हूं कि जब मैंने दिल्ली की सैकड़ों कॉलोनियों को वैध किया तो क्या किसी से पूछा था कि आपका धर्म क्या है, आपकी आस्था क्या है, आप किस पार्टी को वोट देते हैं, आप किस पार्टी के समर्थन हैं? क्या हमने आपसे कोई सबूत मांगे थे? 70 का सबूत लाओ, 75 का सबूत लाओ, 80 का सबूत लाओ, क्या हमने मांगा था?’
प्रधानमंत्री ने कहा कि दिल्ली की अवैध कॉलोनियों को वैध करने के केंद्र सरकार के इस फैसले का फायदा हिंदुओं, मुसलमानों सिखों, इसाइयों, जो भी यहां बसते हैं, उन सबको मिला। हमने ऐसा क्यों किया, क्योंकि हम देश से लगाव के कारण जीते हैं। हम सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के मंत्र को समर्पित हैं। अगर थोड़ा सा भी भगवान ने (बुद्धि) दी हो तो जरा उपयोग करो।
भारत की संसद ने लोकसभा और राज्यसभा ने आपके उज्ज्वल भविष्य के लिए दलित, पीड़ित, शोषितों के लिए सभी सांसदों ने इस बिल को पास करने में मदद की है। आप खड़े होकर देश की संसद का सम्मान कीजिए। देश की जनता द्वारा चुने गए हमारे सांसदों का पूरी ताकत के साथ सम्मान कीजिए। मैं भी आपके साथ जुड़कर देश के दोनों सदनों के सर्वोच्च सदन, लोकतंत्र के मंदिर, वहां बैठे हुए जनप्रतिनिधियों को उनको प्रणाम करता हूं, उनका अभिनंदन करता हूं, उनका धन्यवाद करता हूं।
उन्होंने रामलीला मैदान में आयोजित बीजेपी की ‘धन्यवाद रैली’ में अपनी संबोधन की शुरुआत ही ‘विविधता में एकता, भारत की विशेषता’ के नारे लगवाकर की। पीएम ने मंच से कहा, ‘मैं एक नारा बोलूंगा, आप लोगों को मेरे साथ दोहराना है। मैं कहूंगा विविधता में एकता, आप कहेंगे भारत की विशेषता।’ फिर पीएम ने लगातार चार पर यह नारा लगवाया। उन्होंने नागरिकता कानून पर कहा कि भारत की संसद ने लोकसभा और राज्यसभा ने आपके उज्ज्वल भविष्य के लिए दलित, पीड़ित, शोषितों के लिए सभी सांसदों ने इस बिल को पास करने में मदद की है। मोदी ने कहा, आप खड़े होकर देश की संसद का सम्मान कीजिए। देश की जनता द्वारा चुने गए हमारे सांसदों का पूरी ताकत के साथ सम्मान कीजिए।
सीएए के अस्तित्व में आने के बाद 12 दिसंबर को असम और मेघालय में शुरू हुआ विरोध-प्रदर्शन धीरे-धीरे पूरे देश में फैल गया और ज्यादातर जगहों पर इसने हिंसक रूप अख्तियार कर लिया। खासकर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। प्रदर्शन के दौरान बंगाल से लेकर केरल तक हिंसा हुई, प्रदर्शनकारियों ने आगजनी की, सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया और पुलिस वालों पर जमकर पत्थरबाजी की।
गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में नागरिकता संशोधन विधेयक (CAB) पर चर्चा के दौरान भी कई बार कहा कि इसमें किसी को नागरिकता देने के प्रावधान किए गए हैं, किसी की नागरिकता लेने के लिए। उन्होंने विधेयक में मुस्लिमों के शामिल नहीं किए जाने के मुद्दे