दिल्लीदेश

पानी-हवा विवाद पर SC सख्त, केंद्र और दिल्ली सरकार को लगाई फटकार

नई दिल्ली। दिल्ली में पीने के पानी का विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि वह राष्ट्रीय राजधानी में जल प्रदूषण के मुद्दे पर स्वत: संज्ञान लेगा. इस मामले में केंद्र और दिल्ली सरकार को सभी संबंधित आंकड़ों के साथ तलब किया गया है, ताकि पता लगाया जा सके कि लोगों को पीने का स्वच्छ पानी मिल रहा है या नहीं.

कोर्ट ने कहा दिल्ली वालों को साफ पानी पीने का अधिकार है. हम जानना चाहते हैं कि दिल्ली में पानी की स्थिति क्या है? आप लोगों को भुगतना करना होगा. कोर्ट ने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव को कहा कि अगर आप लोगों के लिए काम नहीं कर सकते तो आपको सत्ता में रहने का अधिकार नहीं. आप को हर्जाना भरना होगा. या तो काम करिए या अपना पद छोड़ दीजिए.

बेंच ने सचिवों से पूछा कि आप हर आदमी को कितना पैसा दे सकते हैं. आप लोगों की जिंदगी की कीमत लगा सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा कि आप जानते हैं दिल्ली में कितने कैंसर के मरीज हैं, कितने दमे के मरीज हैं. ये सब प्रदूषण की वजह हो रहा है.

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में कचड़े पर कहा कि दिल्ली में स्थिति “नरक” से भी खराब है. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव को कहा कि प्रदूषण के मसले को लेकर राजनीति न हो. सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार को कहा कि दिल्ली में “स्मॉग टॉवर” एयर प्यूरीफायर लगाने को लेकर जवाब दाखिल करें. सुप्रीम कोर्ट में कहा कि हमारे आदेश के बाद भी स्थिति खराब होती जा रही है, ये बेहद चौकानें वाला है.

जस्टिस अरुण मिश्रा ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि दिल्ली वासी गैस चैंबर में रहने को मजबूर हैं, तिल तिल मरने की बजाए क्यों नहीं लोगों को एक साथ ही मार दिया जाए. दरअसल राज्य सरकारों के वायु प्रदूषण पर रोक लगाने से नाकाम होने पर कोर्ट ने कहा कि लोग तिल तिल कर मर रहे हैं तो आप उन्हें एक साथ क्यों नहीं मार देते. गैस चैंबर बनाने से अच्छा है कि क्यों नहीं 15 बोरे विस्फोटक से पूरी दिल्ली को एक साथ उड़ा ही दिया जाए.

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव ने कोर्ट को बताया कि पराली जलाने को लेकर 1000 FIR दर्ज हुई और करीब 1 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को कहा कि पहले सकारात्मक कदम उठाएं उसके बाद दंडात्मक. सेटेलाइट इमेज ये बता रही है कि वेस्ट यूपी में पराली जलाई गई है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com