नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राष्ट्रीय राजधानी की 1734 अवैध कॉलोनियों को नियमित करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देने के लिए रामलीला मैदान में सुबह 11 बजे एक रैली आयोजित की है. पार्टी ने रविवार को रामलीला मैदान में आयोजित पार्टी की रैली में दो लाख की भीड़ जुटाने का दावा किया है. धन्यवाद मोदी रैली में प्रधानमंत्री मोदी दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के अभियान का बिगुल फूंकेंगे.
नागरिकता कानून के विराेध देशव्यापी विराेध काे देखते हुए रैली की सुरक्षा, बिना किसी विध्न के समापन कराना पुलिस के लिए बडी चुनाैती है इसीलिए आज दिल्ली में सुरक्षा के अद्भुत इंतज़ाम किये गए है. साथ पीएम मोदी इस रैली के जरिये दिल्ली में अल्पसंख्यकों के बीच caa को लेकर फैली भ्रांति को दूर करने के लिए सन्देश दिया जा सकता है. मोदी के निशाने पर आज कांग्रेस व आम आदमी पार्टी और उनके नेता होंगे.
दिल्ली में अवैध कॉलोनियों को नियमित करने से करीब 40 लाख लोगों को मालिकाना हक मिलने का रास्ता साफ हुआ है. भाजपा पदाधिकारियों ने आईएएनएस को बताया कि कुल 7 सांसदों, 281 मंडल अध्यक्षों, निगम पार्षदों, प्रकोष्ठों के अध्यक्षों को भीड़ जुटाने का लक्ष्य दिया गया है. हर मंडल से कम से कम पांच सौ लोगों को रैली में लाने के लिए पार्टी ने कहा है. पार्टी नेता भारी भीड़ जुटाकर भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने की तैयारी में जुटे हैं.
इसी मैदान पर कांग्रेस ने की थी भारत बचाओ रैली
कांग्रेस ने 14 दिसम्बर को इसी मैदान में भारत बचाओ रैली की थी. इस दौरान पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की माफी की मांग पर तंज कसते हुए कहा कि उनका नाम राहुल सावरकर नहीं है, वह राहुल गांधी हैं और माफी नहीं मांगेंगे. हालांकि इस बयान को लेकर महाराष्ट्र में सहयोगी पार्टी शिवसेना ने सवाल खड़े किए थे. राहुल का इशारा हिंदूवादी नेता दिवंगत विनायक दामोदर सावरकर द्वारा 14 नवंबर, 1913 को ब्रिटिश सरकार को लिखे गए माफी के पत्र की तरफ था, जिसे उन्होंने अंडमान के सेल्युलर जेल में बंद रहने के दौरान लिखा था.उल्लेखनीय है कि राहुल गांधी ने झारखंड में एक चुनावी रैली के दौरान ‘रेप इन इंडिया’ की टिप्पणी की थी, जिस पर भाजपा नेताओं ने संसद में उनसे माफी की मांग की थी. राहुल की इस टिप्पणी को लेकर संसद में काफी हंगामा हुआ था.
जामिया में ‘फेल’ होने के बाद, रामलीला-मैदान में ‘पास’ होने की चुनौती
बीते रविवार को दक्षिण-पूर्वी इलाके में राजधानी पुलिस बुरी तरह पस्त हुई या फिर कहिये ‘फेल’ हो गई. जामिया कांड के बाद दूसरा यानी अब अगला रविवार (22 दिसंबर 2019) जब आया तो जामिया से भी बड़ी चुनौती दिल्ली पुलिस के सामने मुंह बाये खड़ी है. वह है रविवार को मध्य दिल्ली के रामलीला मैदान में हो रही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विशाल रैली. जामिया में ‘हार की मार’ के जख्म दिल्ली पुलिस अभी सहला ही रही थी कि अब आज यानी रविवार को जामिया से भी बड़ा संकट दिल्ली पुलिस के सामने मौजूद है. देश के खुफिया विभाग के एक उच्च पदस्थ सूत्र ने शनिवार को कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी की इस बेहद संवेदनशील जनसभा में करीब एक लाख लोगों की भीड़ जुटने की संभावना है.’
‘प्रधानमंत्री मोदी को निशाना बना सकते हैं आतंकी’
पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी समूह 22 दिसंबर को रामलीला मैदान में होने वाली रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बना सकते हैं. इस संबंध में खुफिया एजेंसियों ने विशेष सुरक्षा समूह और दिल्ली पुलिस को सूचित किया है. केंद्रीय एजेंसियों ने सुरक्षा-व्यवस्था चुस्त कर दी है और प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए ब्लू बुक में निहित निर्देशों को पूरी तरह से लागू करने के लिए सुरक्षा प्रतिष्ठानों को निर्देश दिए हैं.
एजेंसियों ने कहा कि उनके पास ताजा जानकारी है कि रामलीला मैदान में प्रधानमंत्री को निशाना बनाने के लिए देश में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के गुर्गों को जुटाया गया है, जहां भारी संख्या में मीडियाकर्मी के मौजूद रहने की भी उम्मीद है.
रामलीला मैदान में सुरक्षा की जिम्मेदारी विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) और दिल्ली पुलिस संभालेंगे. निर्धारित रैली में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री भी मोदी के साथ मौजूद रहेंगे.
एजेंसियों ने यह भी कहा है, “ब्लू बुक के अध्याय 10 में निहित दिशानिर्देशों में शीर्षक ‘लोकतांत्रिक राजनीति में सुरक्षा व्यवस्था’ का पालन किया जा सकता है, ताकि कठोर और अव्यावहारिक उपायों से बचा जा सके.” एजेंसियों ने सुरक्षा प्रतिष्ठानों को उपयुक्त सुरक्षा व्यवस्था के साथ ही भीड़ को नियंत्रित करने के लिए भी अलर्ट कर दिया है.