ब्राजीलिया. रूस ने साफ कर दिया है कि भारत को बहुपयोगी एस-400 मिसाइल सिस्टम तय वक्त पर ही उपलब्ध कराया जाएगा। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को ब्रिक्स सम्मेलन के इतर यह बयान दिया। पुतिन का यह बयान इसलिए बेहद अहम है क्योंकि अमेरिका लगातार भारत पर यह दबाव डाल रहा था कि वो इस सौदे को रद्द कर दे। पाकिस्तान ने भी कहा था कि इससे दक्षिण एशिया में हथियारों की दौड़ तेज होगी और क्षेत्रीय असंतुलन बढ़ेगा।
हालांकि, भारत ने भी साफ कर दिया था कि एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम उसकी सुरक्षा के लिए आवश्यक है। भारत ने 5 एस-400 मिसाइल सिस्टम की खरीद के लिए रूस के साथ पिछले साल 39 हजार करोड़ रु. की डील की थी।
निर्धारित कार्यक्रम पर ही अमल करेंगे
पुतिन ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने ब्राजील आए थे। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शिरकत की थी। गुरुवार को सम्मेलन की समाप्ति के बाद मीडिया ने एस-400 मिसाइल सिस्टम सौदे पर पुतिन से सवाल किए। अमेरिका की भारत को चेतावनी का भी जिक्र हुआ। इस पर पुतिन ने, “जहां तक एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम भारत को सौंपने का सवाल है तो यह तय वक्त पर ही होगा। पीएम मोदी ने हमसे इस कार्यक्रम में तेजी लाने को नहीं कहा है। क्योंकि, सभी चीजें सामान्य तरीके से चल रही हैं।”
एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम
पाकिस्तान ने रूस से यह सिस्टम खरीदने की कोशिश की थी। लेकिन, रूस ने तब साफ कर दिया था कि वो भारत की रक्षा जरूरतों के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाएगा। एस-400 मिसाइल सिस्टम, एस-300 का अपडेटेड वर्जन है। यह 400 किलोमीटर के दायरे में आने वाली मिसाइलों और पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों को भी खत्म कर देगा।
एस-400 डिफेंस सिस्टम एक तरह से मिसाइल शील्ड का काम करेगा, जो पाकिस्तान और चीन की एटमी क्षमता वाली बैलिस्टिक मिसाइलों से भारत को सुरक्षा देगा। यह सिस्टम एक बार में 72 मिसाइल दाग सकता है। अमेरिका के सबसे एडवांस्ड फाइटर जेट एफ-35 को भी गिरा सकता है। वहीं, 36 परमाणु क्षमता वाली मिसाइलों को एकसाथ नष्ट कर सकता है।